Thursday, November 14, 2024
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फ़ैक्ट चेक: PM मोदी के हेलीपैड के लिए हज़ारों पेड़ काटे जाने की ख़बर का सच

ऐसी फ़र्ज़ी ख़बरों से भ्रामकता की स्थिति बनती है और कई लोग सच्चाई को नहीं जान पाते क्योंकि गलत ख़बर चलाने वाले संस्थान (इस मामले में द हिन्दू, स्क्रॉल, इंडियन एक्सप्रेस आदि) कभी भी अपनी गलती स्वीकार कर सच्ची ख़बर नहीं बताते।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुर्दा-बलांगिर रेलवे लाइन को हरी झंडी दिखाने के लिए 15 जनवरी को ओडिशा के बलांगिर पहुँचे थे। प्रधानमंत्री का यह दौरा हेलिपेड निर्माण के लिए हजारों पेड़ काटे जाने की ख़बर के बाद विवाद में आ गया था। दरअसल 14 जनवरी को पीटीआई ने एक ख़बर अपडेट किया, जिसके बाद इस ख़बर को आधार बनाकर कई सारे मुख्यधारा की मीडिया वेबसाइट ने प्रधानमंत्री के हेलीपेड के लिए 1000-1200 पेड़ काटे जाने की ख़बर को प्रमुखता से वेबसाइट पर अपडेट किया।

पीटीआई ने डिविजनल फ़ॉरेस्ट ऑफिसर (बलांगिर) समीर सतपथी के स्टेटमेंट को आधार बनाकर यह रिपोर्ट तैयार कर दिया। अपने स्टेटमेंट में सतपथी ने कहा कि फ़ॉरेस्ट विभाग से अनुमति लिए बग़ैर हेलीपेड बनाने के लिए पेड़ों को काटा गया, इस मामले में जाँच का आदेश दे दिया गया है। फ़ॉरेस्ट विभाग के एक अधिकारी के बयान के बाद पीटीआई जैसी संस्थान में काम करने वाले रिपोर्टर ने ग्राउंड पर जाकर सच जानने की कोशिश नहीं की। हालाँकि, PTI की ख़बर में ‘alleged’ शब्द का इस्तेमाल हो रहा है, फिर भी देश के इतने बड़े संस्थान के द्वारा ऐसी ख़बर को ‘कथित’ (alleged) कहकर आगे बढ़ा देना आलस्य ही कहा जा सकता है।

इसका परिणाम यह हुआ कि प्रधानमंत्री से जुड़ी गलत ख़बर को लगभग सभी संस्थानों ने अपनी वेबसाइट पर अपडेट किया। इसके बाद हमने देखा कि 13 जनवरी 2019 को द हिन्दू ने अपने वेबसाइट पर एक ख़बर पब्लिश की है। इस ख़बर में इस बात का जिक़्र है कि ‘अर्बन प्लांटेशन प्रोग्राम’ के अंतर्गत 2.25 हेक्टेयर जमीन रेलवे विभाग ने 2016 में अपने अधीन लिया था। हेलीपेड बनाने के लिए कुछ खाली जमीन की ज़रूरत थी, जिसके के लिए 1.25 हेक्टेयर ज़मीन को साफ़ किया गया।

द हिंदू अपने 14 जनवरी के रिपोर्ट में स्टेट फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट की तरफ़ से समीर कुमार सतपती के हवाले से लिखा कि इस मामले में एक जाँच कमेटी गठित कर दी गई है। द हिंदू ने अपने रिपोर्ट में 1,000 से 1,200 पेडों के काटे जाने की पुष्टि की। उसके बाद, द हिंदू के रिपोर्ट को आधार बनाकर कई सारे मेन स्ट्रीम मीडिया ने इस गलत ख़बर को पब्लिश किया।

यह है ख़बर की सच्चाई

ऑपइंडिया टीम ने इस ख़बर की सच्चाई को ज़ानने के लिए ईस्ट कोस्ट रेलवे के मुख्य जनसूचना पदाधिकारी जेपी मिश्रा से संपर्क किया। जेपी मिश्रा ने हमारी टीम को बताया कि हेलीपेड बनाने का काम राज्य सरकार की पीडब्लूडी डिपार्टमेंट देख रही है।

इसके बाद थोड़ा रिसर्च करने के बाद हमने देखा कि TOI भुवनेश्वर ने एक ट्वीट के ज़रिए यह बताया है कि प्रधानमंत्री के ओडीशा दौरे में हजारों पेड़ काटे जाने की ख़बर गलत है। TOI ने, जहाँ हेलीपेड बनाई गई है, वहाँ से कई सारे वीडियो को ट्वीट किया।

यही नहीं अपने ट्वीट में TOI भुवनेश्वर ने यह दावा किया है कि ईस्ट कोस्ट रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक हेलीपेड बनाए जाने के लिए बड़े पेड़ को नहीं काटा गया है। हालाँकि ट्वीट में यह बात लिखा है कि मौके पर करीब 40 के आस-पास पेड़ व झाड़ियों को हेलीपेड बनाने के लिए काटा गया है। इस तरह TOI भुवनेश्वर के इस रिपोर्ट से यह ज़ाहिर हो गया कि इंडियन एक्सप्रेस व द हिंदू जैसी मुख्यधारा की मीडिया ने गलत ख़बर को वेबसाइट पर अपडेट किया है।

यही नहीं PTI जैसी बड़ी न्यूज़ एजेंसी भी किसी ख़बर के तह में पहुँचे बगैर ख़बर को वेबसाइट पर अपडेट कर देती है। इससे भ्रामकता की स्थिति बनती है और कई लोग सच्चाई को नहीं जान पाते क्योंकि गलत ख़बर चलाने वाले संस्थान कभी भी अपनी गलती स्वीकार कर सच्ची ख़बर नहीं बताते।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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