हाल ही में स्वीडन के मोल्मो शहर में उग्र इस्लामी भीड़ ने हिंसा और दंगे किए। कट्टर इस्लामी भीड़ ने अल्लाह-हू-अकबर के नारों के साथ जम कर पत्थरबाजी की थी। हैरानी की बात यह है कि हमारे देश में कई लोग दंगों की वकालत कर रहे हैं। बॉलीवुड कलाकार जावेद जाफ़री ने स्वीडन के मोल्मो शहर में हुए दंगों का पक्ष लेते हुए कई सवाल खड़े किए।
जावेद जाफ़री ने ट्वीट करते हुए स्वीडन के दंगों की वकालत की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “यह तस्वीरें देखने के बाद हम अमेरिका की नागरिकता लेने पर विचार कर रहे हैं। सारी हिंसा (न कि विरोध) निंदनीय है। लेकिन हम में से किसी ने हिंसा की वजह का उल्लेख क्यों नहीं किया? हैरानी की बात है अगर आप वजह को भूल गए हों।”
Naseeruddin Shah, Aamir Khan and Javed Jaffrey who thinks India is intolerant must be thinking of taking Sweden’s citizenship after seeing these pics. pic.twitter.com/TwFUP2Ou8e
— Atul Ahuja (@atulahuja_) August 29, 2020
शब्दों के साथ खेलते हुए जावेद जाफ़री ने स्वीडन में हुई हिंसा का समर्थन किया। जिस वजह के उल्लेख पर जाफरी साब ने जोर दिया, एक बार वो वजह भी जान लिया जाए। वजह है – संप्रदाय विशेष की भीड़ ने स्वीडन के दक्षिणपंथियों द्वारा ‘कुरान जलाओ रैली’ आयोजित करने के विरोध में दंगों को अंजाम दिया। मतलब जाफरी साब ने क्रिया की प्रतिक्रिया पर बल दिया। क्रिया की प्रतिक्रिया कानूनी रूप से हो, इस पर से ध्यान हटा दिया।
दंगों के दौरान कट्टर इस्लामी भीड़ ने पुलिस पर पत्थर चलाए, सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। इसमें कई निर्दोष लोग घायल हुए। इन सारी बातों को जानने और समझने के बावजूद जावेद जाफ़री स्वीडन में हुई हिंसा की वजह तलाश रहे हैं। इसके अलावा जावेद जाफ़री ने विरोध प्रदर्शन की सूरत में हुई हिंसा का पक्ष भी लिया। जिससे सिर्फ कुछ ही देर में स्वीडन के मोल्मो शहर का बुनियादी ढाँचा ही बिगड़ गया।
स्वीडन में दंगे और बाद के हालात
स्वीडन में सैकड़ों की संख्या में संप्रदाय विशेष की भीड़ ने सड़क पर उतर कर हिंसा की। ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारों के साथ भीड़ ने पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की। टायर जलाकर आगजनी की और सड़क को जाम करने की कोशिश की। रात के समय अचानक से जुटे दंगाइयों ने मजहबी नारों के साथ हिंसा शुरू कर दी। उनकी संख्या 300 के करीब बताई जा रही।
स्वीडन के मोल्मो शहर में हिंसा और आगजनी के अगले दिन शनिवार (30 अगस्त, 2020) को संप्रदाय विशेष के कट्टरपंथियों ने नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में भी इस तरह दंगे को अंजाम दिया। स्टॉप इस्लामाइजेशन ऑफ नॉर्वे (SIAN) की रैली के प्रदर्शनकारियों से संप्रदाय विशेष की भीड़ के टकराव के कारण यह हालात पैदा हुए।
रिपोर्ट के अनुसार, ओस्लो में शनिवार को संसद भवन के पास एक इस्लाम विरोधी रैली का आयोजन किया गया था। लेकिन इन प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत इस रैली के जवाब में संप्रदाय विशेष के लोगों के प्रदर्शन से हो गई। SIAN की रैली के दौरान, संप्रदाय विशेष की भीड़ ओस्लो की सड़कों पर जमा होकर ड्रम बजाने, गाने और नारे लगाने लगी। संप्रदाय विशेष की भीड़ में शामिल कुछ लोग पुलिस वैन को लात मारते और गाड़ी के ऊपर चढ़ते हुए भी देखे गए।