केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने बुधवार (9 सितंबर 2020) को अपने ही राजनीतिक दल के नेता सुब्रमण्यम स्वामी का फैक्ट चेक कर दिया। दरअसल, सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने हाल ही में हुई JEE की परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या को लेकर दावा किया था। इसका जवाब देते हुए केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने ट्वीट करते हुए उन्हें सही जानकारी दी।
भाजपा राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में लिखा कि JEE की परीक्षाओं का एडमिट कार्ड डाउनलोड करने वाले कुल 18 लाख छात्रों में से सिर्फ 8 लाख ही परीक्षाओं में शामिल हुए थे। सुब्रमण्यम स्वामी पिछले हफ्ते से माँग कर रहे थे कि NEET – JEE की परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ा दी जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसे समय में इतनी अहम परीक्षाओं का आयोजन कराना देश का अपमान है। साथ ही ‘विद्या और ज्ञान’ जैसे शब्दों की अहमियत कम करने जैसा है।
I just accurate count on how many students took the JEE exams this last week: out 18 lakhs who down loaded passes only 8 lakhs turned up to take up the exam. What a disgrace for the nation which extols vidhya and gyan!!
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 9, 2020
भाजपा के दिग्गज नेता की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने JEE परीक्षाओं से संबंधित कुछ आँकड़े पेश किए। उन्होंने सबसे पहले कहा कि परीक्षाओं में आवेदन करने वालों की संख्या 18 लाख नहीं सिर्फ 8.5 लाख थी।
Dr. @Swamy39 Ji, I would like to place some facts on the record regarding #JEE(Main) exams.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) September 9, 2020
The number of applicants for #JEEMains stands at 8.58 lakhs, not 18 lakhs as you tweeted. https://t.co/e9hQLRFIs4
अपने ट्वीट में आगे जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने लिखा लगभग 8.58 छात्रों ने परीक्षाओं में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। जिसमें लगभग 6.35 लाख छात्र परीक्षाओं में शामिल हुए थे। इतना ही नहीं केंद्र सहित तमाम राज्य सरकारों ने छात्रों की मदद के लिए हर संभव कदम भी उठाए थे जिससे छात्रों को परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। यह पूरा प्रयास सहकारी संघवाद (cooperative federalism) का बेहतरीन उदाहरण था।
Dr. @Swamy39 Ji, I would like to place some facts on the record regarding #JEE(Main) exams.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) September 9, 2020
The number of applicants for #JEEMains stands at 8.58 lakhs, not 18 lakhs as you tweeted. https://t.co/e9hQLRFIs4
परीक्षा में छात्रों की कम उपस्थिति के दावे को खारिज करते हुए रमेश पोखरियाल ने बताया कि JEE की परीक्षाएँ एक साल में दो बार होती हैं। इसलिए जो छात्र सितंबर के दौरान हुई परीक्षाओं में शामिल नहीं हुए हो सकता है वह जनवरी के दौरान हुई परीक्षाओं में शामिल हुए हों। ऐसे में यह हो भी सकता है कि इस वजह से छात्र इन परीक्षाओं में शामिल न हुए हों। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि हम छात्रों की संख्या की सही जानकारी रख रहे हैं। फ़िलहाल परीक्षाओं में देरी करने का मतलब है छात्रों के भविष्य को खतरे में डालना क्योंकि परीक्षाएँ नहीं हुई तो छात्रों का दाख़िला कैसे होगा।
महामारी के दौरान परीक्षाओं का आयोजन कराने के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री ने कहा, “छात्रों ने कॉलेज में दाख़िला लेने के लिए पढ़ाई की है। अगर इन परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाई जाती है तो यह छात्रों की मेहनत को अहमियत न देने जैसा होगा। हमारी सरकार छात्रों और समाज की सुरक्षा और विकास के मुद्दे पर हमेशा से सुदृढ़ रही है। हम हमेशा छात्रों के लिए हित में ही काम करेंगे।
खुद पर किए गए फैक्ट चेक के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने मुद्दे के दूसरे पहलू पर ज़ोर देने लगे। उन्होंने कहा मंत्रालय ने अदालत में छात्रों की संख्या को लेकर जो दावा किया था और जवाब देते समय जिस संख्या का दावा किया था दोनों पूरी तरह अलग था। सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा कि उन्होंने छात्रों की संख्या 18 लाख क्यों बताई। इसके विपरीत अपने ट्वीट में कहा ‘शिक्षा मंत्री के मुताबिक़ परीक्षा में शामिल होने छात्रों की संख्या 8.5 लाख थी। जबकि सर्वोच्च न्यायालय में इस संख्या को लेकर उनका दावा कुछ और ही था।
JEE मेन्स की परीक्षाएँ 1 से 6 सितंबर के बीच देश अलग-अलग केन्द्रों में एनटीए द्वारा आयोजित कराई गई थीं। इन परीक्षाओं का परिणाम 11 सितंबर तक आने की संभावना है।