मीडिया के एक वर्ग में कहा जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। ‘टाइम्स नाउ’ की खबर में हॉवर्ड मेडिकल स्कूल के पूर्व प्रोफेसर विलियम ए हसलटीन के हवाले से दावा किया गया कि कोरोना वायरस का B.1.617 वैरिएंट काफी खतरनाक है। ‘ब्लूमबर्ग’ की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत के इस डबल म्यूटेशन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस वैरिएंट के अध्ययन को लेकर वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने रुचि दिखाई है। साथ ही इसके कारण ही भारत अब ब्राजील को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश बन गया है। WHO की कोरोना टेक्निकल लीड मरिया वेन कोरखोवै ने कहा कि कोरोना वायरस के इस वैरिएंट में डबल म्यूटेशन का होना चिंता का सबब है। इससे वैक्सीन की क्षमता भी कम हो रही है।
अब आपको बताते हैं कि सच्चाई क्या है। असल में कोरोना का डबल म्यूटेशन वायरस वैरिएंट ‘भारतीय’ नहीं है, बल्कि दुनिया भर के कई देशों में ये फ़ैल रहा है। इसलिए, इस खबर को प्रस्तुत करने का तरीका ही गलत है। कई देशों में डबल म्यूटेशन वायरस पाया गया है। डबल म्यूटेशन (2 म्यूटेशंस) एक अन्य वैरिएंट है जो ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, आयरलैंड, नामीबिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए जैसे कई देशों में पाया गया है।
इस वैरिएंट के ज्यादा फैलने की क्षमता अभी तक स्थापित नहीं हुई है। इन म्यूटेशंस के सामने आने से प्रबंधन की रणनीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो जाँच, पता लगाने, नजर रखने और उपचार पर केन्द्रित बनी हुई है। कोविड-19 के प्रसार पर रोक के लिए मास्क का इस्तेमाल सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच बना हुआ है। साथ ही RTPCR टेस्ट से ये पकड़ में आ जाते हैं और इस टेस्ट की विश्वसनीयता बरकरार है।
A headline of a news report claims that India’s ‘double mutation’ covid virus variant is worrying the world. #PIBFactCheck: This headline is #MISLEADING. The double mutation has been found in several other countries as well.
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 19, 2021
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INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) के दिशा-निर्देश एक बार फिर से राज्यों के साथ साझा किए गए और राज्यों को पॉजिटिव लोगों के क्लीनिकल डाटा उपलब्ध कराकर जीनोम अनुक्रमण के लिए नमूने भेजने की सलाह दी गई थी। इससे विभिन्न स्थानों पर वैरिएंट्स में बढ़ोतरी से जुड़ी महामारी संबंधित व्यापक जानकारियाँ मिलेंगी। साथ ही INSACOG जनता में मौजूद अन्य खतरनाक वैरिएंट्स को खोजने में सक्षम हो जाएगा।
इस तरह से भारत सरकार भी इस दिशा में लगातार लगी हुई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर संवाददाता सम्मेलनों के माध्यम से खतरनाक वैरिएंट्स और नए म्यूटेंट्स की वर्तमान स्थिति से जुड़ी जानकारियाँ उपलब्ध कराई जाती हैं तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप बढ़ाने और सख्ती पर भी जोर दिया जाता है। कोविड 19 वायरस अपना रूप बदल रहा है और भारत के साथ ही कई देश इससे परेशान हैं।