उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly election 2022) के बीच प्रदेश में भाजपा (BJP) की छवि को धूमिल करने के लिए फेक इमेज सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि यह इमेज गोरखपुर में एक बसपा (BSP) कार्यकर्ता का है, जिसे भाजपा को वोट नहीं देने के कारण जिंदा जला दिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) की फैक्ट चेक टीम ने इसे फर्जी बताया है।
यूपी पुलिस ने बताया कि वायरल तस्वीर गोरखपुर की नहीं, बल्कि बिहार की है। यूपी पुलिस ने बताया कि फेक न्यूज फैलाने के मामले में गोरखपुर पुलिस ने यूजर के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके साथ ही पुलिस ने लोगों से फर्जी खबरें नहीं फैलाने की अपील की गई है।
वायरल फोटो उत्तर प्रदेश से न होकर थाना मुसरीघरारी, जनपद समस्तीपुर, बिहार से संबंधित है। @gorakhpurpolice द्वारा आपके विरुद्ध FIR पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) February 24, 2022
कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।#UPPViralCheck#UPPolicehttps://t.co/cWkhEx35kJ https://t.co/OqVKxgIjV8 pic.twitter.com/X3sWVJOch2
इस घटना को लेकर गोरखपुर पुलिस ने ट्वीट कर कहा, “ऐसी कोई घटना नहीं हुई। गोरखपुर पुलिस ऐसे भ्रामक पोस्ट को खारिज करती है। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।”
ऐसी कोई घटना जनपद गोरखपुर मे घटित नही हुई है ऐसी असत्य व भ्रामक पोस्ट का #gorakhpurpolice खण्डन करती है, आपके द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से उक्त भ्रामक सूचना का प्रचार प्रसार किया जा रहा है आपके खिलाफ सुसंगत धाराओं मे अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है#UPPAgainstFakeNews #UPPolice pic.twitter.com/8PYQxLbCaj
— Gorakhpur Police (@gorakhpurpolice) February 24, 2022
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फेक न्यूज
इस तस्वीर के माध्यम से भाजपा को दोषी ठहराते हुए सोशल मीडिया पर लगातार फेक न्यूज फैलाई जा रही है कि गोरखपुर में भाजपा को वोट नहीं देने पर बसपा के एक कार्यकर्ता को जिंदा जला दिया गया। विक्रम सिंह बदलापुर नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “आज गोरखपुर में एक बसपा समर्थक को जिंदा जला दिया गया। पुलिस जबरन मामला शांत करा रही है। इसका सिर्फ इतना कसूर था कि जब एक बीजेपी नेता ने पूछा कि वोट किसे दोगे तो दलित ने बोला- हम बसपा को वोट देंगे। ये मामला गोरखपुर ग्रामीण के नारायणपुर गाँव का है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई। इसकी निष्पक्ष जाँच हो।” हालाँकि, बाद में ट्विटर ने नियमों का उल्लंघन करार देते हुए उसकी पोस्ट को डिलीट कर दिया।
ऐसा नहीं है कि इस तरह की फेक न्यूज को केवल विक्रम ने ही वायरल किया था। खबर लिखे जाने तक इस तरह के 6 और ट्वीट थे। इनमें से दो को गोरखपुर पुलिस ने फर्जी खबर नहीं फैलाने को लेकर चेताया था।
फेक न्यूज की सच्चाई
जिस न्यूज को सोशल मीडिया पर वायरल कर उसे गोरखपुर का बताया जा रहा है, वह बिहार के समस्तीपुर जिले की एक घटना की तस्वीर है। समस्तीपुर में जेडीयू के एक नेता की हत्या कर उसे जला दिया गया था। बाद में पुलिस ने कल्याणपुर थाना क्षेत्र के बूढ़ी गंडक नदी के पास स्थित वासुदेवपुर गाँव में एक सुनसान घर से जला हुआ शव बरामद किया था। मृतक की पहचान जेडीयू नेता 34 वर्षीय मोहम्मद खलील आलम रिजवी के रूप में हुई थी। ये वारदात मुशरीघरारी थाना क्षेत्र के ग्राम हुदिया की है। इसको लेकर साम्प्रदायिक एंगल देने की कोशिश की कोशिश भी की गई थी, लेकिन बिहार पुलिस ने इस प्रोपेगेंडा का भांडाफोड़ कर दिया था।
इस मामले में अधिक जानकारी के लिए ऑपइंडिया ने गागाहा पुलिस स्टेशन से संपर्क की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।