Sunday, December 22, 2024
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हिन्दू के स्कूल को बताया दूसरे मजहब वालों का: ‘The Wire’ और NDTV ने मजहबी दंगाइयों को बचाने के लिए फैलाया झूठ

पंकज शर्मा ने बताया कि उनके स्कूल में 2014 से हुई शत प्रतिशत पासिंग रेट है और दोनों ही समुदाय के बच्चे वहाँ पर पढ़ाई करते थे। उन्होंने बताया कि वो स्कूल के सभी शिक्षक अपने सभी बच्चों से बराबर प्यार करते हैं, ऐसे में इस तरह से स्कूल को आग के हवाले कर दिया जाना उनकी समझ से परे काफ़ी दुःखदाई है।

दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों में मजहबी भीड़ का कहर बरपा और कई लोगों को इसमें अपनी जान गँवानी पड़ी।इसी बीच मीडिया पोर्टल्स लगातार दंगाइयों के महिमामंडन में लगे रहे और पीड़ित हिन्दुओं की कहानियों को नज़रअंदाज़ किया गया। इसी क्रम में ‘एनडीटीवी’ और ‘द वायर’ ने मीडिया के इस गुट का बढ़-चढ़ कर नेतृत्व किया। शिव विहार में दो स्कूल हैं, जो अगल-बगल में स्थित हैं। एक फैसल फ़ारूक़ का राजधानी स्कूल और एक एक पंकज शर्मा का डीआरपी स्कूल। राजधानी स्कूल दंगाइयों का मुख्य अड्डा बना और सारी गोलीबारी, पत्थरबाजी और बमबारी यहीं से हुई।

दूसरी तरफ़ डीआरपी स्कूल को जला कर ख़ाक कर दिया गया। राजधानी स्कूल के ऊपर से रस्सी के सहारे उतरे दंगाइयों ने डीआरपी स्कूल को फूँक दिया। लोगों ने बताया कि राजधानी स्कूल का मालिक समुदाय विशेष से है, इसीलिए वहाँ मामूली तोड़फोड़ हुई ताकि वीमा और सरकारी सहायता का लाभ उठाया जा सके, वहीं डीआरपी स्कूल में तबाही का भयानक मंजर पेश किया गया क्योंकि वो हिन्दू की स्कूल थी। ऑपइंडिया ने अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग में तहकीकात की तो पाया कि राजधानी स्कूल में दिखावटी तोड़फोड़ हुई थी और कुछ बेंच-डेस्क को पलट दिया गया था।

‘द वायर’ ने इन दोनों स्कूलों को लेकर अपनी ‘ग्राउंड रिपोर्टिंग’ में झूठ फैलाया है। प्रोपेगंडा पोर्टल ने दावा किया है कि दोनों स्कूलों के मालिक समुदाय विशेष से ही हैं। बता दें कि डीआरपी स्कूल के ओनर पंकज शर्मा हिन्दू हैं। ‘द वायर’ अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि समुदाय विशेष के दो स्कूलों में तबाही मचाई गई। कुछ नहीं बचा और सब कुछ जला दिया गया। प्रोपेगंडा पोर्टल ने ये सब झूठ लिखा है और ‘ग्राउंड रिपोर्टिंग’ के नाम पर अफवाह फैलाई है। राजधानी स्कूल में गुलेल, पेट्रोल बम, पत्थर और बम बनाने की समाग्रियाँ पड़ी हुई थीं लेकिन वहाँ जानबूझ कर थोड़ी तोड़फोड़ की गई थी।

अगर दोनों स्कूलों में वैसी ही तबाही मचाई गई होती तो राजधानी स्कूल का हाल भी डीआरपी स्कूल की तरह ही होता। आप यहाँ देख सकते हैं कैसे ‘द वायर’ खुलेमाम मजहबी दंगाइयों को बचाने के लिए झूठ परोसने में लगा हुआ है:

‘द वायर’ की रिपोर्ट में फैलाया गया झूठ

अव्वल तो ‘द वायर’ ने जिस फोटो का प्रयोग किया है, वो समुदाय विशेष के ओनर का स्कूल है ही नहीं। वो फोटो डीआरपी स्कूल का है, जिसके मालिक पंकज शर्मा ने बताया कि उनके स्कूल में 2014 से हुई शत प्रतिशत पासिंग रेट है और दोनों ही समुदाय के बच्चे वहाँ पर पढ़ाई करते थे। उन्होंने बताया कि वो स्कूल के सभी शिक्षक अपने सभी बच्चों से बराबर प्यार करते हैं, ऐसे में इस तरह से स्कूल को आग के हवाले कर दिया जाना उनकी समझ से परे काफ़ी दुःखदाई है।

‘द वायर’ ने समुदाय विशेष के स्कूल की फोटो बता कर हिन्दू के स्कूल की तस्वीर लगाईं

इसी तरह एनडीटीवी ने भी झूठ फैलाया। उसने लिखा कि राजधानी स्कूल और डीआरपी स्कूल, दोनों को ही हिन्दुओं ने आग के हवाले किया। वो ये भी मानता है कि राजधानी स्कूल की छत से दंगाई नीचे उतरे और डीआरपी को जलाया, फिर ऐसा कैसे कहा जा सकता है कि वो सब हिन्दू थे? हमारी ग्राउंड रिपोर्टिंग में कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भी इस ओर इशारा किया है।

(ऑपइंडिया की पूरी ग्राउंड रिपोर्ट आप यहाँ पढ़ सकते हैं, जिसमें राजधानी स्कूल और डीआरपी स्कूल को लेकर विस्तृत वर्णन दिया गया है)

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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