लोकसभा चुनावों में अपनी वामपंथी पलटन और मीडिया गिरोह के बलबूते बेगूसराय से ‘सांसद’ बनने के सपने देखने वाले कन्हैया कुमार को नतीजों वाले दिन जमीन पर मुँह के बल गिरना पड़ा था। 4 लाख वोटों से हारे थे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सरगना। स्थिति ये थी कि चुनाव प्रचार तक में लोग उनका चेहरा नहीं देखना चाहते थे। वो तो स्वरा भास्कर जैसे मौक़ापरस्त कलाकारों का भला हो, जिन्होंने कैंपेनिंग में पहुँचकर लोगों को इकट्ठा कर लिया। वरना जिग्नेश मेवानी जैसे नेताओं को अपनी मम्मी कसम खाकर लोगों को यकीन दिलवाना पड़ रहा था कि कन्हैया कुमार वाकई अच्छा आदमी है।
खैर, ये सब पुरानी बातें हैं। लोकसभा चुनाव के बाद तो कन्हैया कुमार कई मसलों को लेकर चर्चा में आए। आजकल उन्हें सीएए/एनआरसी के प्रदर्शनों में देखा जाता है। उनकी लोकप्रियता का आलम ये है कि ट्विटर पर उन्हें हर बात पर दुत्कार मिलती है। लेकिन, इतने सबके बावजूद उनके गिरोह के लोगों की हिम्मत देखिए, वो आज भी कन्हैया कुमार के लिए जनसंपर्क का काम कर रहे हैं। इसी सूची में एक नाम बिग बीसी करने वाले बीबीसी का है। जो अपने प्रोपगेंडा के चलते न केवल कन्हैया कुमार की इमेज बिल्डिंग कर रहा हैं, बल्कि अपने पाठकों को ये सूचना दे रहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार, कन्हैया कुमार की बढ़ती लोकप्रियता से चिंता में है।
जी हाँ। रॉयटर्स का हवाला देकर बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नरेंद्र मोदी के एक क़रीबी ने उन्हें खुद जानकारी दी है कि युवाओं और वोटरों के बीच कन्हैया कुमार की लोकप्रियता से मोदी सरकार चिंतित है।
कन्हैया कुमार की लोकप्रियता से चिंतित हैं मोदी सरकार-प्रेस रिव्यू https://t.co/hsV5gUKA2Q
— BBC News Hindi (@BBCHindi) January 16, 2020
अब ये खुद सोचिए, क्या सच में! गिरोह की लाख कोशिशों के बाद भी जिस प्रधानमंत्री को भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री होने का तमगा प्राप्त हो, उन्हें या उनकी सरकार को कन्हैया कुमार की लोकप्रियता चिंता में डालेगी। क्या सच में! जनता की भलाई में जुटी सरकार जेएनयू के कन्हैया कुमार की लोकप्रियता को लेकर शोक मनाएगी। क्या वाकई! जो व्यक्ति देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन चुके हों, जिनके नेतृत्व के गुणगान अमेरिका, रूस करे। जिनकी प्रतिबद्धता का लोहा उनके निर्णयों में दिखे, जिन्हें मुस्लिम देश अपने मुल्क में बुलाकर सम्मान दें। उन्हें या उनकी सरकार को कन्हैया कुमार के बढ़ते कद की फिक्र सताएगी? शायद नहीं और बिलकुल नहीं। इसलिए बिग बीसी को समझ जाना चाहिए कि हर कोई कन्हैया कुमार की तरह डॉक्टर की डिग्री हासिल करने के बाद प्रदर्शनों का ठेका नहीं उठाता, तो वो तो प्रधानमंत्री मोदी हैं। जिनके आत्मविश्वास ने उन्हें दोबारा देश का प्रधानसेवक बनाया।
लेकिन, इतने सबके बावजूद बिग बीसी की नीयत को देखकर लगता है कि वो मानकर चल रहे हैं कि उनके लेख छापने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में खलबली मच गई है। उनके सभी नेता अपनी कमियों पर सोच-विचार कर रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री करीब तीन दिनों से सो नहीं पाए हैं और अमित शाह को भाजपा के कोर ग्रुप की मीटिंग करते देखा गया है क्योंकि शाहीन बाग में कन्हैया के जाने के बाद अब सरकार गिरना तय है।
मगर रुकिए! जरा इसी रिपोर्ट पर उन ट्विटर यूजर्स का रिएक्शन देखिए। जिन सोशल मीडिया यूजर्स के लिए बीबीसी ने इतना प्रोपगेंडा तैयार किया, वो कैसे अपने विवेक से उसी को तार-तार कर रहे हैं।
बीबीसी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स न केवल कन्हैया कुमार की खिल्ली उड़ा रहे हैं, बल्कि बीबीसी की रिपोर्ट के लिए उसे हमेशा की तरह धिक्कार रहे हैं। उसे तलवे चाटने वाला चैनल बता रहे हैं। डूब मरने की बात कर रहे हैं। गद्दार कह रहे हैं। साथ ही ये भी कह रहे हैं कि चिरकुट चिलगोजे को बिहार ने उसकी औकात बता दी। अब बारी बीबीसी की है।
कहीं डूब मरो…अगर चुल्लू भर पानी मिल जाय बीबीसी वालों। गजब गद्दारी है तुम्हारे अंदर। इस चिरकुट चिंलगोंजे की औकात बिहार ने पूरे देश को बता दी है..अब तुम्हारा नंबर है।#boycottbbc
— डा.सीमा (@seematri6) January 16, 2020
बता दें, सोशल मीडिया यूजर्स का पूछना है, “अभी चार महीने पहले कन्हैया कुमार की जमानत जब्त हुई है बेगूसराय में! कौन सी लोकप्रियता से मोदी चिंतित हैं जमानत जब्त वाली।”
अभी चार महीने पहले कन्हैया कुमार की जमानत जब्त हुई है बेगूसराय में! कौन सी लोकप्रियता से मोदी चिंतित हैं जमानत जब्त वाली?
— pramila (@pramila2710) January 16, 2020
गौरतलब है कि इसके अलावा बीबीसी को ऐसी आधारहीन खबरें चलाने पर लोकप्रियता का असली मतलब समझाया जा रहा है। और यूजर्स कन्हैया के लिए लिख रहे है, “कन्हैया कुमार सिर्फ मीडिया वालों के लिए लोकप्रिय है, आम जनता कन्हैया कुमार का नाम भी सुनना नही चाहती है, लोगों का खून खोल उठता है, लोग उसे देशद्रोही और गद्दार, टुकड़े टुकड़े गैंग का आदमी बुलाते हैं, और यह भी कहते हैं लोग जो देश का नहीं वह किसी का नहीं हो सकता है।”
एक अन्य यूजर बीबीसी और अन्य मीडिया गिरोह को लताड़ लगाते हुए कहता है, “कन्हैया कुमार जैसे देशद्रोही का महिमा मंडन सिर्फ़ BBC न्यूज़, NDTV और कुछ दलाल मीडिया वाले ही करते हैं।”
कन्हैया कुमार सिर्फ मीडिया वालों के लिए लोकप्रिय है, आम जनता कन्हैया कुमार का नाम भी सुनना नही चाहतीं हैं, लोगों का खून खोल उठता है, लोग उसे देशद्रोही और गद्दार, टुकड़े टुकड़े गेंग का आदमी बुलाती हैं, और यह भी कहते हैं लोग जो देश का नहीं वह किसी का नहीं हो सकता है।
— MADHU SURANA (@madhu_surana) January 16, 2020