फरीदाबाद-गुड़गाँव रोड पर साल 2011 में त्रिवेणी हनुमान मंदिर ट्रस्ट की ओर से हनुमानजी की सबसे बड़ी मूर्ति बननी शुरू हुई थी, जिसका निर्माण कार्य 8 साल बाद 2019 में पूरा चुका है और अब इसे एशिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में शामिल करवाने की तैयारी चल रही है।
हालाँकि, खड़े हुए हनुमान जी की मूर्तियाँ कई जगह इससे बड़ी-बड़ी हैं लेकिन इस पोज में बनी यह ऐसी पहली विशाल मूर्ति है। इस मूर्ति का निर्माण राजस्थान के आर्किटेक्ट नरेश ने किया है।
नवभारत में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर के मुख्य पुजारी खेमचंद का कहना है कि हनुमान जी के इस मंदिर से बड़खल गाँव और शहर के श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। साथ ही इस मंदिर के लिम्का बुक में शामिल होने से यहाँ आने वाले पर्यटक भी बढ़ेंगे।
हनुमान जी की इस प्रतिमा के हाथ 21 फुट के हैं, लंगोट 41 फुट, कमर 31 फुट, पूँछ और दुपट्टा 101 फुट, गदा 71 फुट, मुकुट 31 फुट और कलाई 10 फुट है।
इसके साथ ही आपको बता दें कि खड़ी अवस्था में एशिया के सबसे ऊँचे हनुमानजी आन्ध्रप्रदेश में मौजूद हैं। आन्ध्र प्रदेश में मौजूद हनुमान जी की मूर्ति की ऊँचाई 135 फुट है और भक्त इन्हें वीर अभय अंजनी हनुमान स्वामी के नाम से पुकारते हैं। इनका निर्माण 6 साल पहले 2013 में हुआ था।