सोशल मीडिया पर एक भयावह तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक निरीह जानवर के साथ बर्बरता होती हुई देखी जा सकती है। तस्वीरों के साथ दिए गए सन्देश में कहा जा रहा है कि ये तस्वीरें तुर्की की हैं, जहाँ संप्रदाय विशेष के दो लड़कों ने बेरहमी दिखाते हुए एक कुत्ते के कान काट लिए। साथ ही बताया गया है कि बेख़ौफ़ आरोपितों ने अपनी इस घृणास्पद करतूत पर गर्व करते हुए इसे फेसबुक पर भी शेयर किया।
दावा किया जा रहा है कि फेसबुक पर दोनों आरोपित ने लिखा कि घरेलू कुत्ते काफी गंदे होते हैं और इस्लाम मानने वालों को उनके साथ ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए। इस खबर को सोशल मीडिया पर पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग अंतराल पर कई बार शेयर किया गया। दोनों आरोपित इसमें युवा ही दिख रहे हैं और वो धारदार हथियारों से कुत्ते के दोनों कान काट कर उसे अपने हाथ में लेकर हँसते हुए दिखा रहे हैं।
हमने जब इस खबर की पड़ताल की तो पाया कि ये तुर्की की खबर है। तुर्किश मीडिया के अनुसार, इन दोनों ने मिल कर कुत्ते के दोनों कान काट लिए, जिसके बाद उन पर प्रशासन द्वारा 950 यूरो का फाइन लगाया गया। यानी, उन्हें बस 93,000 रुपए का आर्थिक दंड देकर छोड़ दिया गया। लेकिन, पेंच ये है कि ये खबर फ़रवरी 2017 की है, यानी 3 साल पुरानी। इसी खबर को आज भी शेयर किया जा रहा है।
दरअसल, तुर्की के उक्त दोनों युवक डॉग फाइटिंग में मशगूल थे और वो कुत्तों की लड़ाई करा कर अपना मनोरंजन किया करते थे और रुपए भी कमाते थे। जिस कुत्ते का उन्होंने दोनों कान काट लिए, उसे भी उन्होंने अपनी तरफ से फाइटिंग में लगाया था। लेकिन, वो कुत्ता हार गया और उन दरिंदों ने उसके कान काट कर उसे इसकी ‘सज़ा’ दी। ये घटना दक्षिणी-पश्चिमी तुर्की के इस्पार्टा सिटी की है।
🚨Turkey: Two Muslims cut off a dog’s ears and proudly post the photo on Facebook. Islam says that domestic dogs are unclean, mistreatment of dogs by Muslims is common.😡🤬🤬 pic.twitter.com/TL3Ei1f4Yy
— Hamlet⭐️⭐️⭐️🇺🇸🇮🇹 (@Hamlet28741041) August 14, 2020
इसके बाद उनकी तस्वीरें वायरल हो गई थीं, जिसमें खून से लथपथ कुत्ते को देखा जा सकता है। दोनों आरोपितों के नाम हसन कुजू और नेसेट यमन है, जिन्हें सजा के नाम पर सिर्फ आर्थिक जुर्माना भर देना पड़ा। एक फोटोग्राफ तो इतना भयावह है कि उसमें कुत्ते के काटे हुए कान को जमीन पर रख कर उसे उसकी ओर देखने के लिए विवश किया जा रहा है। इसके बाद दुनिया भर के पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया था।
स्थानीय मीडिया का कहना था कि उनके इस कृत्य में एक तीसरा आदमी भी शामिल था, जिसने ये तस्वीरें क्लिक की और साथ ही उनका वीडियो भी बनाया। बाद में विरोध होने पर पर उन्होंने सोशल मीडिया से इन तस्वीरों को हटा दिया। पशु क्रूरता के मामले में तुर्की में नियम-कानून काफी मामूली हैं, जिन्हें सख्त बनाने की माँग समय-समय पर होती रही है। इस तरह से ये खबर तो सच्ची है लेकिन 3 साल पुरानी है।