25 साल मीडिया में रहे। प्रिंट और टीवी दोनों में काम। 11 किताबें प्रकाशित। पांच साल तक भारत की लगातार आठ यात्राएँ की हैं। वर्तमान में भारत में इस्लाम के फैलाव पर शोध और लेखन जारी। गरुड़ प्रकाशन से पहला भाग छपा है।
इस्लाम जहाँ है, समाचारों में है। भारत में कश्मीर, बंगाल होकर केरल तक समाचार माध्यमों में उसकी चर्चा अधिकतर नकारात्मक है और फ्रांस समेत ऐसा ही अन्य देशों में है।
द केरल स्टोरी हर उस परिवार को देखनी चाहिए, जिसके यहाँ बेटी है, जिसके संबंधियों में किसी के यहाँ भी एक बेटी है और जिसके पड़ोस में किसी भी घर में एक बेटी है।
मोहम्मद अशफाक, शाहीन फिरदौस, फरहत खान, इफ्तिखारुद्दीन या इनामुर्रहमान को यह भान भी नहीं होगा कि वे अपने आचरण से स्वयं को विध्वंसक विचार की मध्ययुगीन मेगा मशीन के गंदे कलपुर्जे बनाए हुए हैं!