श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने मस्जिदों में राम नाम का जाप करने की अपील की है। उन्होंने देश के चर्चों से भी यही करने को कहा है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए इन्द्रेश कुमार ने कहा, “मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अपील की है और मैं दोहरा रहा हूँ कि दरगाहों, मस्जिदों, मकतबों और मदरसों में 11 बार ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ का जाप किया जाए।” उन्होंने यह 22 जनवरी, 2023 वाले दिन करने को कहा है, जिस दिन अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है।
#WATCH | Kerala Governor Arif Mohammad launches book "Ram Mandir Rashtra Mandir Ak Sajhi Virast" at Rang Bhawan Auditorium, Delhi.
— ANI (@ANI) December 31, 2023
Vishwa Hindu Parishad (VHP) president Alok Kumar and Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Treasurer Govind Giri Maharaj and other dignitaries also… pic.twitter.com/FwfaBMhZza
उन्होंने यह बयान कार्यक्रम में एक किताब ‘राम मंदिर, राष्ट्र मंदिर – एक साझा विरासत’ के विमोचन के बाद दिया। उन्होंने कहा, “देश के 99% मुस्लिम और गैर हिन्दुओं का देश से ही नाता है। हमारे पूर्वज एक हैं। इन लोगों ने केवल धर्म ही बदला है देश नहीं।” इन्द्रेश कुमार ने कहा, “हमारे पुरखे भी एक ही थे, हमारी शक्ल सूरत एक जैसी ही है, हमारी पहचान सम्बन्धी आकांक्षाएँ एक समान हैं। हम सभी का भारत से ही संबंध है, हमारा विदेशियों से कोई लेना देना नहीं है।”
इन्द्रेश कुमार ने कहा, “मैं गुरुद्वारों, चर्चों और सभी धार्मिक स्थानों से अपील करता हूँ कि वह 22 जनवरी, 2023 को 11-2 बजे के बीच अपने इबादत गाह और प्रार्थना कक्षों को भव्य रूप से सजाएँ और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को टीवी पर देखें। उन्होंने कहा, “भारत और दुनिया भर में शांति, सद्भाव और भाईचारे के लिए प्रार्थना करें।”
गौरतलब है कि 22 जनवरी, 2023 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत लगभग 7000 लोग शामिल होंगे।
इसी कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, “मर्यादा पुरूषोत्तम राम हमारी आवश्यकता हैं, ताकि हम अपने आने वाले नस्लों के चरित्र का निर्माण कर सकें।” उन्होंने आगे कहा, “यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मेरा जन्म किस घर में हुआ। महत्वपूर्ण यह है कि मैं क्या करता हूँ। भारतीय संस्कृति के अनुसार और इस्लाम के अनुसार भी कर्म ही प्रधान है।”