Monday, December 23, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिकाशी में बिंदु माधव का मंदिर को तोड़कर औरंगजेब ने बनवाई थी धरहरा मस्जिद,...

काशी में बिंदु माधव का मंदिर को तोड़कर औरंगजेब ने बनवाई थी धरहरा मस्जिद, जहाँ होती थी भगवान विष्णु की पूजा: जानें इस प्राचीन धरोहर को

"औरंगजेब ने काशी को काफी नुकसान पहुँचाया था। उसने यहाँ के कृतिवाशेश्वर, बिंदु माधव और विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद का निर्माण किया था। इसके अलावा ओंकारेश्वर और लाटभैरव मंदिर को भी उसने नष्ट कर दिया था।"

वाराणसी के ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के मुद्दे के बीच इतिहासकारों ने एक और बड़ा दावा किया है। उनका दावा है कि काशी में एक और विवादित ढाँचा है, जिसे मुगल शासक औरंगजेब ने प्राचीन विख्यात बिंदु माधव मंदिर को तोड़कर बनवाया था। उसका नाम ‘धरहरा मस्जिद’ है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि पहले इस मस्जिद के स्थान भगवान विष्णु का मंदिर हुआ करता था​।

इतिहासकारों का दावा है कि औरंगजेब ने न केवल ज्ञानवापी विवादित ढाँचे को बनाया, बल्कि इसी तरह उसने हिंदुओं के दो बड़े मंदिरों समेत अन्य कई सनातन आस्था के केंद्रों को भी गिराया था और वहाँ मस्जिदें बनवाई थी। भगवान शिव की नगरी काशी के पंचगंगा घाट पर स्थित ‘बिंदु माधव का मंदिर’ अब ‘धरहरा मस्जिद’ के नाम से जाना जाता है। औरंगजेब ने सन 1669 के आसपास बिंदु माधव का प्राचीन मंदिर तोड़कर यहाँ धरहरा मस्जिद बनवाई थी, जिसके बाद औंध नरेश ने मंदिर से बिंदु माधव की मूर्ति को बगल में एक अन्य जगह स्थानांतरित करा दिया था। यहाँ पर अभी भी उनकी (भगवान विष्णु) पूजा की जाती है। अब इसे आलमगीर मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है।

आज तक के मुताबिक, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर माधव जनार्दन रटाटे का कहना है कि औरंगजेब ने काशी को काफी नुकसान पहुँचाया था। उसने यहाँ के कृतिवाशेश्वर, बिंदु माधव और विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद का निर्माण किया था। इसके अलावा ओंकारेश्वर और लाटभैरव मंदिर को भी उसने नष्ट कर दिया था। साथ ही ओंकारेश्वर मंदिर के आसपास भी कई मंदिरों को नुकसान पहुँचाकर उन्हें पूरी तरह लुप्त कर दिया।

धरहरा मस्जिद को लेकर प्रो. जनार्दन रटाटे कहते हैं कि इस मस्जिद के घाट वाले हिस्से में जाने पर मंदिर के अवशेष दिखाई पड़ेंगे। यहाँ कभी एक शिलालेख हुआ करता था, जिस पर लिखा हुआ था कि मंदिर को तोड़कर औरंगजेब ने मस्जिद का निर्माण करवाया है, लेकिन अब यह शिलालेख दिखाई नहीं पड़ता है।

उन्होंने बताया कि धरहरा मस्जिद के नीचे मौजूद तहखाने की अगर जाँच की जाए तो वहाँ से बहुत सारे शिवलिंग और विष्णु भगवान की मूर्तियाँ मिलेंगी। पहले यहाँ बिंदु माधव यानी भगवान विष्णु के रूप की पूजा होती थी और बहुत विशाल मंदिर था। उन्होंने यह भी बताया कि यह बनारस की सबसे ऊँची इमारत थी, क्योंकि इसमें दो सबसे ऊँची मीनारें थीं। लेकिन इसे कमजोर हो जाने के चलते लगभग 100 साल पहले गिरा दिया गया था। ऐसा कहा जाता है कि उन मीनारों से दिल्ली का कुतुब मीनार तक दिखाई पड़ता था।

प्रो. रटाटे के अलावा बनारस हिंदू विवि में इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनोद जायसवाल ने बताया कि जहाँ बिंदु माधव का मंदिर है उसे विष्णु क्षेत्र भी कहा जाता है और जिस घाट पर यह है उसे पंचनद तीर्थ कहा जाता है। बिंदु माधव के मंदिर को 1580 में रघुनाथ टंडन ने बनवाया था, जिसे औरंगजेब ने 1669 में तोड़कर आलमगीर मस्जिद बना दिया। बिंदु माधव मंदिर का जिक्र मत्स्य पुराण में भी मिलता है। वहीं, पेशे से वकील इंद्र प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि धरहरा मस्जिद के बगल में ही बिंदु माधव का मंदिर है, हम इसे बचपन से देखते चले आ रहे हैं। मंदिर को तोड़कर ही मस्जिद बनवाई गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -