Sunday, November 17, 2024
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अद्वैत वन, संग्रहालय, गुरुकुल, कलाग्राम, नर्मदा विहार… ओंकारेश्वर में जगद्गुरु शंकराचार्य की 108 फ़ीट ऊँची प्रतिमा तैयार, जहाँ बीता बचपन वो अब कहलाएगा ‘एकात्म धाम’

इस पूरे क्षेत्र को 'एकात्म धाम' के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहाँ पर 'अद्वैत लोक' नाम का एक संग्रहालय भी बन रहा है। साथ ही 'चर्या शंकर अद्वैत वेदांत संस्थान' की भी स्थापना की जा रही है।

मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में सनातन धर्म के ध्वजवाहक शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा बन कर लगभग तैयार हो गई है। बता दें कि ओंकारेश्वर भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है। खंडवा जिले में स्थित इस क्षेत्र में मंधाता पर्वत पर शंकराचार्य की ये प्रतिमा तैयार की जा रही है। अष्टधातु से बनी इस प्रतिमा के निर्माण में देश के कई प्रतिभाशाली एवं अनुभवी इंजीनियरों और कलाकारों ने योगदान दिया। सोमवार (18 सितंबर, 2023) को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका लोकार्पण करेंगे।

वहीं 16 सितंबर से ही लोकार्पण कार्यक्रम के लिए धार्मिक आयोजनों का क्रम शुरू हो जाएगा। प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के अलावा हवन और यज्ञ समेत अन्य धार्मिक कार्य भी किए जाएँगे। बड़ी संख्या में साधु-संत भी पहुँच रहे हैं। केरल में जन्मे शंकराचार्य ने बाल्यावस्था में ही गृह-त्याग कर के ओंकारेश्वर में शरण ली थी। मान्यता है कि वो 4 वर्षों तक यहाँ रहे थे। उनकी इसी स्मृति को सँजोए रखने के लिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने उनकी 108 फ़ीट ऊँची प्रतिमा यहाँ बनवाई है।

खास बात ये है कि इस प्रतिमा में उनके बाल स्वरूप को ही दिखाया गया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में पहले ही महाकाल कॉरिडोर बन चुका है और श्रद्धालुओं के लिए कई कार्य किए गए हैं। वहीं ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की प्रतिमा को ‘Statue Of Oneness’ नाम दिया गया है। इस पूरे क्षेत्र को ‘एकात्म धाम’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहाँ पर ‘अद्वैत लोक’ नाम का एक संग्रहालय भी बन रहा है। साथ ही ‘आचार्य शंकर अद्वैत वेदांत संस्थान’ की भी स्थापना की जा रही है।

ओंकारेश्वर में ही शंकराचार्य को गुरु गोविंद भगवत्पाद नाम के गुरु मिले थे। 12 वर्ष की आयु में ही उन्होंने यहाँ से देश भर में हिन्दू धर्म के पुनरुद्धार के लिए प्रस्थान किया था। LNT कंपनी इस मूर्ति का निर्माण कार्य कर रही है। महाराष्ट्र के शोलापुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान राम पुर ने इस मूर्ति को गढ़ा है, वहीं 2018 में चित्रकार वासुदेव कामत ने इसका चित्र तैयार किया था। भाजपा ने तब 2017-18 में ‘एकात्म यात्रा’ भी निकाली थी। 27,000 ग्राम पंचायतों से इसके तहत धातु संग्रहण के लिए अभियान चलाया गया था।

‘एकात्म धाम’ में शंकराचार्य से जुड़ी चित्रकथाएँ, लेजर लाइट वॉटर साउंड शो, उनके जीवन पर फिल्म, ‘सृष्टि’ नाम का अद्वैत व्याख्या केंद्र, नर्मदा विहार, अन्नक्षेत्र और शंकर कलाग्राम विकसित किया गया है। एक पारंपरिक गुरुकुल भी यहाँ स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही 36 हेक्टेयर में ‘अद्वैत वन’ भी विकसित किया जा रहा है। 2000 करोड़ रुपए की लागत से इसे बनाया जा रहा है। प्रतिमा के अलावा परियोजना का बाकी कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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