बॉलीवुड के हिंदूफोबिक चरित्र के कारण कई हिंदी फिल्मों को हाल ही में जनता की कड़ी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा है। सोशल मीडिया में आमिर खान की आने वाली फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बायकॉट करने की बात चल रही है। अक्षय कुमार की रक्षाबंधन (#BoycottRakshaBandhan) की भी तीखी आलोचना हो रही है।
अक्षय कुमार ने रक्षाबंधन के बायकॉट पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि यह एक आजाद देश है। हर किसी को वह करने की आजादी है, जो वे करना चाहते हैं। साथ ही ट्रोलर्स और मीडिया से फिल्मों का बायकॉट करने के चलन से दूर रहने को कहा। अक्षय कुमार ने कहा, “इंडियन फिल्म इंडस्ट्री से देश की अर्थव्यवस्था को मदद मिलती है। कुछ ऐसे लोग हैं, जो ये सब चीजें (बायकॉट) करते हैं। वे (ट्रोलर्स) बदमाशी कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं यही कहना चाहता हूँ कि कोई भी इंडस्ट्री हो, चाहें फिल्म इंडस्ट्री हो या फिर कपड़ों की इंडस्ट्री हो, ये सब भारत की अर्थव्यवस्था में मदद करती है। इस तरह की चीजें करने का कोई मतलब नहीं है। हम सब अपने देश को सबसे बड़ा और महान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं रिक्वेस्ट करूँगा कि इसमें शामिल न हों, क्योंकि यह हमारे देश के लिए बेहतर होगा।”
क्यों हो रही रक्षाबंधन के बायकॉट की माँग
दरअसल रक्षाबंधन के बायकॉट की माँग इस फिल्म की लेखिका कनिका ढिल्लों की वजह से हो रही है। कनिका के कई ऐसे पुराने ट्वीट हाल में वायरल हुए थे, जो हिंदूघृणा से भरे थे। फिल्म की रिलीज को देखते हुए उन्होंने 1 अगस्त 2022 को करीब आधे घंटे के भीतर ऐसे 17 ट्वीट डिलीट किए थे।
इन पुराने ट्वीट्स में कनिका ढिल्लों ने हर उस प्रदर्शन को समर्थन देते हुए दिखीं थी, जो मोदी सरकार के विरोध में था या फिर जहाँ हिंदुत्व को गाली दी गई अथवा देश को कोसा गया था। उन्होंने CAA के विरोध में ट्वीट करते हुए लिखा था- हम कागज नहीं दिखाएँगे। कनिका ने गोवंश को लेकर भी ट्वीट किया था। एक से ज्यादा ट्वीट में कनिका ढिल्लों ने भारत को लिंचिस्तान कहा था।
बता दें कि रक्षाबंधन और लाल सिंह चड्ढा 1 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। लाल सिंह चड्ढा को बायकाॅट करने की वजह आमिर खान का 2015 का इंटरव्यू है, जिसमें उन्होंने कहा था, “भारत देश बहुत ही सहिष्णु है लेकिन कुछ लोग यहाँ पर असहिष्णुता फैलाने का काम कर रहे हैं।” इसके अलावा सोशल मीडिया यूजर ने नेपोटिज्म पर करीना कपूर खान के उस बयान को भी हाइलाइट किया, जिसमें वामपंथी पत्रकार बरखा दत्त के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद के लिए दर्शकों को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि अगर किसी को उनकी फिल्मों से दिक्कत है तो वे न देखें।