हरियाणा के रोहतक में एक बार फिर से धर्मान्तरण की एक खबर पर हिंदूवादी समूह सक्रिय हो उठे। उनके द्वारा चर्च में जा कर पड़ताल की जाने लगी। मौके पर भीड़ जमा होता देख पुलिस ने बिना अनुमति जमा लोगों को हटा दिया। घटनास्थल पर फोर्स की तैनाती कर दी गई है।
प्रशासन की जाँच में वहाँ धर्मान्तरण की जानकारी सही नहीं पाई गई। इसके बाद बिना अनुमति चल रहे कार्यक्रम को रुकवा दिया गया। हालाँकि कुछ मीडिया हाउस ने इस मामले की रिपोर्टिंग में चर्च पर हमला और बदमाश जैसे शब्द प्रयोग किए। जब ऑपइंडिया ने इस पूरे प्रकरण की जमीनी पड़ताल की, तब सच्चाई थोड़ा हट कर पाई गई। घटना 9 दिसंबर (गुरुवार) की है।
रोहतक के यिशु चर्च में गरीब लोगो को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराने व पाखंड फेलाने वाले चर्च को प्रांत सह-संपर्क प्रमुख सुनील जी, विधि विभाग रोहतक अशोक जी व अन्य कर्मठ कार्यकर्तागणो ने बंद कराया व धर्म परिवर्तन को लेकर शिकायत दी!#stopreligionconverting#hinduviews#cmharyana pic.twitter.com/ajQ8ElE7kb
— हिंदू जागरण मंच, हरियाणा (@hinduviews) December 9, 2021
यह घटना रोहतक के संजय नगर कॉलोनी की है। हिंदू जागरण मंच हरियाणा ने इस मामले को अपने ट्विटर पर शेयर किया है। शेयर की गई तस्वीरों में आप यीशु धाम चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर-पोस्टर को देख सकते हैं। ट्वीट में लिखा गया है:
“यह घटना रोहतक के संजय नगर कॉलोनी की है। यहाँ के यीशु धाम चर्च में गरीब लोगों को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराने व पाखंड फैलाने वाले चर्च को प्रांत सह-संपर्क प्रमुख सुनील, विधि विभाग रोहतक अशोक व अन्य कर्मठ कार्यकर्तागणों ने बंद कराया व धर्म परिवर्तन को लेकर शिकायत दी!”
इस घटनाक्रम पर रोहतक के डिप्टी कमिश्नर मनोज कुमार ने बयान दिया है। उनके मुताबिक, “हमें धर्मान्तरण के संभावना की शिकायत मिली थी। हमने जाँच करवाई तो ऐसा कुछ नहीं पाया। आपसी विवाद न हो इसके लिए हमने एहतियाहन पुलिस बल को भी तैनात कर दिया था। आयोजन के लिए इजाजत नहीं ली गई थी प्रशासन से। इसी वजह से उनके आयोजन को बर्खास्त करवा दिया गया है। किसी भी प्रकार का कोई टकराव नहीं हुआ। सब कुछ सौहार्दपूर्ण रूप से सम्पन्न हुआ। हम मुस्तैद हैं। न पहले ऐसा हुआ था और न ही आज ऐसा कुछ हुआ। आगे भी ऐसा नहीं होने देंगे। यहाँ कोई धर्मान्तरण न हुआ है और न ही होगा। किसी भी प्रकार की कोई भी जबरदस्ती किसी के साथ भी नहीं होने दी जाएगी।”
एक स्थानीय न्यूज चैनल ने इस पूरी घटना को ग्राउंड से कवर किया है। उस वीडियो में दोनों पक्षों की प्रशासनिक अधिकारियों से नोक-झोंक देखने को मिल रही है। प्रशासनिक अधिकारी दोनों पक्षों को समझाते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। हिन्दू पक्ष की तरफ से कई साधु-संत विरोध में उतरे थे। मौके पर SDM और DSP मौजूद थे।
मौके पर मौजूद सहायक पादरी ने मीडिया को बताया, “धर्मान्तरण की बात गलत है। हम किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं करते। हम सेवा का काम करते हैं। इस से पहले कोई विरोध नहीं हुआ जबकि यहाँ 6 साल से सभा चल रही है। यहाँ आने वालों की अपनी आस्था है। हम यहाँ लगातार सभा करते हैं। एक दिन पहले शाम को स्थानीय SHO आए थे। उन्होंने बताया कि आपके कार्यक्रम के विरोध में शिकायत आई है। शिकायत में उन्होंने धर्म परिवर्तन होना बताया। उन्होंने शिकायतकर्ता का नाम नहीं बताया। लेकिन बताया जा रहा है कि यह शिकायत विश्व हिन्दू परिषद के मनीष ग्रोवर की थी। विरोध करने वाले अधिकतर बाहरी लोग हैं। इसमें से कई लोग राजनैतिक मंशा रखते हैं। जब संविधान हर धर्म को मानने और अपनाने की छूट देता है तो यह छूट हमें क्यों नहीं? हमें प्रचार-प्रसार में कोई रोक-टोक न की जाए।”
ध्यान देने लायक बात यह भी है कि अपने वीडियो बयान में सहायक पादरी ने विरोध की बात जरूर की पर कहीं भी हमला जैसा शब्द नहीं कहा है। फिर तथाकथित मीडिया गिरोह के लोग किस आधार पर खबर में “हमला” और “बदमाश” जैसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, यह समझने के लिए रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं।
बता दें कि धर्मांतरण की मिली सूचना पर विरोध में महामंडलेश्वर अनुभूतानन्द सूर्यवंशी भी शामिल थे। उन्होंने बताया, “हमें जानकारी मिली थी कि ईसाई धर्म वालों यहाँ दलित, पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों को बुला कर और बहला-फुसला कर उनका धर्मान्तरण का इरादा बनाए थे। जबरदस्ती गरीबों को पैसे और सेहत का लालच दिया जा रहा है। इनका (ईसाइयों) कार्यक्रम था। हम उस धर्मान्तरण कार्य के विरोध में आए हैं। इस कार्यक्रम को हम किसी भी हालत में नहीं होने देंगे। शांति से काम हो रहा है। हम प्रशासन का धन्यवाद भी करते हैं।”
इस घटना की रिपोर्टिंग में नवभारत टाइम्स ने विरोध कर रहे हिन्दू संगठनों के लिए ‘बदमाश’ शब्द का प्रयोग किया। इस बात को लेकर रोहतक DC के पूरे बयान में कहीं भी आधिकारिक रूप से ‘बदमाश’ जैसा शब्द नहीं आया। इसी के साथ ऑपइंडिया ने पुलिस अधीक्षक रोहतक से सवाल किया कि क्या किसी पुलिस अधिकारी ने विरोध करने वालों को ‘बदमाश’ शब्द से सम्बोधित किया है? तो SP रोहतक का जवाब था – “नहीं”
ANI ने भी विरोध कर रहे हिन्दू संगठनों के लिए ‘बदमाश’ शब्द का प्रयोग किया।