Tuesday, November 19, 2024
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‘टोपी-कुर्ता-दाढ़ी वाला ही होता है हैवानियत का शिकार’: AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने शेयर किया वीडियो, जानिए सच्चाई

हुआ कुछ यूँ कि महेंद्र बसवनाथे नामक व्यक्ति के घर के बाहर उनकी बाइक खड़ी थी। शाम 5 बजे अचानक से एक चार पहिया वाहन आया और उसने बाइक को टक्कर मार दी। फिर...

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने आगे बढ़ाया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग मिल कर एक व्यक्ति को पीट रहे हैं और वो जमीन पर गिरा हुआ है। एक शख्स ने इस दौरान उस युवक को बाइक से कुचलने का भी प्रयास किया। भीड़ द्वारा पीटे जा रहे इस व्यक्ति के वीडियो को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं।

दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने इस वीडियो को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए लिखा, “नए भारत में नए कीर्तिमान अब कुछ इस तरह बनाए जा रहे हैं। अगर आप में इंसानियत ज़िंदा है तो आपको भी देख कर दुःख होगा। हर बार की तरह ‘टोपी-कुर्ता-दाढ़ी’ वाला शख्स ही हैवानियत का शिकार होता दिखेगा। BJP सरकार भले ही विकास करने में असमर्थ रही हो, लेकिन नफ़रत फैलाने में अव्वल साबित हुई। दुःखद!”

अब हम आपको बताते हैं कि इस वीडियो की सच्चाई क्या है। दरअसल, वीडियो में लोग मराठी में बातें करते हुए दिख रहे हैं। ‘दैनिक भास्कर’ ने अपने मराठी संस्करण ‘दिव्य मराठी’ के हवाले से बताया है कि इस वीडियो में कहीं भी मजहब-जाति को लेकर टिप्पणी नहीं की गई है। वीडियो में लोगों की बात सुनने के बाद पता चलता है कि ये मामला सांप्रदायिक नहीं है। 15 जून का ये मामला महाराष्ट्र के अमरावती का है।

हुआ कुछ यूँ कि महेंद्र बसवनाथे नामक व्यक्ति के घर के बाहर उनकी बाइक खड़ी थी। शाम 5 बजे अचानक से एक चार पहिया वाहन आया और उसने बाइक को टक्कर मार दी। इतना ही नहीं, वो बाइक को 2 किलोमीटर तक घसीटता ही चला गया। ड्राइवर को आक्रोशित लोगों ने पकड़ कर पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया। उसका नाम मोहम्मद फेजान था। ये जनता के आक्रोश का मामला था, जिस तरह की घटनाएँ अक्सर देखने को मिलती हैं।

अख़बार के स्थानीय संवाददाताओं ने इस घटना के सांप्रदायिक होने से इनकार किया है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि तेज़ रफ़्तार गाड़ी से अगर किसी को नुकसान पहुँचता है तो लोगों का गुस्सा सबसे पहले उस गाड़ी के ड्राइवर पर ही फूटता है। इस दौरान वो ये नहीं देखते कि सामने वाला किस धर्म-जाति-मजहब का है। कई बार चोरी के मामले में भी ऐसा होता है। इसके सहारे अमानतुल्लाह खान जैसे लोग राजनीति चमकाने में लगे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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