पाकिस्तानी पत्रकार-कम-प्रोपेगंडाबाज़ वजाहत एस खान के ट्विटर हैंडल से झूठा प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है कि कश्मीर पुलिस के मुस्लिम कर्मी ने CRPF जवानों की गोली मारकर हत्या कर दी है।
Rifts emerging among Indian security forces deployed in #Kashmir. A Muslim Kashmiri policeman shot & killed five Indian CRPF personnel in a ‘blue on blue’ attack after they refused to let a pregnant woman by because she didn’t have a curfew pass. Things on edge since that attack.
— WSK (@WajSKhan) August 12, 2019
इस प्रोपेगंडा के खिलाफ न केवल कश्मीर के पूर्व डीजीपी ने मीडिया से बात करते हुए इसे झूठा बताया, बल्कि CRPF के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी इसका खंडन किया गया है।
There is excellent co-ordination between J&K Police and CRPF: Kuldeep Khoda, Fmr DGP, J&K, tells TIMES NOW. | #IndiaRejectPropaganda. pic.twitter.com/RclHuNyt0n
— TIMES NOW (@TimesNow) August 12, 2019
The malicious content of this tweet is absolutely baseless and untrue. As always, all the security forces of India are working with coordination and bonhomie. Patriotism and our tricolour lie at the core of our hearts and existence, even when the color of our uniforms may differ. pic.twitter.com/1Rhrm09dPN
— ??CRPF?? (@crpfindia) August 12, 2019
यहीं नहीं, CRPF ने बयान जारी कर साफ़ किया कि कश्मीर में काम कर रहीं विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच सौहार्द और तालमेल की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा कश्मीर मामलों के जानकार माने जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने भी इस फ़र्ज़ी न्यूज़ के पीछे ISI और पाकिस्तानी सेना की प्रोपेगंडा-विंग ISPR (इंटर-सर्विसेज़ पब्लिक रिलेशन्स) का हाथ होने का दावा किया है।
Fake news planted by ISI/ISPR in Pakistan suggests that Kashmiri policeman has killed 5 CRPF men. This is absolutely false story being planted to Pakistan media to instigate a divide within security forces in Jammu & Kashmir. Please don’t fall for this trap by Pak agencies.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 12, 2019
ISI की साइबर युद्धनीति का हिस्सा
मीडिया खबरों के अनुसार यह पाकिस्तान और उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की साइबर युद्धनीति का हिस्सा है, जिससे हिंदुस्तान में, और खासकर सुरक्षा बलों में, तनाव भड़का कर शांति भंग किया जा सके।
Shocking attempt by Pakistan to divide forces in India. Indian Armed Forces call out fake news. | #IndiaRejectPropaganda.
— TIMES NOW (@TimesNow) August 12, 2019
TIMES NOW’s Nikunj Garg with the details. pic.twitter.com/hGisTPns7w
विशेषज्ञों का मानना है कि चूँकि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से हिंसा भड़काने के पाकिस्तान के सभी प्रयास नाकाम हो रहे हैं, इसलिए हताशा में यह कदम उठाया गया है। उसे कोई अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिल रहा, हिंदुस्तान से व्यापारिक रिश्ते तोड़ लेने का खमियाज़ा भी पाकिस्तान को ही अपने यहाँ बेकाबू हो रही महँगाई के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
कौन हैं वजाहत खान?
अपने फेसबुक बायो के अनुसार यह प्रोपेगंडा फ़ैलाने वाला वजाहत खान पाकिस्तान का इकलौता एम्मी अवॉर्ड के लिए नामित पत्रकार है। इसके अलावा वह न केवल पाकिस्तान के ‘दुनिया न्यूज़’ के लिए काम करता है, बल्कि Times Of London और अमेरिका के NBC News से भी जुड़ा हुआ है। इसके अलावा वह अतीत में CNN और BBC जैसे मीडिया संस्थानों के लिए भी काम कर चुका है।