श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर अपना लोगो जारी किया है। इसमें भगवान श्रीराम की तस्वीर के पीछे सूर्य बना दिख रहा है, जो उनके सूर्यवंशी राजा होने की पहचान है। साथ ही इसमें हनुमानजी की दो तस्वीरें बनी हुई हैं, जिसमें वो अपने आराध्य श्रीराम को प्रणाम करने की मुद्रा में बैठे हुए हैं। लोगो में पीले और लाल रंग से सूर्य की लपटों को दिखाया गया है। लाल घेरे पर ट्रस्ट का नाम लिखा है और बीच में भगवान श्रीराम की तस्वीर है।
प्रतीक चिह्न की ऊपरी परिधि में ट्रस्ट का नाम लिखा है, जबकि नीचे ‘रामो विग्रहवान धर्म:’ अंकित किया गया है, जिसका अर्थ है- भगवान श्रीराम धर्म के साक्षात् साकार रूप हैं। इस तस्वीर में भगवान अभयदान की मुद्रा में दिख रहे हैं। लोगो में लाल और पीले रंग के अलावा भगवा रंग का भी प्रयोग किया गया है। किसी भी तरह के पत्राचार या अन्य ज़रूरी चीजों के लिए ट्रस्ट अब इसी लोगो का प्रयोग करेगा। आधिकारिक कार्यों में इस लोगो का प्रयोग किया जाएगा।
लेटर हेड सहित अन्य आवश्यक कागज़ातों व दस्तावेजों पर इसी प्रतीक चिह्न को अंकित किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कोरोना वायरस से संक्रमण से उपजी आपदा के बीच पीएम केयर्स फंड में दान दिया था। ये दान राम मंदिर की तरफ से देश को दिया गया है। अब आप सोच रहे होंगे कि भव्य राम मंदिर का तो अभी निर्माण भी नहीं हुआ है लेकिन इसकी तरफ से पीएम केयर्स फंड में दान कैसे दे दिया, तो आपको बता दें कि ऐसा सच में हुआ है।
Shri Ram Janmabhoomi Teerth kshetra trust today released it’s Logo in #Ayodhya on this suspicious occasion of Ramlala’s Chhati utsav and shri #Hanumanjanmotsav :#जयश्रीराम #JaiShreeRam #ShriRamLogo pic.twitter.com/2I7K0kXuUq
— विनोद बंसल (@vinod_bansal) April 8, 2020
विनोद बंसल ने ‘जय श्री राम’ लिखते हुए इस बात की सूचना दी और साथ ही जिलाधिकारी के साथ ट्रस्टियों की तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वो चेक सौंपते हुए दिख रहे हैं। साथ ही उन्होंने पीएम केयर्स फंड के अकाउंट डिटेल्स शेयर किए, ताकि अन्य लोग भी डोनेट कर सकें। बता दें कि पीएम केयर्स फंड में एक हफ्ते में 6500 करोड़ रुपए की धनराशि जमा हो गई है। जहाँ तक राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बात है, इस ट्रस्ट की घोषणा की जानकारी ख़ुद पीएम मोदी ने दी थी। राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद इसका गठन किया गया था।