ब्रेकिंग न्यूज की बेतहाशा दौड़ में अक्सर मेनस्ट्रीम मीडिया गलत खबरों को उछाल देती है। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है। शनिवार (जून 6, 2020) को मेनस्ट्रीम मीडिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो कि पहले कॉन्ग्रेस में थे और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए, को लेकर ‘खबर’ चलाई कि उन्होंने अपने ट्विटर बॉयो से बीजेपी हटा लिया है।
कई मेनस्ट्रीम मीडिया चैनलों ने इस खबर को चलाया। TimesNow और Financial Express ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया। यह लेख भाजपा के अंदरुनी खेमे में दरार की अटकलों से भरा पड़ा था।
न्यूज ट्रैक नाम के न्यूज पोर्टल तो यहाँ तक कह दिया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर से कॉन्ग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
हालाँकि, ये खबर गलत है। ऐसा लगता है जैसे मीडिया ने आज सुबह ही उठकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर प्रोफाइल को बेतरतीब ढंग से जाँचने का फैसला किया और ‘BJP’ शब्द नहीं मिलने पर इसके आधार पर एक कहानी बनाई, जो बेबुनियाद है।
सच यह है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद भी, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर बॉयो में कभी भी ‘BJP’ शब्द नहीं जोड़ा। ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर बॉयो के वेब आर्काइव में जाने पर बातें खुद ब खुद स्पष्ट हो जाती हैं।
ऑपइंडिया ने सच्चाई का पता लगाने के लिए उनके बॉयो के आर्काइव वर्जन को सर्च किया। इसमें पाया गया कि जब उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी, तब भी उन्होंने अपने ट्विटर बॉयो में ‘बीजेपी’ का उल्लेख नहीं किया था।
यहाँ पर सिंधिया के ट्विटर प्रोफाइल का 17 मई के आर्काइव का स्क्रीनशॉट है, जिसमें देखा जा सकता है कि उनके ट्विटर बॉयो में बीजेपी का जिक्र नहीं है।
9 मई को भी उनके ट्विटर बॉयो में बीजेपी नहीं है।
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया 12 मार्च को बीजेपी में शामिल हुए थे।
जब हम 7 मार्च से लेकर 22 मार्च तक उनके ट्विटर प्रोफाइल में हुए परिवर्तन पर गौर करते हैं तो पाते हैं कि इस बीच उनका डिस्प्ले पिक्चर चेंज हुआ है। जब वो कॉन्ग्रेस में थे तो उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी के गमछे वाला फोटो लगाया था और बीजेपी में शामिल होने के बाद यह पार्टी के अनुसार बदल गया। बीजेपी में शामिल होने के ठीक बाद भी उनके ट्विटर बॉयो में उनके बीजेपी से एसोसिएशन का उल्लेख नहीं किया गया था।
इस प्रकार यह निष्कर्ष निकलता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर बॉयो से बीजेपी नहीं हटाया है, क्योंकि उन्होंने शुरुआत से कभी इसे अपनी ट्विटर बॉयो में जोड़ा ही नहीं।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब सिंधिया के ट्विटर बॉयो को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इससे पहले दिसंबर 2019 में उन्होंने अपने ट्विटर बॉयो से कॉन्ग्रेस का नाम हटाकर पार्टी छोड़ने की अटकलों को हवा दी थी। सिंधिया के पहले के ट्विटर बॉयो में लिखा था कि वह 2002 से 2019 तक गुना के पूर्व सांसद थे। यह भी लिखा था कि वे पूर्व ऊर्जा मंत्री, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और MoS कम्युनिकेशन्स, IT विभाग के मंत्री थे। मगर बाद में सिंधिया ने बॉयो से इन जानकारियों को हटाते हुए सिर्फ “लोक सेवक, क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाला” रखा था।