Tuesday, November 19, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'PM मोदी के आने से पहले मरीजों को चढ़ा दिया नया प्लास्टर': मोरबी पुल...

‘PM मोदी के आने से पहले मरीजों को चढ़ा दिया नया प्लास्टर’: मोरबी पुल हादसे के बाद लिबरल गिरोह का प्रोपेगंडा, पीड़ितों के घावों का उड़ा रहे मजाक

अश्विन ने अनुभव से बताया कि जब उनके पैर पर छोटी पट्टी थी तब एक्स-रे आदि लिया गया था, लेकिन उससे उनके पैर में हो रहा दर्द दूर नहीं हुआ। मरीज ने आगे बताया कि जब इंजेक्शन का असर उतर गया, तब उनका दोबारा एक्स-रे करवाया गया और चोट पर प्लास्टर बाँधा गया। अश्विन के मुताबिक, जब पट्टी छोटी थी तब प्लास्टर कच्चा था और अब पैर में फैक्चर मिलने के बाद उसे पक्का कर दिया गया है।

गुजरात के मोरबी (Morbi, Gujarat) में पुल हादसे के बाद मंगलवार (1 नवम्बर 2022) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अस्पताल में जाकर घायलों का हाल-चाल लिया। उनके दौरे के बाद सोशल मीडिया पर वामपंथी लॉबी द्वारा एक कुछ फोटो वायरल करके प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। हालाँकि, ग्राउंड रिपोर्ट में यह झूठ बेनकाब हो गया है।

दरअसल, अभिजीत दीपके (@abhijeet_dipke) ने 1 नवम्बर को दोपहर 12:22 पर अपने ट्विटर हैंडल पर एक मरीज की तस्वीर शेयर की। उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी के आने से पहले मरीजों को नया प्लास्टर चढ़ाया जा रहा है।

इस पर राहुल पंडिता ने तंज कसते हुए लिखा कि उसी अस्पताल में वो बेड किसी असली जरूरतमंद को दिया जा सकता था। द क्विंट के पत्रकार आदित्य मेनन ने इस फोटो में लीपापोती एक्सपर्ट नाम से कैप्शन दिया। NDTV की स्तम्भकार स्वाति चतुर्वेदी ने पीड़ित को स्थाई मरीज कहा। स्वाति के ट्वीट को विनोद कापड़ी ने भी RT किया है।

सोर्स – संबंधित यूजर्स के स्क्रीनशॉट

जानिए क्या है असलियत

इस फोटो में एक मरीज को प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले नई पट्टी बँधवाए दिखाया गया है। यह आरोप लगाने वालों ने बाकायदा मरीज का बेड नंबर भी साझा किया है। आख़िरकार एक ग्राउण्ड रिपोर्ट में यह प्रोपोगेंडा पूरा तरह से आधारहीन साबित हुआ।

ट्विटर पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की असलियत जानने के लिए द लल्लनटॉप के रिपोर्टर अभिनव पांडेय ने मोरबी के उसी अस्पताल का दौरा किया। वहाँ पर उन्होंने सीधे उसी मरीज से बात की, जिसके फोटो को शेयर किया जा रहा है। पीड़ित ने अपना नाम अश्विन बताया। अश्विन ने अपनी पट्टी को लेकर उठ रहे विवाद पर पूरी जानकारी दी।

अश्विन ने अनुभव से बताया कि जब उनके पैर पर छोटी पट्टी थी तब एक्स-रे आदि लिया गया था, लेकिन उससे उनके पैर में हो रहा दर्द दूर नहीं हुआ। मरीज ने आगे बताया कि जब इंजेक्शन का असर उतर गया, तब उनका दोबारा एक्स-रे करवाया गया और चोट पर प्लास्टर बाँधा गया। अश्विन के मुताबिक, जब पट्टी छोटी थी तब प्लास्टर कच्चा था और अब पैर में फैक्चर मिलने के बाद उसे पक्का कर दिया गया है।

अश्विन ने आगे बताया कि पहले वो 125 नंबर बेड पर भर्ती हुए थे और बाद में उन्हें 126 नंबर पर शिफ्ट कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि पहले कमरे में 4 बेड लगे थे, जिसे घटाकर 3 कर दिया गया है। इसलिए वहाँ जगह बन गई है। अश्विन के मुताबिक पहले 126 नंबर बेड पर एक महिला थी, जिसे दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है और अब उन्हें उस महिला के बेड पर भर्ती कर दिया गया है। अश्विन ने यह भी बताया कि उनकी तबियत में अब सुधार है और PM मोदी ने उनका हाल-चाल लिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -