अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी करने वाले अविमुक्तेश्वरानंद के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य होने को लेकर संत गोविंदानंद सरस्वती ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने वाराणसी की अदालत का आदेश दिखाते हुए कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद को फरार घोषित किया जा चुका है, उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया गया था। गोविंदानंद सरस्वती ने कहा कि बाद में इन्होंने कोर्ट पहुँच कर चालाकी से छल-कपट से आत्मसमर्पण किया और झूठ कहा कि वो शंकराचार्य हैं, पूरी दुनिया में लोग रो रहे हैं और उन्हें मार्गदर्शन देना है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।
गोविंदानंद सरस्वती ने कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद इस दौरान मध्य प्रदेश के एक आश्रम समेत कई जगह छिप कर भागते-फिरते रहे। उन्होंने बताया कि वो सुप्रीम कोर्ट में जाकर भी ये सब बोल सकते हैं, उन्हें न्याय चाहिए लेकिन तारीख़ पर तारीख़ बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि उधर सुनवाई अटकी पड़ी है, इधर देश में आग लग रही है और नुकसान हो रहा है। गोविंदानंद सरस्वती ने कहा कि देशहित में वो सारे दस्तावेज सार्वजनिक कर रहे हैं।
उन्होंने इस दौरान महाभारत के द्रौपदी के चीरहरण के प्रसंग को याद किया और कहा कि अगर उनकी गलती है तो ईश्वर उन्हें क्षमा करें। गोविंदानंद सरस्वती ने कहा, “अविमुक्तेश्वरानंद लोगों को मार रहे हैं, अपहरण करवा रहे हैं। भगवान श्रीराम की प्रतिष्ठा पर आपत्ति उठाते हैं, संन्यासी बन कर शादियों में जाते हैं। केदारनाथ में 228 किलोग्राम सोना गायब होने को लेकर झूठ बोलते हैं। इन्हें ये तक पता नहीं कि सोना और पीतल क्या होता है, क्योंकि ये डुप्लीकेट हैं।”
#WATCH | Delhi: Shankaracharya of Jyotirmath Swami Avimukteshwaranand, Govindananda Saraswati Ji Maharaj says, "This is Varanasi Court's order. A non-bailable arrest warrant was issued against him, he (Swami Avimukteshwaranand) was declared absconder… We want to tell all of… pic.twitter.com/McP5jivQ4g
— ANI (@ANI) July 21, 2024
गोविंदानंद सरस्वती ने कहा कि अगर वो असली चिट्ठा खोलने को आए तो बहुत समस्या हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वो दंडी संन्यासी हैं, उनसे कोई क्या छीन लेगा। उन्होंने कहा कि न्याय और धर्म अलग है। उन्होंने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि जमानत के लिए वकीलों के साथ अविमुक्तेश्वरानंद ने वकीलों से बैठक की, लेकिन 51 में से सिर्फ एक इन्हें ही बेल नहीं मिला। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इन्हें पीटा, लेकिन इन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए था।