Friday, October 18, 2024
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Vistara एयरलाइन्स ने भूतपूर्व मेजर जनरल का किया सम्मान, ‘लिबरल’ ट्रॉल्स को लगी मिर्ची

पत्रकारिता का समुदाय विशेष भी अपने ही देश की एक कंपनी और देश के ही सैनिक की मॉब-लिंचिंग में शामिल होने कूद पड़ा।

एयर विस्तारा ने 19 अप्रैल को ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया जिसमें रिटायर्ड सेनानी मेजर जनरल जीडी बख्शी के साथ उनके क्रू के दो लोग मुस्कुरा रहे थे। विस्तारा ने यह भी लिखा कि एक कंपनी के तौर पर वह मेजर जनरल बख्शी को यात्रा सेवा प्रदान करने में गर्वित महसूस करती है और उनकी देश सेवा के लिए उनका धन्यवाद करती है।

‘लिबरल’ ट्रोलों ने दी बहिष्कार की धमकी, पत्रकारिता के समुदाय विशेष का भी साथ

इतनी सी बात पर खुद को ‘लिबरल’ यानि ‘उदारवादी’ कहने वाले सोशल मीडिया ट्रोलों ने मेजर जनरल बख्शी के साथ-साथ विस्तारा पर भी हमला बोल दिया। कोई विस्तारा में आगे से हवाई यात्रा न करने की धमकी देने लगा, तो किसी ने मेजर जनरल बख्शी को ही बदमाश करार दे दिया।

इसके बाद पत्रकारिता का समुदाय विशेष भी अपने ही देश की एक कंपनी और देश के ही सैनिक की मॉब-लिंचिंग में शामिल होने कूद पड़ा।

बहुत लम्बी है मेजर जनरल बख्शी के शौर्य की गाथा

गौरतलब है कि मेजर जनरल बख्शी कारगिल के युद्ध के नायक होने के साथ-साथ अपने राष्ट्रवाद को लेकर काफ़ी मुखर भी हैं। और इसीलिए ‘लिबरल’ गैंग उनसे खार खाता रहा है। उन्हें कारगिल युद्ध में अहम बटालियन का नेतृत्व कर भारत की जीत में उनके योगदान के लिए विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। वह उन कैप्टन रमन बख्शी के अनुज हैं, जो 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारत के पहले वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिक थे, वह भी महज 23 वर्ष की उम्र में। मेजर जनरल जीडी बख्शी ने उनके वीरगति को प्राप्त होने के 1.5 वर्ष के अन्दर भारतीय सैन्य अकादमी में प्रवेश ले लिया था। 1971 की बांग्लादेश निर्माण के वक्त की लड़ाई में उन्होंने भाग लिया था। 1999 में कारगिल के समय ऑपरेशन विजय को सफल बनाने के लिए सैन्य संचालन निदेशालय में उन्हें फिर से बुलाया गया था।

वह पाकिस्तान और इस्लामी आतंकवादियों के प्रति अपने कठोर रुख के लिए राष्ट्रवादियों में सम्मानित भी हैं, और इसीलिए वाम-चरमपंथी ‘लिबरल’ धड़े में उन्हें नापसंद भी किया जाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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