Sunday, November 17, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'किसी महिला को 14 सेकेंड्स देखते रहने पर जेल': NCIB का दावा कानून की...

‘किसी महिला को 14 सेकेंड्स देखते रहने पर जेल’: NCIB का दावा कानून की कसौटी पर कितना सही? देखें क्या कहती हैं IPC की धाराएँ

NCIB के ट्वीट से कई लोगों को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे ये किसी सरकारी एजेंसी का ट्वीट हो, जबकि ये एक संगठन है। इसने अपना लोगो भी ऐसा बना रखा है, जिससे भ्रम पैदा होता है कि ये कोई सरकारी एजेंसी है।

क्या आपको पता है कि अगर आपके घूरने से कोई महिला असहज महसूस करती है तो आप जेल भी जा सकते हैं? ‘राष्ट्रीय अपराध जाँच ब्यूरो (National Crime Investigation Bureau)’ के एक ट्वीट के बाद ये नियम फिर से चर्चा में आया है। NCIB एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है, जो अपराध-भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नेटवर्क के जरिए देश भर की पुलिस के साथ मिल कर काम करने का दावा करता है। लेकिन, क्या सच में किसी महिला को देखने पर भी ‘टाइम लिमिट’ है?

NCIB ने अपने ट्वीट में लिखा, “आवश्यक जानकारी – किसी भी युवती/ महिला को 14 सेकेंड्स से ज्यादा देखने पर हो सकती है जेल, क्योंकि जाने-अनजाने व मजाक में, ही सही किसी परिचित व अपरिचित युवती/महिला को 14 सेकेंड्स से ज्यादा घूरना IPC की धारा 294 व 509 के तहत गंभीर अपराध है। ऐसे मामले छेड़छाड़ के अंतर्गत आते है।” आइए, अब हम आपको बताते हैं कि ‘भारतीय दंड संहिता’ की इन धाराओं में है क्या।

IPC की धारा-294 के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील कार्य करना या फिर अश्लील गीत गाना या कोई अश्लील शब्द कहना दंडात्मक अपराधों के अंतर्गत आता है। इसके लिए 3 महीने की सज़ा और जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो किसी को परेशान करने के लिए सार्वजनिक स्थल पर अश्लील कार्य करना अपराध है। हालाँकि, ‘अश्लीलता’ क्या है, इसे यहाँ पूरी तरह परिभाषित नहीं किया गया है।

मंदिरों की कलाकृतियाँ या हजारों वर्षों की नागा साधु परंपरा को इससे बाहर रखा गया है। वहीं IPC की धारा-509 की बात करें तो किसी स्त्री का अनादर करने के लिए कोई शब्द कहना, इशारे करना या किसी वस्तु का प्रदर्शन करना 3 साल के लिए कारावास और जुर्माने को आमंत्रित कर सकता है। किसी स्त्री की ‘एकांतता का अतिक्रमण’ भी इसके तहत अपराध है। सीधे शब्दों में किसी महिला का शीलभंग करने के इरादे से किया गया शब्दों, वस्तुओं या इशारों का प्रदर्शन अपराध है।

NCIB का भ्रामक ट्वीट – ये एक NGO है, कोई सरकारी एजेंसी नहीं

हालाँकि, इन दोनों ही धाराओं में कहीं भी समयसीमा की बात नहीं है। लेकिन, NCIB के ट्वीट से कई लोगों को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे ये किसी सरकारी एजेंसी का ट्वीट हो, जबकि ये एक संगठन है। इसने अपना लोगो भी ऐसा बना रखा है, जिससे भ्रम पैदा होता है कि ये कोई सरकारी एजेंसी है। NGO का ये दावा भ्रामक है कि 14 सेकेंड्स तक किसी महिला को देखने से जेल हो सकती है। अगर किसी महिला को असहज करने के लिए कुछ किया जाता है, तब जेल का प्रावधान है।

कानून में कहीं किसी समयसीमा का जिक्र नहीं है। अगस्त 2016 के केरल के तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ऋषिराज सिंह के बयान से ये कथित नियम चर्चा में आया था। उन्होंने पूछा था कि अगर 14 सेकेंड्स की अनुमति नहीं है तो क्या किसी महिला को 13 सेकेंड्स तक घूरने की अनुमति है? धारा-354D के तहत किसी महिला द्वारा मना करने के बावजूद उससे संपर्क की कोशिश करना अपराध है। पीछा करने पर भी सज़ा हो सकती है। हालाँकि, 14 सेकेंड्स वाले कानून का जिक्र आधिकारिक रूप से कहीं नहीं है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -