प्रोपेगेंडा पोर्टल 'द वायर' बड़ी चालाकी से अपने हैडलाइन में ऐसे शब्द लिखता है जैसे कोर्ट ने अपराधी संजीव भट्ट को उम्र कैद की सजा उसके 30 साल पुराने अपराध के कारण नहीं बल्कि 'मोदी के गुजरात दंगों शामिल' होने की बात कहने के लिए दिया गया है।
रिंकी बेगम बताती हैं कि उनके घर के पीछे पाँच लोगों को दफनाया गया है, इनमें उनका दस महीने का बेटा भी है। इसी गाँव की गुड्डी कहती हैं, "हम गरीब लोग इज्जत की मौत भी नहीं मर सकते। हमें कब्रों के ऊपर ही बैठना और चलना पड़ता है। घर में जगह की कमी है।"
अगर टीम इंडिया मैदान में भगवा रंग की जर्सी पहनकर उतरती है, तो भगवा शब्द सुनते ही किलकारियाँ मारने वाला देश का एक बड़ा वर्ग खुद को कोड़े मारते हुए देखा जा सकता है। संसद से लेकर क्रिकेट वर्ल्डकप तक भगवाकरण होता देखना कुछ लोगों को जरूर दुःख दे सकता है।
"मैं चाहती हूँ कि वे (रोशन परिवार) अभी रुहेल को स्वीकार करें क्योंकि वे मेरे जीवन को नरक बना रहे हैं और मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती... वे नहीं चाहते कि मैं उनसे (रुहैल) मिलूँ। मैं शादी के बारे में कुछ नहीं जानती, लेकिन अभी मैं रूहेल के साथ रहना चाहती हूँ। सिर्फ़ इसलिए कि वह मुस्लिम है, वे (रोशन परिवार) उसे स्वीकार नहीं कर रहे।"
अगर कॉन्ग्रेस की माँग पर डीएमके अध्यक्ष हामी भर देते हैं तो उनकी पार्टी के खाते में महज एक ही सीट आएगी। हालाँकि कॉन्ग्रेस की इस माँग पर डीएमके गंभीरता से विचार कर रही है। लेकिन ये बात भी सच है कि डीएमके के पास ऐसी कोई मजबूरी नहीं है कि वो इस माँग को स्वीकारे।
प्रमुख विपक्षी पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते राष्ट्रपति की बातों को सुन कर चर्चा में सक्रियता से हिस्सा लेना कैसे संभव हो पाएगा, जब वह अभिभाषण में क्या कहा जा रहा है, यह सुने ही नहीं? राहुल गाँधी से सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल किया कि वह अपना दायित्व भूल कर फोन में क्यों लगे हुए हैं?
"एक दिन दाऊद पोरबंदर से मुंबई लौट रहा था, तो उसकी कार में पीछे की सीट पर बैठे उसके साथी ने गोली चलाई, यह गोली ग़लती से दाऊद को लग गई थी, जबकि निशाना विरोधी करीम लाला के क़रीबी आलमजेब पर था। यह गोली दाऊद की गर्दन में लगी थी। तभी उसे बड़ौदा के सयाजी हॉस्पिटल ले जाया गया था।"
1990 में भारत बंद के दौरान गुजरात के जामनगर में हिंसा हुई थी। उस समय संजीव भट्ट वहाँ पर एएसपी के रूप में पदस्थापित थे। उस दौरान पुलिस ने 133 लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिसमें से 25 घायल हुए थे। उस दौरान प्रभुदास नामक व्यक्ति की हिरासत में ही मौत हो गई थी।
"जब 2009 में NDTV के शेयर्स 140 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बिक रहे थे, तब रॉय ने मात्र 4 रुपए प्रति शेयर की दर से इन्हें ख़रीदा था। इसके बाद रॉय ने उसी दिन सभी ख़रीदे गए शेयर्स को RRPR होल्डिंग नामक कम्पनी को बेच दिया था। इससे रॉय को 200 करोड़ रुपए का 'Capital Gain' हुआ था।"
केरल में अपनी सहकर्मी पर धारधार हथियार से वार कर उन्हें जिंदा जलाने वाले पुलिसकर्मी एजाज़ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। महिला पुलिस ऑफिसर सौम्या पर पेट्रोल डालकर उन्हें जिंदा जलाने के दौरान एजाज़ भी बुरी तरह (40%) झुलस गया था, इसी कारण उसकी भी मौत हो गई।