Sunday, November 17, 2024
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₹34 करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुआ काशी का ‘नमो घाट’: ओपन थिएटर, लाइब्रेरी, बनारसी खाना… सब मिलेगा, बनेगा बड़ा पर्यटन स्थल

यहाँ पर ओपेन थियेटर भी है। लाइब्रेरी, बनारसी खान-पान के लिए फूड कोर्ट है, यहाँ पर मल्टीपर्पज प्लेटफार्म भी होगा, जहाँ हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनकर तैयार हो गया है। भारतीय संस्कृति और आधुनिकता को संजोए काशी के घाटों में एक और घाट नमो घाट (Namo Ghat) का नाम जुड़ गया है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर पहले भी कई यूजर्स तस्वीरें और वीडियो शेयर कर चुके हैं। घाट की बनावट नमस्ते करता हुआ स्कल्पचर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर इसे लोग हैशटैग नमो घाट लिखकर शेयर कर रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 34 करोड़ की लागत से बनी खिड़किया घाट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्दी ही कर सकते है। इस घाट से जलमार्ग और वायु मार्ग को भी जोड़ा जाएगा, जिससे पर्यटक अन्य शहरों तक भी जा सकें।

वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया, “करीब 21000 स्क्वायर मीटर में बन रहे इस घाट का पहला फेज बनकर तैयार हो गया है। इसके निर्माण में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है। इस घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा। यहाँ पर्यटक सुबह-ए-बनारस का नजारा देख और गंगा आरती में शामिल हो सकेंगे। वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा ले सकेंगे। इसके अलावा दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए माँ गंगा के चरणों तक रैंप बना है।” पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद खिड़किया घाट यानी नमो घाट का अवलोकन किया था।

इसके अलावा यहाँ पर ओपेन थियेटर भी है। लाइब्रेरी, बनारसी खान-पान के लिए फूड कोर्ट है, यहाँ पर मल्टीपर्पज प्लेटफार्म भी होगा, जहाँ हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। यहाँ पर पर्यटक काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन के लिए आसानी से टिकट भी ले सकते हैं। खिड़किया घाट से क्रूज के जरिए पास के अन्य शहरों का भ्रमण करना भी आसान है। इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के मैनेजर दुर्गेश ने बताया कि गाबियन (GABION) और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया गया है, जिससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। घाट तक गाड़ियाँ भी जा सकती हैं और यहाँ पर वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी है।

बता दें कि घाट पर सूर्य और गंगा को प्रणाम करतीं तीन जोड़ी हाथ की आकृतियों के कारण इसे ‘नमो घाट’ का नाम दिया गया है। हाल ही में एक अधिकारी ने बताया था कि 34 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ यह घाट वाराणसी का 85वाँ घाट होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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