अयोध्या में 5 अगस्त को पीएम मोदी द्वारा राममंदिर भूमिपूजन और शिलान्यास का कार्य संपन्न हो चुका है। अब बहुत जल्द ही दिग्गज कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एल & टी) वहाँ पर नींव की खुदाई कर भव्य राममंदिर का निर्माण आरंभ करने जा रही है।
इकोनॉमिक टाइम्स रिपोर्ट के अनुसार राम मंदिर की पहली मंजिल अगले डेढ़ साल में बन कर तैयार हो जाएगी। संभावना है कि मंदिर स्थल की खुदाई का काम मॉनसून खत्म होने के बाद शुरू हो सकता है। इस कार्य को पूरा होने में लगभग 4-5 महीने लग सकते हैं।
वहीं मंदिर की नींव डालने के काम में लगभग 6 से 8 महीने लग सकते है। राम मंदिर 3 मंजिल का बनाया जाना है। जिसका पहला मंजिल लगभग 6 से 8 महीने में तैयार हो जाएगा।
उम्मीद है कि पूरे मंदिर का निर्माण लगभग 36 से 40 महीनों में हो जाएगा। बाकी बचे दो फ्लोर के निर्माण में 18 महीने का समय लग जाएगा। इसके अलावा मंदिर की सुंदरता और साज-सज्जा में 4 महीने का अतिरिक्त समय और लगेगा।
अयोध्या मंदिर के ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा के अनुसार, ट्रस्ट सबसे पहले मंदिर के लेआउट प्लान के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण से आधिकारिक अनुमति लेगा। लेआउट प्लान के लिए 2 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के लिए अधिकांश पत्थरों को पहले से ही तैयार किया जा चुका है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स रिपोर्ट के अनुसार मिश्रा ने बताया, मंदिर ट्रस्ट और पत्थरों की व्यवस्था भी करेगा क्योंकि मंदिर का आकार अपनी मूल योजना से लगभग दोगुना हो गया है। भव्य मंदिर निर्माण में लगभग 20 प्रतिशत और अधिक पत्थरों की आवश्यकता होगी। मंदिर की साइट पर एल & टी पहले से ही काम कर रहे हैं। जल्द ही कंपनी अपने उपकरणों को लाकर नींव रखने के लिए स्थल पर खुदाई का काम शुरू कर देगी।
मिश्रा ने कहा कि मंदिर मुख्य रूप से बांसी पहाड़पुर पत्थर से बना होगा। मिश्रा ने आगे कहा कि लार्सन एंड टुब्रो और सोमपुरा परिवार इस परियोजना पर एक साथ काम करेंगे। आशीष सोमपुरा वही हैं जिन्होंने मंदिर का संशोधित डिज़ाइन तैयार किया है। एल & टी सोमपुरा द्वारा निर्मित आर्किटेक्चरल डिजाइन का निर्माण करेगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राम मंदिर सोमनाथ मंदिर और अक्षरधाम मंदिरों से भी भव्य बनने जा रहा है। विहिप द्वारा ओरिजिनल मॉडल को सोमपुरा द्वारा डिजाइन में संशोधन किया गया था। जिससे प्रस्तावित मंदिर पहले से अधिक बड़ा और अद्भुत हो गया। संशोधित मॉडल में और शिखरों को भी जोड़ा गया है।