30 मई को फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर 6 नाम के ट्विटर अकॉउंट से एक विवादास्पद वीडियो साझा की गई। वीडियो में नजर आ रहे एक पीड़ित व्यक्ति को लेकर दावा किया गया कि फासिस्ट भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं।
वीडियो के साथ लिखा गया, “भारत में, एक मुस्लिम व्यक्ति को एक हिंदू की थूक चाटने के लिए मजबूर किया जा रहा है। शायद उसके रमजान के रोजे को तोड़ने के लिए…!”
वीडियो में देख सकते हैं कि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को चाँटा मारता है। उससे उठक-बैठक करवाता है। वहाँ खड़ी कार पर थूकता है और फिर उससे उस थूक को चाटने के लिए कहता है।
#300DaysOfKashmirSiege
— FriendsofKashmir6 (@FKashmir6) May 30, 2020
In India, A #Muslim man being forced to lick a #Hindu‘s spit. Most probably to break his Ramadan fast…..!
Vehicle’s windshield reveals that the incident is from #Surat….!
Minorities are unsafe in fascist India…!@KathradaFound @salaamedia @SAMNET786 pic.twitter.com/2OANPffFEj
वीडियो में पीड़ित व्यक्ति को सफेद कपड़े पहने देखा जा सकता है और उसे मारने वाले युवक को यह भी कहते सुना जा सकता है, “क्यों बोला रमजान का नाम? अब बोलेगा रमजान का नाम? तेरे को डीसीपी को दूँ क्या?”
बता दें कि इस वीडियो को पिछले हफ्ते इसी एंगल के साथ, जिसमें हिंदुओं को बदनाम करने की कोशिश की गई थी, उसे शेख अजिजूर रहमान नाम के व्यक्ति ने भी शेयर किया था। जिसकी फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक वह द गार्जियन का पत्रकार है और अब वह इस वीडियो को डिलीट कर चुका है।
सच क्या है?
द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, ये वाकया गुजरात के सूरत में लिंबायत इलाके का है। इस मामले को सबसे पहले टीवी9 गुजराती ने 7 अप्रैल को रिपोर्ट किया था। वीडियो में नजर आ रहे दोनों युवक समुदाय विशेष से हैं। थप्पड़ मारने वाले का नाम सलमान है।
पूरे मामले की बात करें तो दरअसल, सलमान नहीं चाहता था कि दूसरा युवक किसी रमजान नाम के युवक के ख़िलाफ़ गवाही दे। इसलिए वह पीड़ित को इस प्रकार परेशान कर रहा था।
इस पूरे वाकये को दिव्य भास्कर ने डिटेल में कवर किया है। रिपोर्ट बताती है कि वीडियो में नजर आने वाली गाड़ी सूरत नगर निगम के बाग विभाग की है। पुलिस का भी कहना है कि आरोपित के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज हो गई है।
अब जैसा कि इस वीडियो में केवल रमजान नाम सुनकर हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है और भारत की छवि को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, तो ये बात ध्यान रहे कि इस साल रमजान 24 अप्रैल से शुरू हुए थे और घटना 7 अप्रैल की है। यानी रमजान से पूर्व। इसलिए ये दावा कि मुस्लिम आदमी को किसी हिंदू आदमी ने थूक चाटने पर मजबूर किया, बिलकुल गलत है।
यह भी जान लें कि ये पहली बार नहीं है जब हिंदू समुदाय को बदनाम करने के लिए किसी रिपोर्ट को इस तरह का कम्युनल एंगल दिया गया हो। इससे पहले ट्विटर यूजर कामरान ने एक फेक न्यूज शेयर की थी। जिसमें यूपी के गाँव में कुछ ब्राह्मणों पर आरोप लगाया जा रहा था कि उन्होंने शिवजी के एक मंदिर में 16 साल की बच्ची की जीभ की बलि चढ़ा दी। बाद में जब मामले की पड़ताल हुई तो पता चला कि लड़की ने अपनी खुद काट ली थी।