बिहार के बेगुसराय का एक लड़का ऋतुराज इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। वायरल संदेशों में उसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उसने हाल में गूगल को पूरे 51 सेकेंड के लिए हैक करके अमेरिका में बैठे अधिकारियों को ऐसा हिलाया कि उन्होंने ऋतुराज को गूगल में नौकरी करने के लिए 3.66 करोड़ का पैकेज ऑफर किया और उसका वीजा भी बनवा दिया।
वायरल संदेश ऐसा है कि कोई भी पढ़कर इसे अचंभित हो जाए लेकिन हकीकत क्या है इसका खुलासा हाल में हुआ जब मीडिया वाले ऋतुराज के पास असलियत जानने पहुँचे। ऋतुराज ने मीडिया को जानकारी दी कि उन्होंने गूगल में एक बग की खोज की थी जिसकी पुष्टि गूगल द्वारा भी की गई है। ऋतुराज ने कहा कि गूगल में बग की खोज करने के बाद उन्हें रिसर्चर के तौर पर जरूर शामिल किया गया है लेकिन ये खबर पूरी तरह से भ्रामक है कि उन्हें करोड़ों की नौकरी ऑफर हुई और उन्हें पासपोर्ट बनाकर अमेरिका बुलाया गया।
ऋतुराज को लेकर फैलाई जा रही खबर पूरी तरह गलत है। वह खुद बताते हैं कि बग खोजने में और उसको हैक कर लेने में बहुत अंतर होता है। उन्होंने सिर्फ बग की खोज की है। रातों-रात पासपोर्ट बनाने की बात और नौकरी या इनाम मिलने की बातें अभी तक सच नहीं हैं। इतना हीं नहीं वायरल संदेश में दावा है कि ऋतुराज आईआईटी मणिपुर से पढ़ रहे हैं जबकि हकीकत में मणिपुर में कोई आईआईटी है ही नहीं। वे तो मणिपुर ट्रिपल आईटी से बी टेक कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, ऋतुराज बेगूसराय शहर के मुंगेरीगंज के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम राकेश चौधरी है। वह बताते हैं कि उनका सपना हमेशा से ही हैकर बनने का था। उन्होंने कई कंपनियों की साइट्स में गलतियाँ खोजीं हैं। पिछले कुछ समय से वो गूगल में गलतियाँ खोजना चाहते थे। हाल में उन्हें साइट पर एक बग नजर आ ही गया। जिसके बाद उन्होंने इसे हाईलाइट कर इसकी जानकारी गूगल को दी। ऋतुराज के मेल पर गूगल ने जब काम किया तो पाया कि बिहार के बेगुसराय के लड़के द्वारा खोजी गई खामी सही है और उनकी टीम इसे सही करने के काम में जुट गई है। इसके साथ ही गूगल ने बताया कि वो ऋतुराज को रिसर्चर के तौर पर शामिल करते हैं।