पिछले दो महीनों से दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार की देश भर में चर्चा हो रही है। यहाँ हिंदू धर्म से संबंधित देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और जैन धर्म से संबंधित विभिन्न प्रतीकों के मिलने की खबरें आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुतुब मीनार परिसर (Qutub Minar complex) में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के रूप में जाने जाने वाले विवादित ढाँचे के एक खंभे में यह मूर्ति लगी हुई है। इसे वर्षों से पहचानने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन अब पुरातत्वविद धर्मवीर शर्मा ने इसकी पहचान नरसिंह भगवान और भक्त प्रह्लाद की मूर्ति के रूप में की है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के क्षेत्रीय निदेशक रहे धर्मवीर शर्मा (Dharamveer Sharma) का दावा है कि यह मूर्ति आठवीं-नौवीं सदी में प्रतिहार राजाओं के काल की है। सालों से इसकी पहचान करने की कोशिश की जा रही थी और काफी प्रयास के बाद अब पुरातत्वविद ने इस मूर्ति की पहचान कर ली है। दावा किया जा रहा है कि यह मूर्ति 1200 साल पुरानी है और यह प्रतिहार राजाओं या राजा अनंगपाल के समय की है। प्रतिहार राजाओं में मिहिर भोज सबसे प्रतापी राजा हुए हैं। इस मूर्ति की तस्वीरें देश भर के विशेषज्ञ पुरातत्वविदों को विशेष अध्ययन के लिए भेजी गई हैं। उनका कहना है कि यह नरसिंह भगवान की दुर्लभ मूर्ति है, किसी और जगह इस तरह की मूर्ति नहीं मिलती है।
1200-year-old idol of lord Narsingh allegedly found in one of pillars of mosque inside Qutub Minar’s complex. @Milan_reports with details#ITVideo #India #QutubMinar | @nabilajamal_ pic.twitter.com/2p22IyW58c
— IndiaToday (@IndiaToday) May 18, 2022
प्रसिद्ध पुरातत्वविद शर्मा कहते हैं, “अभी तक हम केवल भगवान नरसिंह की उस मूर्ति को ही देखते आ रहे हैं, जिसमें हिरण्यकश्यप को अपने घुटने पर रखकर भगवान नरसिंह द्वारा असुर को नाखूनों से चीरते हुए दिखाया गया है। लेकिन इस मूर्ति में दिखाया गया है कि जब क्रोधित नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप का वध किया तो उनकी क्रोधाग्नि से पूरी पृथ्वी जलने लगी थी। देवताओं ने तब भक्त प्रह्लाद से प्रार्थना की, क्योंकि वह नरसिंह भगवान के प्रिय थे और वही भगवान के क्रोध का शांत कर सकते थे। तब प्रह्लाद भगवान नरसिंह से प्रार्थना करने लगे, इससे प्रसन्न होकर भगवान ने उनको अपनी गोद में बिठाया और वह शांत हो गए।” धर्मवीर शर्मा दिल्ली में एएसआई के क्षेत्रीय प्रभारी भी रह चुके हैं।
वहीं, मूर्ति के बारे में बात करते हुए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा कि कुतुब मीनार में पहचानी गई मूर्ति अद्भुत है। यह मूर्ति धार्मिक और शोध करने वाले लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। इस मूर्ति की तस्वीरें देश के विशेषज्ञ पुरातत्वविदों को विशेष अध्ययन के लिए भेजी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि नरसिंह भगवान की पूजा पूरे भारत में बड़ी ही श्रद्धा के साथ की जाती है। पुरी में भगवान जगन्नाथ की सभी विशेष पूजा पास के नरसिंह मंदिर में की जाती हैं। भगवान नरसिंह बुराई का अंत करने और अपने भक्तों से प्रेम करने के लिए जाने जाते हैं।