Monday, December 23, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिमॉर्निंग वॉक पर निकली मंदिर के हथिनी 'लक्ष्मी' की मौत, लोगों ने रोते हुए...

मॉर्निंग वॉक पर निकली मंदिर के हथिनी ‘लक्ष्मी’ की मौत, लोगों ने रोते हुए दी अंतिम विदाई: लोगों ने एक्टिविस्ट्स को बताया जिम्मेदार

"मेनका गाँधी ने वन विभाग पर दबाव डाला कि वह हाथी को टहलाने तक के लिए न ले जाएँ। उसकी वजह से उसके (लक्ष्मी) शरीर में वॉटर रिटेंशन था, जिसके कारण उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई।"

पुडुचेरी के मनाकुला विनयागर मंदिर (Manakula Vinayagar Temple) की प्रसिद्ध हथिनी लक्ष्मी की बुधवार (30 नवंबर, 2022) को अचानक गिरने से मौत हो गई। लक्ष्मी की मौत से इलाके में लोग बेहद दुखी हैं। सोशल मीडिया पर उसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं, भारतीय वन सेवा के अधिकारी वंजुलवल्ली श्रीधर और एनिमल वेलफेयर के एस मुरलीधरन ने तोड़-फोड़ का संदेह जताया है और उसकी मौत के लिए मंदिर के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्मी अपने महावत के साथ आज सुबह मॉर्निग वॉक पर निकली थी। इस दौरान वह अचानक बेहोश होकर सड़क पर गिर गई। उसे इलाज के लिए पशु चिकित्सकों के पास ले जाया गया, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के कारण उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद उसे क्रेन से उठाकर मंदिर के सामने रखा गया, ताकि भक्त लक्ष्मी को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। वहीं, लक्ष्मी के मौत की खबर सुनते ही पुडुचेरी के लोग उसे देखने के लिए उमड़ पड़े। उन्होंने उसे रोते हुए अंतिम विदाई दी।

बताया जा रहा है कि हथिनी लक्ष्मी साल 1995 में 5 साल की उम्र में मनाकुला विनायगर मंदिर में आई थी। तब से उसे यहाँ भक्तों का बहुत प्यार मिला है। लोग उसे प्रसाद खिलाते थे। उसका आशीर्वाद लेते थे, लेकिन उसके इस तरह से जाने से उनका रो-रोकर बुरा हाल है।

मंदिर के कार्यकर्ताओं ने लक्ष्मी की मौत को साजिश करार दिया है। उनका आरोप है कोरोना महामारी के दौरान भाजपा नेता मेनका गाँधी द्वारा लक्ष्मी को मनाकुला विनयागर मंदिर से जबरदस्ती उठा लिया गया था। उनके मुताबिक, “हम तत्कालीन पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, कॉन्ग्रेस नेता अमेरिकाई नारायणन और इंदु मक्कल काची की मदद से लक्ष्मी को यहाँ वापस लाए। लेकिन, उसके बाद मेनका ने वन विभाग पर दबाव डाला कि वह हाथी को टहलाने तक के लिए न ले जाएँ। उसकी वजह से उसके (लक्ष्मी) शरीर में वॉटर रिटेंशन था, जिसके कारण उसे दिल का दौरा पड़ा और आज सुबह उसकी मौत हो गई।”

वहीं, दूसरी ओर भारतीय वन सेवा के अधिकारी वंजुलवल्ली श्रीधर और एनिमल वेलफेयर कार्यकर्ता एस मुरलीधरन ने तोड़-फोड़ का संदेह जताया है। मुरलीधरन ने पूछा, “किसके निर्देश पर वह हाथी को टहलाने ले गए। इसके बाद उसे शेड में बंद कर दिया और पोस्टमॉर्टम हुआ।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -