Sunday, November 17, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृति30 साल की मेहनत के बाद संकल्पपूर्ति का आनंद मिला, हमें मन की अयोध्या...

30 साल की मेहनत के बाद संकल्पपूर्ति का आनंद मिला, हमें मन की अयोध्या को सजाना होगा: संघ प्रमुख भागवत

"जिनका जो काम है वो करेंगे, अब हमको अयोध्या को सजाना-सँवारना है। संपूर्ण विश्व को सुख शांति देने वाले भारत को हम खड़ा कर सकें, इसलिए हमें योद्धा बनना है। इस मंदिर के पूर्ण होने से पहले हमारा मन मंदिर बनकर तैयार रहना चाहिए, इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।”

500 साल बाद आज रामलला के लिए दोबारा भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इस अवसर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ एक मंच पर मौजूद रहे। प्रदेश मुख्यमंत्री ने जहाँ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और संघ प्रमुख समेत सभी धर्माचार्यों व संतगणों का आभार व्यक्त किया। वहीं संघ प्रमुख ने भी इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने उस संकल्प को याद किया जिसका आह्वान उन्होंने 30 वर्ष पहले किया था। इसके अलावा उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल और रामचंद्रदास को भी याद किया।

भूमि पूजन के इस शुभ अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि उनके लिए यह बहुत प्रकार से आनंद का क्षण है। उन्होंने कुछ समय पहले एक संकल्प लिया था। उस वक्त संघ के संचालक बाला साहेब देवरस ने उन्हें इस दिशा में कोई कदम आगे बढ़ाने से पहले याद दिलाया था कि इस काम में बहुत साल लगेंगे।

संघ प्रमुख कहते हैं कि बाला साहेब देवरस ने उन्हें पहले ही कहा था कि इस काम के लिए करीब 20-30 साल लगकर मेहनत करनी पड़ेगी, तब जाकर ये काम होगा। मोहन भागवत कहते हैं कि आज 20-30 साल की मेहनत के बाद 30वें साल के आरंभ में उन्हें उनके संकल्पपूर्ति का आनंद मिला।

उन्होंने अपने संबोधन में उन लोगों के प्रयासों और बलिदानों का प्रमुखता से जिक्र किया और कहा कि वह लोग अब हमारे बीच प्रत्यक्ष रूप से मौजूद नहीं है। लेकिन आज कार्यक्रम में वह सभी सूक्ष्म रूप में उपस्थित हैं। उन्होंने उन लोगों को भी याद किया जो जीवित तो हैं लेकिन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। 

संघ प्रमुख ने रथ यात्रा निकालकर राम मंदिर के आंदोलन को नया रूप देने वाले लाल कृष्ण आडवाणी को याद किया और कहा कि आज वह भी अपने घर में बैठकर यह देख रहे हैं। ये सब परिस्थिति है कि लोग आना चाहते हैं मगर परिस्थितियाँ ऐसी नहीं हैं कि उन्हें बुलाया जा सके।

उन्होंने इस मौके पर आनंदित लोगों की खुशी को सदियों से अधूरी आस को पूरी होने का नतीजा बताया। साथ ही भारत को आत्मनिर्भर बनाने का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास और आत्मभान की आवश्यकता थी उसका सगुण अधिष्ठान का शुभांरभ आज हो रहा है।

उन्होंने कहा कि संसार में अभी मंथन चल रहा है और ऐसे समय में भारत ही उसका नेतृत्व करेगा। भारत में यह क्षमता है। भागवत ने कहा कि सारा संसार अंतर्मुख हो गया है। सारा संसार विचार कर रहा है कि कहाँ गलती हो गई। हम उसका हल निकालेंगे, हम उसपर विचार करेंगे, हम शुरू करेंगे, तो हो जाएगा। आज इसके लिए संकल्प करने का दिन है।

भागवत ने श्रीराम के प्रति लोगों की आस्था पर कहा कि सभी भारतवासियों को उनसे प्रेरणा मिलती है कोई अपवाद नहीं, सबके राम हैं सब राम के हैं, इसलिए मंदिर बनेगा। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए सबमें दायित्व बाँटे गए हैं और जिम्मेदार लोग अपना काम कर रहे हैं लेकिन इसके साथ ही हमें भी अपना दायित्व पूरा करना है।

भागवत ने कहा, “जिनका जो काम है वो करेंगे, अब हमको अयोध्या को सजाना-सँवारना है। संपूर्ण विश्व को सुख शांति देने वाले भारत को हम खड़ा कर सकें, इसलिए हमें योद्धा बनना है। इस मंदिर के पूर्ण होने से पहले हमारा मन मंदिर बनकर तैयार रहना चाहिए, इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।” भागवत बोले कि हमारे हृदय में भी राम का बसेरा होना चाहिए।

उन्होंने कहा, “हम सबको अपने मन की अयोध्या को सजाना है। प्रभु राम जिस धर्म के विग्रह माने जाते हैं, वो सबकी उन्नति करने वाला, सबको अपना मानने वाला धर्म है, हमें अपने मन में भी ऐसी ही अयोध्या बनानी है। मंदिर बनने से पहले मन का मंदिर सज जाना चाहिए। हमारा हृदय भी राम का बसेरा होना चाहिए। हृदय से सब प्रकार के दोषों को मिटाकर बस देशवासियों को ही नहीं, पूरे विश्व को अपनाने, एक साथ लाने का प्रतीक है यह मंदिर, इसकी स्थापना बहुत ही सक्षम हाथों से हुई है।” 

अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख ने अशोक सिंघल को याद किया। भागवत ने कहा, “आज अगर अशोक जी होते तो कितना अच्छा होता। रामचंद्र दास जी होते तो और अच्छा होता, लेकिन मेरा विश्वास है शरीर से जो नहीं हैं वह सूक्ष्म रूप से आनंद उठा रहे होंगे।”

उन्होंने अपनी बात रखते हुए संबोधन में भारतीयों की मिलनसार प्रवृति और वसुदेव कुटुंब के मंत्र को दोहराया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अब मंदिर बन कर रहेगा। वे बोले, “हम वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखने वाले लोग हैं। यह एक नए भारत की शुरुआत है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

क्या है ऑपरेशन सागर मंथन, कौन है लॉर्ड ऑफ ड्रग्स हाजी सलीम, कैसे दाऊद इब्राहिम-ISI के नशा सिंडिकेट का भारत ने किया शिकार: सब...

हाजी सलीम बड़े पैमाने पर हेरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीले पदार्थों की खेप एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों में पहुँचाता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -