सितारों से सजी एसएस राजामौली (SS Rajamouli) की फिल्म ‘आरआरआर’ (RRR) ने सिनेमाघरों में जबरदस्त कारोबार किया। इसके बाद फिल्म को हिंदी में नेटफ्लिक्स (Netflix) पर स्ट्रीम कर दिया गया। राम चरण तेजा और जूनियर एनटीआर की फिल्म ने ओटीटी पर आते ही यहाँ पर भी धमाल मचाया। आरआरआर को लेकर विदेशी दर्शकों में क्रेज के चलते यह दुनियाभर में सबसे अधिक देखी जाने वाली भारतीय फिल्म बन गई है। नेटफ्लिक्स ने 22 जून को सोशल मीडिया पर खुद इसकी आधिकारिक घोषणा की है।
हालाँकि, ब्रिटिश मूल के इतिहासकार रॉबर्ट टॉम्ब्स दुनिया भर में ‘आरआरआर’ की सफलता से खुश नहीं हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिट में फ्रांसीसी इतिहास के प्रोफेसर रॉबर्ट टॉम्ब्स ने 19 जुलाई को ‘द स्पेक्टेटर’ में लेख लिखकर इस फिल्म की आलोचना की। उन्होंने फिल्म में ब्रिटिश उपनिवेशवाद की भयावहता और अंग्रेजों के क्रूर चित्रण को सिरे से नकार दिया। उन्होंने फिल्म में दिखाए गए दृश्यों को मूर्खतापूर्ण और अज्ञानता से परिपूर्ण बताया है।
The British have long been fair game as film villains. But Netflix’s blockbuster RRR takes things too far
— Coffee House (@SpecCoffeeHouse) July 19, 2022
✍️ Robert Tombshttps://t.co/xBCGlAYlKi
‘द स्पेक्टेटर‘ में रॉबर्ट टॉम्ब्स ने आरआरआर का रिव्यू करते हुए लिखा, “हमने पिछली कुछ शताब्दियों में दुनिया भर में अहम भूमिका निभाई है, जिससे हमने दोस्तों के साथ-साथ काफी दुश्मन भी कमाए हैं। कई देशों ने खुद की झूठी वीरता की कहानियाँ गढ़ते हुए हमें खलनायक की भूमिका में दिखाया है।”
रॉबर्ट टॉम्ब ने नेटफ्लिक्स को कहा कि आपको इस फिल्म को बढ़ावा देने पर शर्म आनी चाहिए। आरआरआर हिंसक हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देता है, जो भारतीय संस्कृति और राजनीति पर हावी हो रहा है, जिसे मौजूदा सरकार ने हवा दी है। उन्होंने कहा, “फिल्म में ब्रिटिश अधिकारियों और सैनिकों को पूरे देश में घूमते और अपराध करते दिखाया गया, जो कि झूठ और सत्य से परे है। आरआरआर इतिहास के बारे में कुछ नहीं बताती, वो केवल सिंथेटिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करती है।”
सुपरहिट फिल्म ‘RRR’ को हिंसक ‘हिंदू राष्ट्रवादी’ फिल्म बताने पर सोशल मीडिया पर भारतीयों ने ब्रिटिश प्रोफेसर की क्लास लगाई है। लक्ष्मण सागर नाम के यूजर ने ‘द स्पेक्टेटर’ और रॉबर्ट टॉम्ब्स को आइना दिखाते हुए ट्विटर पर एक पोस्ट किया है, जिसमें ब्रिटिश राज के दौरान भारत की क्या दुर्दशा थी उसका जिक्र है। वह लिखते हैं, “इतिहास से जुड़ी कुछ चीजें शेयर कर रहा हूँ, जो आपके शासनकाल की सच्चाई को बयाँ कर रहा है। इसका सामना करें।”
Time for some history lessons.
— Lakshman Sagar (@LakshmanSagar2) July 19, 2022
Here face the truth of your rule💂🏻..😏👇🏻https://t.co/fmG0t9fnr1
एक यूजर ने कहा कि हमारे देश के लोगों को ब्रिटिश राज में कैसे सताया गया यह किसी से छिपा नहीं है। ब्रिटिश शासन में क्या हुआ अगर सब कुछ दिखा फिल्म में, तो तुम शर्म से गड़ जाओगे।
No far is too far when it comes to what the natives have faced for millenium, still persecuted in some sense. Please start taking a knee.https://t.co/o337RRd2KY
— Batman (@CurrentAffair85) July 20, 2022
लेखिका सावित्री मुमुक्षु ने ब्रिटिश शासन में होने वाले अत्याचारों को लेकर सिलसिलेवार कई ट्वीट कर रॉबर्ट टॉम्ब्स की धज्जियाँ उड़ा दी। उन्होंने लिखा, “भारत के खिलाफ ब्रिटिश साम्राज्य के अपराधों की सूची बहुत लंबी है। इसमें गुलामी, जातिवाद, धार्मिक असहिष्णुता, लूट और बहुत कुछ शामिल है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजों ने हजारों भारतीय महिलाओं को अपने सैनिकों के लिए वेश्यावृत्ति की आड़ में सेक्स स्लेव बनने के लिए मजबूर किया?”
1
— Savitri Mumukshu – सावित्री मुमुक्षु (@MumukshuSavitri) September 18, 2021
The British Empire’s long list of crimes against Bharat includes slavery, racism, religious intolerance, plunder, & more. But did you know that the British systematically forced 1000s of Indian women to become sex slaves under the guise of “prostitution” for their soldiers? pic.twitter.com/kPtFaXkwOj
Periodistán en India ट्विटर हैंडल ने भी लगातार कई ट्वीट कर 1876 में ब्रिटिश राज में भारत के लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था, उसे सबके सामने लाया। इसमें बताया गया है कि कैसे लोग गरीबी, भुखमरी से परेशान थे। अंग्रेज उनसे उगाही करते थे।
2) En 1876, una tremenda sequía afectó el Sur de India, controlado por Gran Bretaña.
— Periodistán en India (@periodistan_) May 22, 2022
No había agua suficiente para la cosecha, había que racionar.
Esto no era algo del todo extraño. Había sucedido muchas veces. Los campesino/as estaban acostumbrados a los vaivenes. pic.twitter.com/x2K4lcCERf
4) Richard Temple, gobernador de Bengala, fue duramente criticado por los políticos británicos.
— Periodistán en India (@periodistan_) May 22, 2022
“Al importar arroz de Birmania, nos hiciste gastar mucho más dinero, ¿Y por qué? Sólo para que no se mueran de hambre más indios. No más gastos innecesarios en caridad”.
Esto es real. pic.twitter.com/GJvIOiBWnA
बता दें कि एसएस राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’ की तारीफ विदेशी दर्शक ही नहीं, हॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े कई लोग भी कर चुके हैं। ‘ग्रेमलिन्स’ फिल्म डायरेक्टर जो डांटे ने फिल्म की तारीफ करते हुए बीते दिनों कहा कि यह फिल्म न केवल बढ़िया विजुअल्स दिखाती है, बल्कि ब्रिटिश उपनिवेश की भयावहता की झलक भी पेश करती है, जिसे दर्शकों ने पहले कभी नहीं देखा होगा। डांटे ने लिखा, “आरआरआर बॉलीवुड की सबसे अच्छी फिल्म है, जिसे मैंने देखा है। इसमें ब्रिटिश उपनिवेशवाद की भयावहता का क्रूर चित्रण दिखाया गया है, अगर मैं इसे नहीं देखता तो ये सब मिस कर देता।”
गौरतलब है कि 25 मार्च 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई RRR फिल्म में राम चरण (Ram Charan) और जूनियर एनटीआर (Jr NTR) ने प्रमुख भूमिका निभाई है। कहा जाता है कि यह फिल्म रियल लाइफ के दो हीरो प्रसिद्ध क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम की जिंदगी पर आधारितपर आधारित, जिन्होंने ब्रिटिश हुकुमत के दौरान अंग्रेजों के नाको-चने चबवा दिए थे।