जहाँ एक तरफ कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)’ ने मात्र 5 दिनों में दुनिया भर में 67 करोड़ रुपए का कारोबार कर लिया है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर लोग मार्च 1982 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘बेमिसाल’ के एक दृश्य को शेयर करते हुए बता रहे हैं कि किस तरह अब तक बॉलीवुड इस्लामी आक्रांताओं का गुणगान करता रहा है और भारत में हर अच्छी चीज का श्रेय उन्हें ही देता रहा है।
आइए, हम आपको बताते हैं कि अमिताभ बच्चन, विनोद मेहरा और राखी के मुख्य किरदारों वाली इस फिल्म के उस दृश्य में क्या है। ये दृश्य फिल्म में तब आता है, जब तीनों ही मुख्य किरदार पहलगाम घूमने के लिए निकलते हैं। पहाड़ी हरियाली से भरा पहलगाम जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में पड़ता है, जहाँ से हर वर्ष अमरनाथ धाम की यात्रा भी शुरू होती है। दृश्य कुछ ऐसा है कि दोनों अभिनेता राखी से मिलते हैं और एक होटल में चाय पर बातें कर रहे होते हैं।
इस दौरान बातों-बातों में अमिताभ बच्चन पूछते हैं कि क्या एक बात आपलोगों को मालूम है? इसके बाद वो बताते हैं, “भारत में जितने भी हिल स्टेशंस हैं, सब के सब अंग्रेजों ने डिस्कवर किए। एक कश्मीर ही है, जिसे मुगलों ने डिस्कवर किया।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राखी कहती हैं, “मुगलों का तो जवाब ही नहीं। उनका म्यूजिक देखिए, पेंटिंग देखिए, आर्किटेक्चर देखिए।” इस पर अमिताभ बच्चन टिप्पणी करते हैं कि मुगलों के असली योगदान का तो उन्होंने नाम ही नहीं लिया।
जब राखी पूछती हैं कि वो क्या है, तो इस पर अमिताभ बच्चन कहते हैं, “अरे मुगलई खाना।” इसके बाद वो ठहाके लगाने लगते हैं। लोग इस दृश्य को शेयर करते हुए सवाल उठा रहे हैं कि अमिताभ बच्चन ने अब तक ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कोई बयान क्यों नहीं दिया है? साथ ही वो कह रहे हैं कि बॉलीवुड ने अब तक इसीलिए कश्मीर में आतंकवाद और पंडितों के नरसंहार पर कोई फिल्म नहीं बनाई। बता दें कि ‘बेमिसाल’ के डायलॉग्स राही मासूम रज़ा ने लिखे हैं।
अगर आप इस फिल्म को देखेंगे तो पहले 11 मिनट के बाद ही ये दृश्य आ जाता है। इस फिल्म को हृषिकेश मुखर्जी ने बनाया था। लोग कह रहे हैं बॉलीवुड का पूरा इकोसिस्टम ही जिहादी था और उसने अपने हिसाब से नैरेटिव तय किए। एक ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ का डायलॉग शेयर कर के बताया कि सच्चाई क्या है। उस डायलॉग में अनुपम खेर कश्मीर को ऋषि कश्यप, शिव, सरस्वती और पंचतंत्र की भूमि बताते हैं। नीचे हम कुछ ट्वीट्स संलग्न कर रहे हैं, जिनमें यूजर्स ने इस दृश्य को लेकर आपत्ति जताई है और इस पर सवाल खड़े किए हैं:
The way the jihadi Bollywood ecosystem built narrative vs the raw truth coming out today!
— Hindustani (@Hindust67880653) March 16, 2022
If not for narrative, why would Bemisal even include these dialogues in a movie!#TheKashmirFiles pic.twitter.com/DXUAcFG87U
The way the jihadi Bollywood ecosystem built narrative vs the raw truth coming out today!
— Hindustani (@Hindust67880653) March 16, 2022
If not for narrative, why would Bemisal even include these dialogues in a movie!#TheKashmirFiles pic.twitter.com/DXUAcFG87U
What lies Bollywood has been feeding us? #TheKashmirFiles has shattered it all. #IndicIdeas pic.twitter.com/OMZtaNe7jf
— IndicIdeas (@IndicIdeas) March 15, 2022
वहीं ‘द कश्मीर फाइल्स’ में ये बताया गया है कि कैसे शम्सुद्दीन ऐराकी नाम के आक्रांता ने यहाँ आकर हिन्दुओं का जबरन धर्मांतरण किया, मंदिर तोड़े और इतिहास में उसे ‘सूफी संत’ के रूप में प्रचारित किया गया। इसी तरह इसे ऋषियों की भूमि बताते हुए कहा गया है कि वर्षों तक उन्होंने यहाँ तपस्या की थी। राजा ललितादित्य के बारे में बताया गया है। ये फिल्म इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा कश्मीरी हिन्दुओं के बर्बर नरसंहार पर बनी है।
हाल ही में निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी कश्मीर पर बनी फिल्मों में इस समस्या के गौण रहने की बात करते हुए कहा था कि ‘रोजा (1992)’ उनकी फेवरिट फिल्म है और उन्हें लगता है कि भारत में इतनी अच्छी फिल्म बनी ही नहीं। उन्होंने सवाल उठाया कि उसी पीरियड में सेट होने के बावजूद उसमें कहीं भी हिन्दू नरसंहार का कोई जिक्र तक नहीं है। इसी तरह उन्होंने ‘फ़िज़ा (2000)’, ‘मिशन कश्मीर (2000)’ और ‘फना (2006)’ की भी बात की। हालाँकि, विधु विनोद चोपड़ा की ‘शिकारा (2020)’ की याद दिलाए जाने पर उन्होंने कहा कि वो ‘फिल्मों’ की बात कर रहे हैं। ‘हैदर (2014)’ फिल्म के कारण प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर का नाम वहाँ ‘शैतान की गुफा’ हो गया है।