साल 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के भीतर 59 हिंदू कारसेवकों को जिंदा जलाकर मारा गया था। 22 साल बाद इस नरसंहार की कहानी को बड़े पर्दे पर लाने की तैयारी है। लेकिन जो एकता कपूर ऐसा करने जा रही हैं उन्होंने फिल्म के टीजर रिलीज के साथ इसे अपने एक ट्वीट में ‘दुर्घटना’ बता दिया है। इससे काफी लोग नाराज हैं।
एकता कपूर ने अपने एक्स पर इस फिल्म की जानकारी देते हुए कहा कि 22 साल पहले जिन 59 मासूम लोगों ने गोधरा ट्रेन दुर्घटना में अपनी जान गवा दी थी, उन्हें श्रद्धांजलि। साबरमती रिपोर्ट 3 मई 2024 को आएगी।
Paying homage to the 59 innocent people who lost their lives in the Godhra train burning incident 22 years ago, today.
— Ektaa R Kapoor (@EktaaRKapoor) February 27, 2024
Presenting ‘The Sabarmati Report’, in cinemas on 3rd May, 2024.#ShobhaKapoor @amul_mohan @anshulmohan @ranjanchandel @VikrantMassey #RaashiiKhanna… pic.twitter.com/Ap92vnoIza
अजीब बात तो यह है कि एकता कपूर एक तरफ जहाँ साबरमती एक्सप्रेस में हुए नरसंहार को घटना-दुर्घटना बता रही हैं, वहीं उन्हीं की फिल्म के टीजर में दिखाया गया है कि कैसे विक्रांत मेसी का बतौर न्यूज रीडर मुख्य सीन ही यही है कि वो इस नरसंहार के दुर्घटना लिखे जाने पर आपत्ति जताते है और कहते हैं कि ये कोई दुर्घटना नहीं थी।
WTF do you mean by “the train burning incident”? Oh you mean the train self combusted? Say it like it is if you have the guts.
— Atul Mathur (@polpho) February 27, 2024
फिल्म के सीन और एकता कपूर के ट्वीट में विरोधाभास दिखने के बाद सोशल मीडिया यूजर अतुल माथुर ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा- “तुम्हारा मतलब क्या है कि ट्रेन जलना दुर्घटना थी। ओह तुम्हारा मतलब है कि ट्रेन अपने आप जली? ऐसा बस बोलकर दिखाओ एक बार अगर तुम में हिम्मत है।”
WTF do you mean by “the train burning incident”? Oh you mean the train self combusted? Say it like it is if you have the guts.
— Atul Mathur (@polpho) February 27, 2024
एक यूजर बोलता है- “ट्रेन जलने की दुर्घटना। मूर्ख ये हिंदुओं पर टारगेट हमला था।” इसी तरह पत्रकार निरवा मेहता लिखती हैं- “ये कोई ट्रेन जलने की दुर्घटना नहीं थी। मुस्लिमों ने अयोध्या से लौटते कारसेवकों को मारने के लिए ट्रेन में आग लगाई थी। कम से कम इतनी ईमानदारी रखो।”
It was not ‘train burning incident’. It was set on fire by a rioting Muslim mob to specifically kill karsevaks returning from Ayodhya. Have that much honesty. https://t.co/3vuyv7Ibyl
— Nirwa Mehta (@nirwamehta) February 27, 2024
एक यूजर ने कहा कि फिल्म आ तो रही है लेकिन बस इस फिल्म में इस्लामियों के कुकर्म न धोए-पोंछे जाएँ। मुस्लिम भीड़ ने ही इसमें आग लगाई थी और ट्रेन के दरवाजे बंद कर दिए थे कि कोई बच न पाए।
क्या हुआ था 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में?
गौरतलब है कि गोधरा में 27 फरवरी 2002 की सुबह साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 को जला दिया गया था, जिसके बाद इस ट्रेन के कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मृत्यु हो गई थी। ये सभी कारसेवक अयोध्या से विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित पूर्णाहुति महायज्ञ में भाग लेकर वापस लौट रहे थे। इनकी ट्रेन 27 फरवरी की सुबह 7:43 बजे गोधरा पहुँची थी। लेकिन जैसे ही ट्रेन गोधरा स्टेशन से रवाना होने लगी उसकी चेन खींच दी गई। ट्रेन पर 1000-2000 लोगों की भीड़ ने हमला किया। भीड़ ने पहले पत्थरबाजी की फिर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी। इसमें 27 महिलाओं, 22 पुरुषों और 10 बच्चों की जलने से मृत्यु हो गई थी।
जाँच के बाद इस नरंसहार को साजिश बताया गया था। प्रमुख साजिशकर्ता मौलवी हुसैन हाजी इब्राहिम उमर और ननूमियाँ थे। इन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगा। आरोपित रज्जाक कुरकुर के गेस्ट हाउस पर 140 लीटर पेट्रोल जमा किया गया था जिनका इस्तेमाल ट्रेन जलाने के लिए हुआ। जाँच के दौरान यह भी पता चला कि हिंसक भीड़ को उकसाने के लिए लाऊडस्पीकरों का प्रयोग किया गया था। अली मस्जिद यहीं पास में थी थी। इस दौरान ‘काफिरों को मार डालो, इस्लाम खतरे में है, काट दो, मार दो’ जैसे नारे लगाए गए। हमलावरों के हाथों में तलवारें और अन्य घातक हथियार थे। वो पत्थरबाजी भी कर रहे थे। ये सभी ट्रेन को घेरने की कोशिश कर रहे थे।”
कुछ कारसेवकों को घटना का पहले से अंदेशा हो गया था। वो स्टेशन छोड़ कर निकल गए थे। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने हालत को संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन वो असफल रहे। घटना के लगभग 2 दशक बीत जाने के बाद भी तमाम वामपंथी और लिबरल इस हमले पर बात करने से कतराते है, जो बात करता है वो इसे दुर्घटना बताकर इसे हल्के में दिखाने का प्रयास करता है, जैसे एकता कपूर ने चाहे-अनचाहे किया।