हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गुरुवार (2 दिसंबर 2021) से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (IGM) की शुरुआत हो गई। कुरुक्षेत्र में ही भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के 18 दिन के युद्ध के पहले दिन अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। हरियाणा सरकार कुंभ की तर्ज पर गीता महोत्सव को भी अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाना चाहती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार (1 दिसंबर 2021) को कहा कि सरकार वार्षिक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (IGM) को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न दूतावासों में प्रदर्शनियों के आयोजन पर विचार कर रही है।
यह महोत्सव 2 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा, जबकि मुख्य कार्यक्रम 9 से 14 दिसंबर तक होंगे। मुख्यमंत्री ने मुख्य आयोजन स्थल ब्रह्मसरोवर में इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में कुरुक्षेत्र आगमन के दौरान इसे गीता स्थली के रूप में विकसित करने की बात कही थी। इसी क्रम में कुरुक्षेत्र को नए स्वरूप में विकसित किया जा रहा है।
30 नए स्थान जोड़े जा रहे
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि 48 कोस परिक्रमा में 30 नए तीर्थ स्थान जोड़े जा रहे हैं। इन 30 ‘तीर्थों’ में से 13 कुरुक्षेत्र में, 10 कैथल में, 6 करनाल में और एक जींद जिले में स्थित हैं। इस तरह अब कुल मिलाकर 164 तीर्थ हो गए हैं, जो राज्य के पाँच जिलों- कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत और जिंद में फैले हैं। इस बार के गीता महोत्सव का थीम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ रहेगा और इसमें तमाम देशी-विदेशी कलाकार जुड़ेंगे।
सीएम खट्टर ने कहा कि आईजीएम में सामाजिक और धार्मिक समूहों का योगदान काफी बढ़ गया है, इसलिए भविष्य में महोत्सव की योजना एवं आयोजन के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस समिति का सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मौके पर 75 स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा।
महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी का आयोजन करेगा। 14 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर में करीब 1,100 छात्र गीता पाठ करेंगे, जबकि ऑनलाइन गीता पाठ में देश-विदेश के 55,000 छात्र भाग लेंगे। इस दौरान 75 प्रसिद्ध मूर्तिकार महाभारत और गीता के पर आधारित मूर्तियाँ बनाएँगे।
भगवान कृष्ण की मूर्ति
सीएम खट्टर ने कहा कि देश में 574 जिलों की मिट्टी के मिश्रण से कृष्ण के विशाल रूप को दर्शाने वाली एक भव्य प्रतिमा का निर्माण किया गया है। मूर्ति को गीता के 574 श्लोकों के अनुसार बनाया गया है और भगवान कृष्ण के विराट स्वरूप वाली प्रतिमा की ऊँचाई करीब 40 फीट है। उन्होंने इस महोत्सव को गौरव और सौभाग्य की बात बताते हुए कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर गीता के दिव्य संदेश का यह 5,158वाँ साल होगा।
सीएम ने ये भी बताया कि कुरुक्षेत्र केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत श्रीकृष्ण सर्किट का हिस्सा है। इस योजना के तहत ब्रह्मसरोवर, नरकतारी, ज्योतिसर, सन्निहित सरोवर और बाकी शहर का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन विकास कार्यों पर करीब 97.35 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ये मदद केंद्र सरकार की ओर से दी गई है।