सोशल मीडिया पर हाल में सदगुरु जग्गी वासुदेव की एक वीडियो की क्लिप वायरल हुई है। इस क्लिप में वह भगवान कृष्ण और उनका पालन पोषण करने वाली यशोदा माता पर विवादित तथाकथित टिप्पणी कर रहे हैं। वीडियो में देख सकते हैं कि सदगुरू कहते हैं कि माँ यशोदा का प्रेम कृष्ण के लिए सिर्फ़ माँ वाला प्यार नहीं था, बल्कि वो उससे कहीं ऊपर था।
Sadhguru says – ” Yashoda was the foster mother of Krishna. She loved him. But, this love was not merely a motherly love. It was till Krishna was an infant. Krishna grew too fast. Then, that love changed into that of a lover. She started doing Rasa with Krishna…” pic.twitter.com/V0zHkstFMK
— Cursed Raita Takes (@CursedRaitaTake) April 3, 2021
सदगुरु कहते हैं,
“यशोदा, कृष्ण की पालक माँ। वो अपने पुत्र के साथ गहरे प्रेम में थीं। वो कृष्ण को सिर्फ़ बेटा नहीं, उससे बढ़कर मानती थीं। जब कृष्ण छोटे थे, तो ये सब (प्यार) उस छोटे से बच्चे के लिए था। लेकिन जब वो (कृष्ण) बड़े हुए तो काफ़ी तेज़ी से बढ़े। उनका विकास अभूतपूर्व था। कोई भी माँ अपनी ममता को इस तरह के विकास के साथ समायोजित नहीं कर सकती। इसलिए कृष्ण के 5-6 साल के होते-होते यशोदा का मातृत्व कहीं खो गया। उसके बाद वो उनकी माँ नहीं रह सकती थीं। वह एक तरह से उनकी प्रेमिका बन गईं। उन्होंने बस उनसे प्रेम किया। तो यशोदा का कृष्ण के साथ संबंध इस तरह से बढ़ा कि वो भी गोपियों में से एक बन गईं। वो भी रास का हिस्सा थीं। वो राधा को पसंद नहीं करती थीं क्योंकि उन्हें लगता था कि ये लड़की बहुत तेज है।”
वायरल वीडियो में सदगुरू ने आगे कहा,
“एक गाँव की लड़की से सामान्य व्यवहार अपेक्षित होता है। वह छोटे से ही बहुत बाहर जाने वाली थी। इसलिए यशोदा को लगा कि ये लड़की उनके बेटे पर हक जमा लेगी…कृष्ण कभी नहीं आए। अपनी माँ से मिलने भी नहीं। कई बार उन्होंने मथुरा की नदी को क्रॉस किया लेकिन कभी वृंदावन नहीं आए क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि वहाँ के वासियों को पता चले कि एक गाय चराने वाले लड़के पर विश्व में धर्म की पुन: स्थापना का जिम्मा उठा लिया है… तो ऐसे यशोदा राधा के साथ गोपी बन गईं क्योंकि कृष्ण अब उनके बेटे नहीं थे। कृष्ण की आभा ने उन पर भी अपनी छाप छोड़ दी थी।”
इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल है। कई लोग सदगुरु पर भगवान कृष्ण और माता यशोदा के संबंधों को गलत बताने के लिए उनकी आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर लिखता है, “बेहद वाहियात। यशोदा, मातृत्व का प्रतीक हैं। उनके मन में कान्हा के लिए असीम प्रेम था। उन्होंने अगले जन्म भी कृष्ण की माँ बनने की इच्छा जाहिर की थी, इसलिए वह वकुल माता के तौर पर कलियुग में जन्मी हैं।”
Absolutely ridiculous. Yashoda is a symbol of motherhood. She had immense love for kanha. She expresses her wish to be his mother in another life too, which is why she was born as Vakula Mata in Kaliyuga🤦🏼♀️ https://t.co/I8hZfFNasl
— gauri (@gauri45) April 4, 2021
कई यूजर ने इस प्रकार के विवरण को अपमानजनक और आपत्तिजनक करार दिया।
Not once till date would u have read/ heard about Yashoda this way.. this claim is demeaning and disgusting. https://t.co/75ZPlLI7Q6
— kripa (@kripa_18) April 3, 2021
ईशा फाउंडेशन की सफाई
सदगुरु की ऑनलाइन वीडियो वायरल होने के बाद सदगुरु द्वारा संचालित ईशा फाउंडेशन ने पूरे मामले पर अपनी सफाई पेश की है। फाउंडेशन ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि सदगुरु द्वारा यशोदा और कृष्ण की बातचीत को बड़ी चालाकी से एडिट किया गया है।
ट्विटर पर शेयर की जा रही वीडियो पर ईशा फाउंडेशन ने कहा, “कुछ दिनों पहले, एक ट्विटर उपयोगकर्ता द्वारा कुछ ट्वीट्स पोस्ट किए गए थे, जिसमें सदगुरु की वीडियो एडिट की गई। इन गलत इरादों से की गई एडिटिंग से यूजर ने ये बताने की कोशिश की, कि मानो सदगुरू ने बताया हो कि यशोदा का कृष्ण के प्रति प्रेम कामुकता संबंधी था।”
फाउंडेशन ने कहा कि ऐसी वीडियो शेयर करके यूजर ने सिर्फ विवाद बढ़ाने और सदगुरु के बारे में झूठी जानकारी फैलाने की कोशिश की है। असली वीडियो में सदगुरु उन महिलाओं के बारे में बात कर रहे हैं जो कृष्ण भक्ति में लीन थी। ट्विटर यूजर ने जानबूझकर उन पार्ट्स को हटाया।
कृष्ण, एक ऐसी ईश्वरीय शक्ति थे कि किसी के लिए भी उनका भक्त बनने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। यही वजह है कि उनकी माँ भी उनकी भक्त बन गई थीं। सदगुरु बता रहे थे कि कैसे ईश्वर के साथ प्रेम में होना भक्ति होती है। अपनी कई वीडियो में सदगुरु ने बताया है कि भक्ति, भौतिक शरीर से परे है। यह मुक्ति पाने की सर्व-समावेशी प्रक्रिया है।
संस्था ने अपने बयान में कहा कि सद्गुरु उस प्रेम के बारे में बात कर रहे थे जो भक्तों में भगवान कृष्ण के लिए है और यह किसी भी यौन संबंध से रहित है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये गलत इरादे वाला ट्विटर उपयोगकर्ता प्रेमी का अर्थ सिर्फ यौन संबंध समझता है और वह इस झूठे परिप्रेक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए सद्गुरु के शब्दों को विकृत करने की कोशिश कर रहा है।
ईशा फाउंडेशन द्वारा जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि वीडियो को “निंदनीय” तरीके से संपादित किया गया है और यह हमारी संस्कृति के विपरीत है। फाउंडेशन ने कहा कि ये शरारत सद्गुरु के बारे में नहीं है, यह कृष्ण के बारे में है और भारत की संस्कृति के बारे में भी है।