Saturday, November 23, 2024
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मस्जिद को बनाया काँवड़ियों पर हमले का लॉन्चपैड, मौलाना और सपा नेता मुख्य आरोपित: ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्ला रही थी भीड़, अब झूठ फैला रहा ज़ुबैर

ऑपइंडिया से बात करते हुए अरुण कुमार फौजी ने बताया कि बारादरी के अलावा भी अन्य क्षेत्रों में काँवड़ियों को निशाना बनाने के प्रयास किए गए। हाफिजगंज थानाक्षेत्र के गाँव लभेड़ा में एक प्राचीन शिव मंदिर का जिक्र करते हुए अरुण ने कहा कि वहाँ सावन माह में ही एक प्राचीन मंदिर को बंद करने की साजिश रची गई थी।

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में रविवार (23 जुलाई, 2023) को काँवड़ यात्रियों पर पथराव किया गया था। इस पत्थरबाजी का मुख्य आरोपित उस्मान बताया जा रहा है जो समाजवादी पार्टी का स्थानीय नेता और पूर्व पार्षद है। उस्मान को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बीच पुलिस के बयान और एक वीडियो के आधार पर जुबैर जैसे लोग इस घटना में दोनों तरफ से बराबर गलती होने जैसा नैरेटिव बनाने लगे।

ऑपइंडिया ने बरेली के स्थानीय लोगों से बात कर के व अन्य सबूतों को जुटा कर यह पाया कि काँवड़ यात्रियों को बरेली में सिर्फ एक ही जगह नहीं बल्कि अन्य स्थानों पर अलग-अलग बहानों से निशाना बनाया गया। इस निशाने में सोशल मीडिया भी शामिल है।

सपा नेता उस्मान निकला हमले का मास्टरमाइंड

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बरेली पुलिस ने इस हमले की जाँच के दौरान स्थानीय सपा नेता और पूर्व पार्षद उस्मान अल्वी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पीड़ित काँवड़िया अमित प्रजापति की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर हुई है। उस्मान के अलावा 150 अन्य लोगों को भी आरोपित किया गया है जिनके फुटेज के आधार पर चिह्नित किया जा रहा है। केस में दर्ज कुछ अन्य आरोपितों के नाम सलीम शाह, छोटे शाह, मम्मा ढोल, राशिद मुखबिर, वाहिद, चाँद मोहम्मद, गुड्डू, सरदार शाह और भूरा हैं।

उस्मान पर आरोप है कि उसने ही सबसे पहले काँवड़ियों को मार डालने के लिए भीड़ को ललकारा था। 2 बार के पार्षद उस्मान को इस बार प्रेमशंकर राठौर ने हरा दिया था। अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस की दबिश जारी है।

पत्थरबाजी की शुरुआत मस्जिद से, मौलाना नामजद

इस पूरी घटना में हमले का केंद्र मूल रूप से बारादरी थानाक्षेत्र में आने वाली नवादा की एक मस्जिद बताई जा रही है। ऑपइंडिया से बात करते हुए स्थानीय हिन्दू नेता अरुण कुमार फौजी ने बताया कि नूरी मस्जिद से कांवड़ियों पर हमले की शुरुआत हुई। अरुण ने हमले को साजिश बताते हुए कहा कि इस बात की जाँच होनी चाहिए कि मस्जिद में अचानक ही 100 से अधिक मुस्लिमों की भीड़ कैसे जमा हो गई।

उन्होंने आरोप लगाया है कि नूरी मस्जिद की छत से न सिर्फ पत्थर बल्कि ज्वलनशील पदार्थ मिला कर पहले से रखी बोतलें भी फेंकी गईं।

नूरी मस्जिद के आगे बाइकें खड़ी कर के रोका गया रास्ता

आरोप है कि हमले के दौरान काँवड़ और महादेव की मूर्ति खंडित हो गई थी। फिलहाल इस FIR में मस्जिद के मौलाना शाहनूरी को नामजद किया गया है। सभी उपद्रवियों पर बलवा, पथराव, तोड़फोड़ आदि धाराओं में केस दर्ज हुआ है।

दोतरफा हमला नहीं बल्कि आत्मरक्षा

ऑपइंडिया से बरेली के एक अन्य हिंदूवादी नेता सुनील सौभरि ने कहा कि जिस वीडियो को जुबैर जैसे लोग हिन्दुओं के हमले का बता रहे वो असल में आत्मरक्षा थी। सुनील के मुताबिक, मुस्लिम बहुल इलाके में फँसे हिन्दू काँवड़ियों के साथ गिने-चुने पुलिसकर्मी थे। उन्होंने आगे बताया कि मुस्लिमों की बढ़ रही भीड़ में खुद के निकल कर भागने और बैकअप फ़ोर्स आने तक स्वयं को जीवित रखने के लिए हिन्दुओं ने पलटवार किया था। सुनील का यह दावा है कि चोटिल केवल हिन्दुओं की तरफ से हैं क्योंकि मुस्लिम पक्ष ने पूरी तैयारी से पोजीशन ले रखी थी।

सुनील और अरुण ने बरेली पुलिस के बयान को काँवड़ियों की रक्षा न कर पाने की अपनी नाकामी छिपाने के लिए बोले गए शब्द बताए हैं। बतातें चलें कि ज़ुबैर ने पुलिस के बयान और एक वीडियो के आधार पर काँवड़ियों को बराबर का दोषी ठहराने की साजिश रची थी।

ऑपइंडिया के पास एक अन्य वीडियो भी मौजूद है जिसमें हिन्दू समाज के लोग खुद पर पथराव की शिकायत कर रहे हैं। इस वीडियो में कुछ महिलाओं को डर से एक तरफ आते देखा जा सकता है। पीछे से कुछ मुस्लिम भी आते दिख रहे हैं जिनसे बाद में हिन्दुओं की बहस होती है।

शाँतिपूर्वक जा रहे काँवड़ियों को देख कर अल्लाह हु अकबर के नारे

ऑपइंडिया के पास हिंसा से पहले का एक वीडियो मौजूद है। इस वीडियो में काँवड़ियों का जत्था जा रहा है जिसकी राह में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं। ये काँवड़ यात्रियों को देख कर ‘अल्लाह हु अकबर’ और नारा ए तकबीर चिल्ला रहे हैं। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और आम नागरिक नारेबाजों को समझाने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं।

शिव मंदिर बंद करने का प्रयास

ऑपइंडिया से बात करते हुए अरुण कुमार फौजी ने बताया कि बारादरी के अलावा भी अन्य क्षेत्रों में काँवड़ियों को निशाना बनाने के प्रयास किए गए। हाफिजगंज थाना क्षेत्र के गाँव लभेड़ा में एक प्राचीन शिव मंदिर का जिक्र करते हुए अरुण ने कहा कि वहाँ सावन माह में ही एक प्राचीन मंदिर को बंद करने की साजिश रची गई थी। इस साजिश में कुछ लोगों द्वारा सीमेंट और ईंट लगा कर मंदिर का मुख्य द्वार बंद करने की कोशिश की गई थी।

अरुण का दावा है कि 23 जुलाई को हिन्दू संगठनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की तो उस मुस्लिम बाहुल्य इलाके में फ़ोर्स तैनात हुई और मंदिर जैसे-तैसे बच पाया।

मंदिर पर तैनात फ़ोर्स

सोशल मीडिया से फैलाया गया तनाव

ऑपइंडिया से बात करते हुए बरेली जिले के VHP नेता हिमांशु पटेल ने बताया कि बरेली के अलग-अलग हिस्सों में काँवड़ यात्रियों के खिलाफ हुए हँगामे में सोशल मीडिया से तनाव फैलाया गया। हिमांशु के मुताबिक बारादरी इलाके में हुई पत्थरबाजी से 2 दिन पहले बहेड़ी इलाके के 2 मुस्लिमों ने काँवड़ यात्रियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसमें से एक का नाम राहत इस्लाम खान और दूसरे का नाम मोहनीश खान है। हिमांशु ने दावा किया कि हिन्दू संगठनों ने इन दोनों के खिलाफ पुलिस तहरीर दे रखी है।

आरोपितों के स्क्रीनशॉट

वहीं 23 जुलाई को हिन्दू संगठनों ने बरेली के ही शेरगढ़ थानाक्षेत्र के अकरम वारशी के खिलाफ भी थाने में शिकायत दर्ज करवाई। इन सभी ने काँवड़ियों को नशेड़ी बताते हुए उनके द्वारा नशे में भजन की बजाय कव्वाली बजाने की भ्रामक पोस्ट शेयर की थी। अकरम वारसी को हिरासत में ले लिया गया है। जबकि मोहनीश और राहत इस्लाम फरार हैं।

जिन्हें वोट उसी ने बंद करवाई काँवड़

बरेली के अरुण और सुनील ने हमें बताया कि आंवला क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी के नेता शमशाद ने वाल्मीकि समुदाय के लोगों की काँवड़ यात्रा में बाधा डाली। अरुण फौजी के अनुसार ये काँवड़ यात्री शमशाद के वोटर थे लेकिन उसने इनके रास्ते को रोकने का प्रयास किया। वहीं सुनील के मुताबिक शमशाद की ही जिद के चलते काँवड़ यात्रा का रूट पुलिस ने डायवर्ट करवा दिया और एक मार्ग में तो DJ भी नहीं बजने दिया।

बताते चलें कि आँवला क्षेत्र की ही डिप्टी SP दीपशिखा पर काँवड़ यात्रियों की हरकतों को आतंकियों जैसा बताने का आरोप लगा था।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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