जहाँ एक ओर दिल्ली, केजरीवाल सरकार की अक्षमता और प्लांट्स से ऑक्सीजन की आपूर्ति न करा पाने के कारण उसकी कमी से जूझ रही है वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन को लेकर फेक न्यूज फैलाने वाले भी बाज नहीं आ रहे हैं। आज (24 अप्रैल) को सोशल मीडिया पर यह फेक न्यूज चलती रही कि दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी के चलते अपना इमरजेंसी वार्ड बंद कर दिया है। हालाँकि यह खबर फेक थी और AIIMS के डायरेक्टर ने डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इसका खंडन किया।
इस फेक न्यूज को फैलाने में CPIML नेता कविता कृष्णन आगे रहीं जिन्होंने ट्विटर पर एम्स की इस फेक न्यूज से संबंधित काल्पनिक घटनाओं पर पूरा ट्विटर थ्रेड लिख डाला।
कविता कृष्णन समेत कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने दिल्ली एम्स में ऑक्सीजन की कमी के चलते इमरजेंसी वार्ड के बंद होने की फेक न्यूज दौड़ाई। पर्यावरण एक्टिविस्ट लिसिप्रिया कँगुजम ने भी यही फेक न्यूज ट्वीट की लेकिन बाद में उसे डिलीट कर दिया।
हालाँकि जल्दी ही AIIMS के डायरेक्टर ने खुद ही इस खबर को गलत बताया। एनडीटीवी से चर्चा करते हुए दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि AIIMS के किसी भी संस्थान में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
#NDTVExclusive | “No shortage of oxygen as far as AIIMS is concerned”: Dr Randeep Guleria, Director, AIIMS, Delhi#COVID19 pic.twitter.com/K52MBcMdWk
— NDTV (@ndtv) April 24, 2021
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। इसके चलते वार्ड में ऑक्सीजन पॉइंट्स भी बढ़ाने पड़े। मरीजों को कोई समस्या न हो इसलिए पूरे एडजस्टमेंट में लगभग एक घंटे का समय लगा। इस दौरान एमर्जेंसी वार्ड को एक घंटे के लिए ही रोका गया। हालाँकि एक घंटे के बाद वार्ड पहले जैसे ही काम करने लगा लेकिन इस प्रक्रिया को ऐसे प्रचारित किया गया कि AIIMS का एमर्जेंसी वार्ड ऑक्सीजन की कमी के चलते बंद कर दिया गया।
यहाँ यह ध्यान देने योग्य बात है कि यदि एम्स में ऑक्सीजन की कमी होती तो वहाँ ऑक्सीजन आउटलेट पॉइंट नहीं बढ़ाए जाते। इसका मतलब है कि एम्स के अंदर पर्याप्त ऑक्सीजन है।
लेकिन जैसा वामपंथी और लिबरल गिरोह ने फेक न्यूज फैला दी कि एम्स में ऑक्सीजन की कमी हो गई है जिसके कारण एम्स का इमरजेंसी वार्ड बंद कर दिया गया है। इस फेक न्यूज के कारण एक समय के लिए चिंता का माहौल बन गया।