Sunday, November 24, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकमीडिया फ़ैक्ट चेक'भारत में कोरोना के डबल म्यूटेशन ने दुनिया को चिंता में डाला': मीडिया द्वारा...

‘भारत में कोरोना के डबल म्यूटेशन ने दुनिया को चिंता में डाला’: मीडिया द्वारा बनाए जा रहे ‘डर के माहौल’ का FactCheck

इस वैरिएंट के ज्यादा फैलने की क्षमता अभी तक स्थापित नहीं हुई है। इन म्यूटेशंस के सामने आने से प्रबंधन की रणनीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो जाँच, पता लगाने, नजर रखने और उपचार पर केन्द्रित बनी हुई है।

मीडिया के एक वर्ग में कहा जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। ‘टाइम्स नाउ’ की खबर में हॉवर्ड मेडिकल स्कूल के पूर्व प्रोफेसर विलियम ए हसलटीन के हवाले से दावा किया गया कि कोरोना वायरस का B.1.617 वैरिएंट काफी खतरनाक है। ‘ब्लूमबर्ग’ की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत के इस डबल म्यूटेशन ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है।

कोरोना के डबल म्यूटेंट वायरस को लेकर भ्रामक हेडलाइन

रिपोर्ट के अनुसार, इस वैरिएंट के अध्ययन को लेकर वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने रुचि दिखाई है। साथ ही इसके कारण ही भारत अब ब्राजील को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश बन गया है। WHO की कोरोना टेक्निकल लीड मरिया वेन कोरखोवै ने कहा कि कोरोना वायरस के इस वैरिएंट में डबल म्यूटेशन का होना चिंता का सबब है। इससे वैक्सीन की क्षमता भी कम हो रही है।

अब आपको बताते हैं कि सच्चाई क्या है। असल में कोरोना का डबल म्यूटेशन वायरस वैरिएंट ‘भारतीय’ नहीं है, बल्कि दुनिया भर के कई देशों में ये फ़ैल रहा है। इसलिए, इस खबर को प्रस्तुत करने का तरीका ही गलत है। कई देशों में डबल म्यूटेशन वायरस पाया गया है। डबल म्यूटेशन (2 म्यूटेशंस) एक अन्य वैरिएंट है जो ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, आयरलैंड, नामीबिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए जैसे कई देशों में पाया गया है।

NDTV ने भी बनाया ‘डर का माहौल’

इस वैरिएंट के ज्यादा फैलने की क्षमता अभी तक स्थापित नहीं हुई है। इन म्यूटेशंस के सामने आने से प्रबंधन की रणनीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो जाँच, पता लगाने, नजर रखने और उपचार पर केन्द्रित बनी हुई है। कोविड-19 के प्रसार पर रोक के लिए मास्क का इस्तेमाल सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच बना हुआ है। साथ ही RTPCR टेस्ट से ये पकड़ में आ जाते हैं और इस टेस्ट की विश्वसनीयता बरकरार है।

INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) के दिशा-निर्देश एक बार फिर से राज्यों के साथ साझा किए गए और राज्यों को पॉजिटिव लोगों के क्लीनिकल डाटा उपलब्ध कराकर जीनोम अनुक्रमण के लिए नमूने भेजने की सलाह दी गई थी। इससे विभिन्न स्थानों पर वैरिएंट्स में बढ़ोतरी से जुड़ी महामारी संबंधित व्यापक जानकारियाँ मिलेंगी। साथ ही INSACOG जनता में मौजूद अन्य खतरनाक वैरिएंट्स को खोजने में सक्षम हो जाएगा।

इस तरह से भारत सरकार भी इस दिशा में लगातार लगी हुई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय-समय पर संवाददाता सम्मेलनों के माध्यम से खतरनाक वैरिएंट्स और नए म्यूटेंट्स की वर्तमान स्थिति से जुड़ी जानकारियाँ उपलब्ध कराई जाती हैं तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप बढ़ाने और सख्ती पर भी जोर दिया जाता है। कोविड 19 वायरस अपना रूप बदल रहा है और भारत के साथ ही कई देश इससे परेशान हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP की अगुवाई वाली महायुति ने रचा इतिहास, यूपी-बिहार-राजस्थान उपचुनावों में INDI गठबंधन को दी पटखनी: जानिए 15 राज्यों के...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति ने इतिहास रच दिया। महायुति की तिकड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए बहुमत से सरकार बनाने का रास्ता साफ किया।

अडानी के बाद अमेरिका के निशाने पर एक और भारतीय: न्याय विभाग ने संजय कौशिक पर अमेरिकी एयरक्राफ्ट तकनीक रूस को बेचने का लगाया...

अमेरिका में अडानी समूह के बाद एक और भारतीय व्यक्ति को निशाना बनाया गया है। संजय कौशिक नाम के एक और भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है।
- विज्ञापन -