कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों और इससे हो रही मौतों की खबर के बीच रविवार (अगस्त 2, 2020) को एक ऐसी खबर और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसे देखकर लोग भावुक हो गए। वायरल हुई खबर में बताया कि ये युवा डॉक्टर आयशा की आखिरी फोटो है। इतना ही नहीं उनके व्यवहार को लेकर बताया जाने लगा कि वह बेहद जिंदादिल थीं और हाल ही में डॉक्टर बनी थीं।
खबरों में बताया गया कि उनको कोरोना वायरस संक्रमण ने जकड़ लिया। वह अस्पताल में भर्ती हुईं। इलाज चला, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ईद के दिन उनकी मौत हो गई। ये खबर ट्विटर पर खूब शेयर हुई, लोग ट्वीट के जरिए डॉ आयशा को श्रद्धांजलि देने लगे। ट्विटर पर डॉ आयशा ट्रेंड करने लगा।
लेकिन अब मालूम हुआ है कि वायरल हो रही ये खबर और तस्वीर झूठी है। एक ट्वीट में, ‘डॉ आयशा’ ने दावा किया कि वह वेंटिलेटर पर थी। हालाँकि, Google पर क्विक सर्च से पता चला कि उसने जो तस्वीर शेयर की थी, वह वास्तव में dental anaesthesia था।
As the ‘journalists’ have failed to do their job, let doctors step in!@Aisha_must_sayz claims to be on ventilator. If you just do a quick reverse google search, it shows to be ‘dental anesthesia’ photo.
— Pirated Daactarni (@MonoChronica) August 2, 2020
Clearly she isn’t dying. Also s/he isn’t even a doctor! (1/n) https://t.co/6WvP2KaWxP pic.twitter.com/WshOJxSk4M
यूजर्स ने यह भी खुलासा किया कि जिस व्यक्ति की तस्वीर शेयर की गई थी, वह संभवत: ‘आयशा’ नहीं थी। ‘आयशा’ ने अपने ट्विटर प्रोफाइल की जानकारी के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में रहने का दावा किया था। अस्पताल के बेड-शीट पर लोगो ने संकेत दिया कि तस्वीर में लड़की तेलंगाना के एक अस्पताल में थी।
यह सब स्पष्ट रूप से इशारा करता है कि युवा डॉक्टर की मृत्यु की खबर लगभग निश्चित रूप से फर्जी थी। अकाउंट द्वारा साझा की गई एक और तस्वीर लगभग एक पुष्टि के रूप में कार्य करती है कि पूरी कहानी मनगढ़ंत थी।
As the ‘journalists’ have failed to do their job, let doctors step in!@Aisha_must_sayz claims to be on ventilator. If you just do a quick reverse google search, it shows to be ‘dental anesthesia’ photo.
— Pirated Daactarni (@MonoChronica) August 2, 2020
Clearly she isn’t dying. Also s/he isn’t even a doctor! (1/n) https://t.co/6WvP2KaWxP pic.twitter.com/WshOJxSk4M
तस्वीर, जहाँ दावा करता है कि परिवार डॉक्टर की मौत का दुःख मना रहा है, वहीं अस्पताल में डॉक्टर को उसके परिवार के सदस्यों के साथ बैठे और मुस्कुराते हुए दिखाता है।
कोरोना वायरस से पीड़ित रोगियों को मास्क, पीपीई, दस्ताने और अन्य पर्याप्त सावधानियों के बिना अपने परिवार के साथ घुलने-मिलने की अनुमति नहीं है।
साझा की गई तस्वीर में, न तो परिवार और न ही कथित डॉक्टर ने ऐसा कुछ भी पहना था, जिसे संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा के रूप में समझा जा सकता है। किसी भी अस्पताल में ऐसे आचरण की अनुमति नहीं है जो कोरोना वायरस रोगियों का इलाज करता है। इसलिए, स्पष्ट रूप से, पूरी बात एक विस्तृत झूठ है।
अक्सर फर्जी खबर फैलाने वाले ‘पत्रकार’ भी इस मुहिम में शामिल थे। उन्होंने सच को जानने की तनिक भी कोशिश नहीं की। ट्विटर पर कई सत्यापित हैंडल थे जो ऐसी काल्पनिक कहानी को फैलाने में मदद करते हैं।
इनमें एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार निधि राजदान भी शामिल थीं। बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और कहा कि यह अकाउंट फर्जी है।
पेशेवर फर्जी न्यूज पेडलर राणा अय्यूब ने डॉ आयशा की मौत पर भी शोक व्यक्त किया।
News18, वास्तव में, उस पर एक पूरी कहानी चलाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. आयशा हाल ही में डॉक्टर बनी थीं और बेहद खुश थीं। हालाँकि, वह वुहान कोरोनावायरस से संक्रमित हो गई और उसने ईद पर सुसाइड कर लिया। उन्होंने उसे ‘कोरोना योद्धा’ भी करार दिया।