टैक्सदाताओं का ध्यान रखते हुए, और मिडिल क्लास की बात करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कई घोषणाएँ प्रस्तावित की। उन्होंने कहा कि ये अंतरिम बजट है, तो अभी वो सिर्फ़ प्रस्ताव ही रख सकते हैं। उन्होंने मिडिल क्लास और टैक्स देने वाले लोगों को बहुत बड़ी राहत देते हुए कई बातें कही:
टैक्स छूट की सीमा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई
अब 5 लाख तक कोई टैक्स नहीं: टैक्स छूट की सीमा ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई। यानी अब आयकर की सीमा पाँच लाख कर दी गई। इस ऐलान के बाद सदन में मोदी-मोदी का नारा गूंजने लगा। 3 करोड़ लोगों को इससे फायदा होगा। इस ऐलान के बाद अब 3 करोड़ लोग इससे मुक्त हो जाएंगे। निवेश करने पर ₹6.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा।
श्री गोयल ने आगे कहा, “कलेक्शन से 12 लाख करोड़ मिले हैं। 99.94 प्रतिशत पैसा बिना स्क्रूटनी के सिस्टम में लौटा है। 6.85 करोड़ लोगों ने टैक्स भरा है। टैक्सपेयर्स की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 हो गई है। नोटबंदी की वजह से 1.30 हजार करोड़ का फायदा हुआ है। 1.30 हजार करोड़ का टैक्स मिलने से सिस्टम को फायदा हुआ है। नोटबंदी के बाद से 1 करोड़ से ज्यादा नए टैक्सपेयर्स जुड़े हैं। 99.94 प्रतिशत पैसा बिना स्क्रूटनी के सिस्टम में लौटा है।”
बजट 2019 में टैक्स और जीएसटी से जुड़ी घोषणाएँ
• इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब ऑनलाइन है। पिछले वर्ष सभी प्रकार के रिटर्न्स 99.54% स्वीकार किया गया। यह इनकम टैक्स रिटर्न 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हुआ है।
• टैक्स बेस में 80% तक की बढ़त, प्रत्यक्ष कर भुगतान की सुविधाओं को आसान बनाकर हमने आम आदमी के जीवन को आसान करने की ओर प्रयास किए हैं और टैक्स रेट्स को कम किया है, जिसका नतीजा ये है कि 2013-14 की तुलना में कुल जमा टैक्स 6 लाख 38 हजार करोड़ से इस वर्ष 12 लाख करोड़ रुपए के स्तर तक पहुँच पाया है।
• टैक्स देने वालों की संख्या 89 फ़ीसद तक बढ़ी
• घर खरीदने पर GST कम करने पर विचार
• GST घटने से लोगों को 80,000 करोड़ की राहत मिली
• छोटे कारोबारियों पर तीन महीने में एक जीएसटी रिटर्न
• जनवरी का जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ के पार
• अब रिटर्न की इलेक्ट्रॉनिक जाँच होगी
• 6.85 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न भरा
• रिटर्न फाइल करने वालों की तादाद बढ़ी
• 2018-19 में 12 लाख करोड़ रूपए टैक्स जमा हुआ
• टैक्स दरें घटाने का ऐलान
• आधार के ज़रिये बिचौलियों को हटा दिया गया
• पाँच साल में 34 करोड़ जन-धन बैंक खाते खोले गए
• देश में सबसे ज़्यादा हैं मोबाइल यूज़र