दूसरे देशों की सम्प्रभुता में हस्तक्षेप की नीति और कुछ नहीं, साम्राज्यवाद ही है। अमेरिका हिंदुस्तान के मुस्लिमों की चिंता छोड़ कर अपनी खुजली का इलाज करे।
अब ये पाक के ऊपर है कि उसके साथ कैसा व्यवहार हो, अगर वाकई वह चाहता है कि भारत आतंक रोधी अभियान के तहत उसे कठोर कदमों का सामना न करना पड़े तो, कस्मों-वादों के चक्कर में न पड़के आतंक की कमर तोड़ने में लग जाए। नहीं तो क्या पता अगली बार भारतीय जवान जिस गति और मजबूती से कश्मीर सहित देश के हर उस हिस्से से जहाँ से आतंक की बू आ रही है, साफ कर रहे हैं, बेमुरव्वत आतंकियों को ठिकाने लगा रहे हैं। कल को पाक की सिर्फ कमर तोड़ने के लिए छोटे-मोटे सर्जिकल स्ट्राइक नहीं बल्कि जड़ से आतंक के नासूर को उखाड़ फेंकने के लिए कोई और तरीका ही ईजाद कर लें!
गुलालाई इस्माइल के पिता प्रोफेसर मोहम्मद इस्माइल ने 4 जून को एक ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों के हाथों उनके परिवार का उत्पीड़न हो रहा था।
इस गंभीर आरोप को अमेरिकी राष्ट्रपति ने सिरे से खारिज कर दिया और कहा, “मैं अपने जीवन में इस महिला से कभी नहीं मिला।” अपने बयान में ट्रंप ने इस आरोप को फर्जी खबर बताया और सवाल किया कि इस घटना का कोई सबूत या गवाह क्यों नहीं है?
हालाँकि, अपनी इस हरकत पर लोगों की प्रतिक्रिया देखने के बाद लड़के ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर माफी माँग ली है। लेकिन लोगों का गुस्सा उसके प्रति शांत नहीं हो रहा है।
इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के भीतर बंद कमरे में योग किया गया। इसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के स्थायी प्रतिनिधी सैयद अकबरुद्दीन ने दी। उन्होंने इस दौरान उम्मीद जताई कि जनरल असेंबली हॉल में किया गया ये पहला इनडोर योग सत्र योग करने वालों के लिए भविष्य में इसके महत्ता को और अधिक सुदृढ़ करेगा और खुशहाली लेकर आएगा।
फारस की खाड़ी में अमेरिका के युद्धपोत तैनात हो चुके हैं। ईऱानी नौसेना भी इस इलाके में अपनी तैनाती बढ़ा चुकी है। आशंका है कि ईरान औऱ अमेरिकी नौसेना के बीच टकराव की वजह से दूसरे देशों के पोत चपेट में आ सकते हैं। इसीलिए भारतीय व्यापारिक पोतों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये भारतीय नौसेना ने अपने दो पोत वहाँ भेजे हैं।
ईरान के अमेरिकी ड्रोन मार गिराने की खबर के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रूड यानी कच्चे तेल की कीमतों में आग लग चुकी है। कुछ ही मिनटों में क्रूड की कीमतों में 3% से ज्यादा का उछाल देखा गया। अगर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने रहते है या युद्ध की नौबत आती है तो कच्चा तेल के दाम में 10% की बढ़ोतरी का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।
यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ है जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने इरान पर उनके ड्रोन पर मिसाइल हमला करने का आरोप लगा चुका है। बीते हफ्ते जून 13, 2019 को ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर भी हमले किए गए थे लेकिन यह हमले किसने किए थे इसके बारे में साफ नहीं हो सका। हालाँकि अमेरिका ने हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।