Sunday, November 17, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिजुटीं 37000 महिलाएँ, जीवंत हो उठी 5000 साल पुरानी परंपरा: द्वारका के नन्दधाम में...

जुटीं 37000 महिलाएँ, जीवंत हो उठी 5000 साल पुरानी परंपरा: द्वारका के नन्दधाम में महारास का Video वायरल

गुजरात के द्वारका में एक साथ 37,000 अहीर महिलाओं ने रास रचाया। इस रास रचाने का वीडियो अब वायरल हो रहा है। महिलाओं के रास रचाने से 5000 वर्ष पुरानी प्रभु श्रीकृष्ण काल की परम्परा पुनर्जीवित हो गई। इस कार्यक्रम में डेढ़ लाख से अधिक अहीर समुदाय के लोग शामिल हुए। यह आयोजन 24 दिसम्बर, 2024 को सुबह किया गया।

गुजरात के द्वारका में एक साथ 37,000 अहीर महिलाओं ने महारास रचाया। इस रास रचाने का वीडियो अब वायरल हो रहा है। महिलाओं के महारास रचाने से 5000 वर्ष पुरानी प्रभु श्रीकृष्ण काल की परम्परा पुनर्जीवित हो गई। इस कार्यक्रम में डेढ़ लाख से अधिक अहीर समुदाय के लोग शामिल हुए। यह आयोजन 24 दिसम्बर, 2024 को सुबह किया गया।

इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय यादव समाज और अहिरानी मंडल समाज द्वारा किया गया था। महिलाओं का नृत्य जहाँ आयोजित हुआ उस स्थान को नन्दधाम परिसर का नाम दिया गया था। इस नृत्य का ड्रोन वीडियो अब वायरल हो रहा है।

इस आयोजन में शामिल होने के लिए दुनिया भर से अहीर समाज की महिलाएँ शामिल हुई थीं। अहीर महिलाओं ने इस दौरान पारम्परिक लाल रंग की पोशाक पहनी हुई थी। इन महिलाओं ने मैदान में बीच में लगी श्रीकृष्ण प्रतिमा के चारों तरफ महारास रचाया। यह नृत्य बाणासुर की बेटी और भगवान कृष्ण की बहू ऊषा के महारास की स्मृति में आयोजित किया गया था।

टीवी 9 भारतवर्ष के अनुसार, मान्यता है कि कच्छ के व्रजवानी गाँव में एक ढोली ने जब ढोल बजाना शुरू किया, तब आहिर समाज की 140 महिलाएँ अपने कार्य को अधूरा छोड़कर महारास खेलने चली गई थीं। लोककथाओं के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने यह ढोल बजाया था और सभी महिलाएँ कृष्ण के साथ महारास रचाने गई थीं। यहाँ ढोल बजता रहा और महिलाएँ महारास खेलती गईं। अभी भी उस जगह पर सभी महिलाओं की समाधि है।

23 दिसंबर की शाम शुरू हुए अहिरानी महारास कार्यक्रम की शुरुआत में कार्यक्रम स्थल पर हस्तशिल्प उद्योग का बिजनेस एक्सपो और प्रदर्शनी आयोजित की गई थी। शाम को अहीर समाज के दानदाताओं, नेताओं, युवाओं, कार्यकर्ताओं की विशेष उपस्थिति में यहाँ पूजा शुरू हुई। 

महारास नृत्य समाप्त होने के बाद इन महिलाओं को श्रीमदभगवद्गीता पुस्तक उपहार में दी गई। इस आयोजन में जामनगर सांसद पूनमबेन माडम भी शामिल हुईं। उन्होंने पारम्परिक वेशभूषा में इन महिलाओं के साथ नृत्य किया। इस नृत्य का आयोजन नई पीढ़ी को परम्पराओं से अवगत करवाने के लिए किया गया था।

इस कार्यक्रम में सम्मान समारोह, पूजा-अर्चना, सामूहिक प्रसाद और राधा भाई अहीर सहित कलाकारों के भव्य लोक के साथ-साथ अहीर बहनों द्वारा तैयार किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -