कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार (अगस्त 18, 2020) को ट्विटर पर रेलवे की प्लेटफॉर्म टिकट को लेकर खुलेआम झूठ फैलाया। अपने ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि कॉन्ग्रेस काल में प्लेटफॉर्म टिकट की दर 3 रुपए हुआ करती थी लेकिन भाजपा काल मे ये टिकट 50 रुपए हो गई है।
कुल मिलाकर दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट तौर पर अपने ट्वीट से यह बताने का प्रयास किया कि भाजपा काल में इन टिकट दरों में 15 गुना बढ़ोतरी हुई है।
हैरानी की बात है कॉन्ग्रेस नेता का ये ट्वीट ऐसे समय में आया, जब भारतीय रेलवे प्रवक्ता पहले ही इस पर स्थिति को साफ कर चुके हैं। अपने एक ट्वीट में भारतीय रेलवे के प्रवक्ता ने कल ही स्पष्ट किया था कि आखिर क्यों रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट में बढ़ोतरी की है।
कॉंग्रेस राज में रेलवे प्लेटफ़ॉर्म टिकिट ₹३ का भाजपा राज ₹५० हुआ। जय सियाराम। pic.twitter.com/xjUEPoCv5H
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 18, 2020
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते ये फैसला लिया गया ताकि स्टेशन पर भीड़ इकट्ठा न हो और सामाजिक दूरी वाले नियम का भी पालन हो सके। भारतीय रेलवे प्रवक्ता ने यह सफाई कथित पत्रकार प्रशांत कनौजिया के ट्वीट के रिप्लाई में दी थी। जिसमें प्रशांत रेलवे पर झूठी खबर फैलाने की कोशिश कर रहे थे। भारतीय रेलवे ने बताया कि टिकट दरों में बढ़ोतरी कोरोना महामारी की शुरुआत में ही कर दी गई थी।
पुणे जंक्शन द्वारा प्लेटफार्म टिकट का मूल्य ₹50 रखने का उद्देश्य अनावश्यक रूप से स्टेशन पर आने वालों पर रोक लगाना है जिस से सोशल डिसटेनसिंग का पालन किया जा सके।
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) August 17, 2020
रेलवे प्लेटफार्म टिकट की दरों को कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों से ही इसी प्रकार नियंत्रित करता आया है। https://t.co/X2HuPC5HUg
इतना ही नहीं, रेलवे स्टेशन पर अधिक भीड़ को रोकने के लिए यह फैसला मार्च में ही ले लिया गया था। जिसके अनुसार 200 स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट 10 रुपए से 50 रुपए कर दी गई। ऑपइंडिया से बात करते हुए रेलवे अधिकारी ने बताया कि प्लेटफॉर्म टिकट का दाम 50 रुपए करने का उद्देश्य केवल ये था कि यात्री के अलावा कोई भी ग़ैरजरूरी इंसान वहाँ न आए ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
उन्होंने बताया, “इससे प्रवेशकों को स्टेशन तक सीमित रखने और सामाजिक दूरी बनाए रखने में सुविधा हुई। अन्य डीआरएम से भी अनुरोध किया गया है कि वे प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री को 50 रुपए करने की अनुमति दें, जैसा कि लॉकडाउन से ठीक पहले किया जा रहा था। लेकिन अब तक IRSDC द्वारा प्रबंधित किए जा रहे अन्य स्टेशनों पर पीएफ टिकटों की बिक्री शुरू नहीं हुई है।”
आगे उन्होंने ये भी बताया कि टिकट दरों में यह बढ़ोतरी अस्थायी है। जैसे ही महामारी का प्रकोप कम होगा, दोबारा सब कुछ सामान्य कर दिया जाएगा।
बता दें कि अभी हाल में पुणे में कोरोना का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ता दिखा। महाराष्ट्र अब भी पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है। केवल पुणे में कोरोना के 1, 32, 481 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 39424 अब भी सक्रिय हैं।