उस समय के कैबिनेट मंत्री मोरारजी देसाई ने तो विपक्षी दलों को भी इस संधि के खिलाफ एकसाथ होने की सलाह दे डाली थी। तत्कालीन गृहमंत्री गोविन्द बल्लभ पन्त भी पाकिस्तान को दी जाने वाली इस आर्थिक राशि से नाखुश थे। वो चाहते थे कि इस आर्थिक राशि का उस धन के साथ सामन्जस्य बैठाया जाए, जो हिन्दू शरणार्थी पाकिस्तान में छोड़ कर आ चुके थे।
सीमा से सटे इलाके में हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी गाड़ियों और मोटरसाइकिल से आए थे। जहॉं हमला किया गया वह संवेदनशील इलाका है। आतंकियों के खिलाफ अभियान में वायुसेना को भी जुटना पड़ा।
महिला का अपहरण जबरन इस्लामी धर्मान्तरण कराने के मकसद से किया गया। ये घटना तब हुई, जब वह अपने पिता के घर गई थी। उसका अपहरण करने वाले तीनों आरोपित हैं- मोहम्मद नाहिद हसन, मोहम्मद नसीर हैदर और मोहम्मद सबुज।।
190 लोगों को निशाना बनाकर 159 यौन अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधी की पहचान सार्वजनिक कर दी गई है। रिनहार्ड को अदालत ने चार अलग-अलग मुक़दमों में 136 बलात्कार, 8 बलात्कारों की कोशिश और 14 अन्य यौन अपराधों का दोषी पाया है।
1990 में जब इराक़ ने कुवैत पर हमला किया था, तब वहाँ से 1 लाख 70 हज़ारो भारतीयों को निकाला गया था। लगभग ढाई महीने चली उस प्रक्रिया में एयर इंडिया की 488 फ्लाइट्स ने उड़ान भरी थी। आज खाड़ी देशों में हमारे 1 करोड़ लोग हैं।
पाक के विदेश मंत्री ने कहा कि छात्रों और प्रोफेसरों की पिटाई की जा रही है। जेएनयू में छात्रों पर हमले से पता चलता है कि भारत में असहिष्णुता तेज़ी से बढ़ रही है। पाक मंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरएसएस के साथ मिल छात्रों को पीटा।
चीनी प्रशासन गर्भपात को मुस्लिमों के ख़िलाफ़ एक हथियार की तरह इस्तेमाल करता है। उनकी मुस्लिम होने की पहचान को समय से पहले ही मिटाया जा रहा है। उनके बच्चों को पैदा होने से पहले ही मारा जा रहा है।
जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या होने के बाद ईरान ने अमेरिका की सभी सेनाओं को आतंकी घोषित कर दिया है। इसके बाद अब ईरान अपने क्षेत्र के आसपास मौजूद अमेरिकी सेना पर कार्रवाई कर सकता है। ईरानी संसद के मुताबिक, अब पश्चिमी एशिया में.......
यह हमला बगदाद में एयरपोर्ट पर अमेरिकी रॉकेट हमले में ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद हुआ है। बगदाद स्थित ग्रीन ज़ोन में लगातार यह दूसरा हुआ हमला है। इससे पहले, शनिवार की रात को भी रॉकेट से अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट से हमला किया गया था।
"आज मुझे अपने भाई की लाश उठानी पड़ रही है। कल को मेरे और भी हिन्दू, सिख और ईसाई भाइयों को इस स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। पाकिस्तान दुनिया भर में ढिंढोरा पीटता है कि यहाँ अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। लेकिन हमारी हालत देखिए, हम रोते-बिलखते आपके सामने खड़े हैं।"