पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मीडिया से अपील की है कि कोर्ट की सुनवाई, आदेश और फैसलों की रिपोर्टिंग के दौरान जजों के नाम प्रकाशित न किए जाएँ, यह अपील विशेष रूप से संवेदनशील मामलों को ध्यान में रखते हुए की गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक लिखित पत्र के माध्यम से इस अपील को पत्रकारों तक पहुँचाया है। इस पत्र में कहा गया है कि, “हाईकोर्ट के माननीय जजों की सुरक्षा के मद्देनजर, रिपोर्टिंग करते समय उनके नाम प्रकाशित न किए जाएँ।”
यह कदम हाल ही में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है। जहाँ सितंबर में व्यक्ति ने हाईकोर्ट के एक जज के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) से हथियार छीनकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने खुद इस मामले का संज्ञान लेते हुए एक स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) मामला शुरू किया था।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की बेंच ने उस घटना के बाद संबंधित जज की सुरक्षा को बढ़ाने और पंजाब पुलिस को उनकी सुरक्षा व्यवस्था से हटाने का आदेश दिया था।
[BREAKING] Punjab and Haryana High Court asks media not to name judges while reporting court proceedings, judgments
— Bar and Bench (@barandbench) December 19, 2024
report by @sofiahsan https://t.co/oud0z6Zd2W
हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मीडिया को यह निर्देश उस घटना के मद्देनजर जारी किया गया है या किसी अन्य कारण से। हाईकोर्ट ने इस अपील को जजों की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है, खासतौर पर संवेदनशील मामलों में जहाँ जजों की जान को खतरा हो सकता है। मीडिया से उम्मीद की गई है कि वह इस अपील का सम्मान करते हुए न्यायिक प्रक्रिया और जजों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।