काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह ही वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पाँच एकड़ में यह कॉरिडोर फैला होगा। इसमें श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी।
मीडिया रिपोर्टों में इस कॉरिडोर का जो प्लान बताया गया है उसके मुताबिक यह दो मंजिला होगा। कॉरिडोर में प्रवेश के तीन रास्ते होंगे। पहला रास्ता जुगलघाट से सीधा मंदिर तक जाएगा। दूसरा रास्ता विद्यापीठ चौराहे से आएगा। वहीं, तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग से होगा। इसे VIP मार्ग कहा जाता है। इन रास्तों की चौड़ाई करीब 20 से 25 मीटर तक होगी।
कॉरिडोर बनने के बाद पाँच हजार श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकेंगे। अभी केवल 800 श्रद्धालु ही एक साथ दर्शन कर पाते हैं। कॉरिडोर के माध्यम से मंदिर और यमुना नदी को जोड़ दिया जाएगा। इससे श्रद्धालु यमुना नदी में डुबकी लगाने के बाद कॉरिडोर के जरिए सीधा मंदिर पहुँचकर बांके बिहारी के दर्शन कर सकेंगे।
वाराणसी के काशी विश्नवनाथ कॉरिडोर की तरह ही मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भी कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. कॉरिडोर को लेकर सर्वे का काम पूरा हो चुका है. ये पूरा कॉरिडोर पांच एकड़ में बनाया जाएगा.
— Aakash Shukla (@JournoAakash) January 16, 2023
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कॉरिडोर की खासियत
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के लिए सामान रखने की जगह, जूता घर, शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था होगी। चिकित्सा और बच्चों की देखभाल समेत कई सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी। इस कॉरिडोर का ऊपरी हिस्सा 11 हजार 600 वर्ग मीटर का होगा और निचला हिस्सा 11 हजार 300 वर्ग मीटर का।
कॉरिडोर में श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के साथ चार और प्राचीन मंदिरों के दर्शन भी कर सकेंगे। इसमें दो प्राचीन मंदिर मदन मोहन मंदिर और राधा वल्लभ मंदिर हैं। कहा जा रहा है कि कॉरिडोर को बनाने के दौरान इसके रास्ते में आने वाले 321 भवन और संपत्तियों का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए प्रभावितों को 200 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
इस कॉरिडोर से मंदिर का मूल स्वरूप खत्म होने का दावा भी कुछ लोग कर रहे हैं। लेकिन मथुरा से बीजेपी सांसद (BJP MP) हेमा मालिनी (Hema Malini) ने इसे खारिज किया है। उन्होंने कहा है, “जो भी बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर ऐसा कह रहे हैं, ये उनका व्यक्तिगत विचार है। हम भी यही चाहते हैं कि वृंदावन का प्राचीनकाल का स्वरूप वैसा का वैसा ही रहे। यह हमारी जिम्मेदारी है।”
साथ ही उन्होंने कहा कि कॉरिडोर का निर्माण वृंदावन की सबसे बड़ी जरूरत है। इस कॉरिडोर के निर्माण से पर्यटन व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी। सबको समान जगह मिलेगी। व्यापारियों को भी सुविधा होगी। यहाँ आने-जाने वाले लोगों और दर्शन करने वालों को बहुत ही सेफ जगह मिलेगी।
मथुरा
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) January 15, 2023
➡बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर पर सांसद हेमा मालिनी का बयान
➡कॉरिडोर के निर्माण से पर्यटनस व्यापार को बढ़ावा मिलेगा-हेमा
➡कॉरिडोर निर्माण वृंदावन की सबसे बड़ी जरूरत है -हेमा मालिनी
➡वृंदावन में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा- हेमा मालिनी.#Mathura @dreamgirlhema pic.twitter.com/7vbrbjEXyg
कहाँ है बांके बिहारी मंदिर
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन धाम में रमण रेती पर स्थित है बांके बिहारी मंदिर। यह देश के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का ही एक रूप दिखाया गया है। 1864 में भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त स्वामी हरिदास ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। माना जाता है कि इस मंदिर में स्थापित भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्वयंभू है।