दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विवादों से गहरा रिश्ता रहा है। अपने इस गहरे रिश्ते को निभाने में वो किसी भी तरह की कोई क़सर भी नहीं छोड़ते, फिर उसके लिए चाहे कुछ भी कर गुज़रना पड़े। अपने नए-नए अंदाज़ में वो कई तरह की राजनीतिक कलाबाज़ियाँ लगाते नज़र आते हैं। राजनीति में जो सर्कस ये जनाब लेकर आए हैं शायद इनकी नई वाली राजनीति यही थी। फिर भले ही इन कलाबाज़ियों का नतीजा कुछ भी रहे लेकिन ये हार नहीं मानते।
हाल ही में इनकी पार्टी (आम आदमी पार्टी) नया रायता फैलाने में जुटी हुई है। रायता फैलाने का मतबल तो आप बख़ूबी जानते ही होंगे। अगर नहीं जानते हैं तो चलिए हम ही बता देते हैं, रायता फैलाना मतलब बिना किसी बात के लोगों को भ्रमित कर देना और उन्हें इस क़दर उलझा देना कि वो सुलझ ही न पाए। केजरीवाल यह भूल गए हैं कि जनता बेवकूफ़ नहीं होती वो रायते को समेटना भी अच्छी तरह से जानती है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ केजरीवाल की पार्टी के कार्यकर्ता, लोगों को कॉल करते हैं और बोलते हैं कि, ‘जी आपका नाम वोटर लिस्ट से कट गया था लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने फिर से आपका नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा दिया है’। अपने इस वाक्य में पार्टी कार्यकर्ता एक लाइन जोड़ना भूल जाते हैं और वो ये कि आप हमारी इस अफ़वाह से बेवकूफ़ बन गए हैं इसके लिए हमारे लिए ज़रा तालियाँ तो बजा दीजिए।
अब ज़रा रुकिये और सोचिए कि केजरीवाल के इस कॉल का आख़िर क्या मक़सद हो सकता है। पहली नज़र में तो यह हास्यास्पद कृत्य केंद्र को घेरने की ताक में दिखता है, वहीं दूसरी तरफ़ ये मखौल केजरीवाल के दिमागी बुख़ार को उजागर करता है। इसके पीछे कारण यह है कि जब इस तरह की कॉल लोगों के पास पहुँचती है तो ज़ाहिर सी बात है पहले तो वो अवाक् रह जाते हैं और फिर ये जानने के प्रयास में जुट जाते हैं कि कहीं सच में तो ऐसा नहीं हो गया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से कट गया हो। लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने आती है और लोगों को पता चलता है कि असल में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था यानी वोटर लिस्ट में उनका नाम मौजूद था, तो उन्हें इस कॉल पर बहुत ग़ुस्सा आता है। अफ़वाह की इस कॉल पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देते हैं, वो इस भ्रामक कॉल पर चिड़चिड़ाते हैं, भड़कते हैं, झल्लाते हैं और यहाँ तक की पुलिस में शिक़ायत भी दर्ज़ कराते हैं।
अपनी आपत्ति दर्ज कराने वालों में कई ऐसे नाम शामिल हैं जिन्होंने सोशल मीडिया पर इस तरह की कॉल का उल्लेख किया और आप पार्टी के द्वारा इस तरह की भ्रामक कॉल का जवाब दिया। अपने ट्विटर हैंडल @akash15 से यूज़र ने एक ऐसे ही कॉल का ज़िक्र किया जिसमें फोन करने वाले ने कहा कि वो आम आदमी पार्टी से है और बताया कि बीजेपी ने उसका नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट से हटा दिया था। इसके बाद फोन करने वाले ने कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा चुनाव आयोग से संपर्क करने के बाद हटाए गए नामों की लिस्ट प्राप्त कर ली गई है। इस मामले पर आगे के अपडेट के लिए वो उससे फिर संपर्क करेगा।
Listen how AAP Delhi is running this propaganda call centre. I have received one such call today. Fooling people. Alas, this time they were caught red-handed. @ArvindKejriwal #SoundCloudhttps://t.co/2iN1hTJIAe
— यादव जी (@akash15) February 1, 2019
असल में जिस ट्विटर यूजर के पास यह कॉल आया था वो दिल्ली से नहीं बल्कि हरियाणा से था और ऐसे में यह संभव ही नहीं है कि उसका नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट में दर्ज हो। इस कॉल से केजरीवाल द्वारा अफ़वाह फैलाने की गतिविधि स्पष्ट दिखती है।
ऐसा ही एक मामला अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिरसा का है। उनके साथ भी ऐसा ही सबकुछ हुआ। लेकिन जब फोन करने वाले उस व्यक्ति से पूछा गया कि उसे यह (मनजिंदर सिरसा) फोन नंबर कहां से मिला, तो इस पर फोन करने वाले पार्टी के कार्यकर्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। इस तरह की भ्रामक कॉल के दुष्प्रचार को रोकने के लिए मनजिंदर ने ट्विटर के ज़रिए एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया।
इस बार केजरीवाल टीम ने मेरे जानकार मनोज को फ़ोन करके गुमराह करने की कोशिश की
— Manjinder S Sirsa (@mssirsa) January 29, 2019
मनोज ने ऐसा टिकाकर जवाब दिया कि फ़ोन वाली मैडम चुप ही हो गई
सुनिये और सबको सुनाईये – @ArvindKejriwal कैसे झूठे प्रचार और घटिया हथकंडे अपना कर दिल्लीवालों का वोट पाना चाहता है@ANI @ZeeNews @BJP4Delhi pic.twitter.com/eWOwGmvdN4
सिरसा ने एक विक्रम कपूर के उस पोस्ट का भी स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें विक्रम कपूर ने आप पार्टी कार्यकर्ता की अफ़वाह संबंधी कॉल का ज़िक्र किया था।
ये एक आम आदमी का FB status है
— Manjinder S Sirsa (@mssirsa) January 30, 2019
जो @AamAadmiParty के झूठ और फ़रेब से तंग आ चुका है!
I request Election Commission of India to take action against the false propaganda done by @ArvindKejriwal through telecalling and spreading FAKE information among masses.@ANI @SpokespersonECI pic.twitter.com/LYCWZZ72od
इसके अलावा निशांत शर्मा के नाम से एक अन्य व्यक्ति ने भी एक ऐसी ही घटना की जानकारी दी। बता दें कि निशांत नई दिल्ली में रहते ज़रूर हैं, लेकिन उनका पंजीकरण पटना के मतदाता के रूप में हैं। उनके पास आप पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा कॉल किया गया और कहा गया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। लेकिन इन सब में एक दिलचस्प बात सामने आई और वो ये कि फोन करने वाले व्यक्ति ने निशांत को उसके पिता के नाम से यानी विभूति नारायण के नाम से संबोधित किया। दिल्ली में निशांत के पिता के नाम उसका बिजली कनेक्शन पंजीकृत है। इसलिए, ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि आप पार्टी को कॉल करने के लिए बिजली कंपनी के डेटाबेस से लोगों के फोन नंबर मिल रहे हों।
इस मामले में आगे बढ़ते हैं और बताते हैं कि केजरीवाल का यह भ्रामकता फैलाने वाला कॉल दिल्ली पुलिस में शिक़ायत दर्ज होने तक का सफर भी तय कर चुका है। बीजेपी नेता नितिन भाटिया ने इस भ्रामक कॉल को आड़े हाथों लेते हुए पुलिस में शिक़ायत दर्ज कराई। इस शिक़ायत में भाटिया ने उल्लेख किया कि उन्हें ललिता नाम की एक महिला का फोन आया और उसने बताया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से से हटा दिया गया था।
इसके कुछ दिनों बाद दोबारा जतिन नाम के एक कार्यकर्ता का कॉल उनके पास आता है और फिर से वही बातें दोहराई जाती हैं जो पहले कॉल में कही गई थीं। इसके बाद बीजेपी नेता नितिन भाटिया से चुप नहीं बैठा गया और दिल्ली पुलिस में शिक़ायत दर्ज की और अपील की कि आप पार्टी द्वारा फैलाए जा रहे इस तरह के दुष्प्रचार पर लगाम लगनी चाहिए।
@AamAadmiParty द्वारा फोन पर @BJP4Delhi के खिलाफ किये जा रहे दुष्प्रचार व पार्टी पर लगाये जा रहे झूठे आरोपो के खिलाफ आज मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।@AmitShah @amitmalviya @p_sahibsingh @siddharthanbjp @neelkantbakshi @PratyushKanth @RajivBabbarbjp @ashishsood_bjp @Ramlal pic.twitter.com/dtKv5FQ7TP
— Nitin Bhatia (@nitinbhatia75) February 2, 2019
दिल्ली में ऐसे तमाम लोग हैं जिनके पास इस तरह की अफ़वाह फैलाने वाला कॉल आया है। पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा फैलाए जा रहे इस दुष्प्रचार के मुखिया तो आख़िर केजरीवाल ही हैं। वोट माँगने की राजनीति में क्या केजरीवाल इतने बेसुध हो गए हैं जहाँ उन्हें इतना भी होश नहीं है कि वो दिल्ली की जनता को भ्रमित करने का पाप कर रहे हैं। आख़िर केजरीवाल अपनी इन अफ़वाहों के बलबूते राजनीति के किस शिखर तक पहुँचना चाहते हैं।
वैसे सच पूछो तो महत्वाकांक्षी होना कोई ग़लत बात नहीं है, लेकिन जनता को गुमराह करना अपराध है। इस अपराध को भी केजरीवाल इस तरह करते हैं जैसे वो कोई क़िला फ़तह कर रहे हों। झूठ बोलने में महारथ हासिल करने की दिशा में लगातार अग्रसर होते केजरीवाल आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में डुगडुगी बजाकर तमाशा दिखाने की फ़िराक में हैं। बीजेपी को बदनाम करने और दिल्ली की जनता को अपने खेमें में लाने की जुगत करते केजरीवाल असल में अब अफ़वाह फैलाने को ही अपना मक़सद बना चुके हैं।