Monday, November 18, 2024
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‘पूजा-पाठ से मलेरिया फैलता है, दंगे होते हैं’: ‘लाल सिंह चड्ढा’ में आमिर खान का हिन्दू विरोधी प्रोपेगेंडा, ‘मोहम्मद’ नाम के पाकिस्तानी आतंकी को बचाया

फॉरेस्ट गम्प ने वियतनाम में अपनी ही यूनिट के प्रमुख लेफ्टिनेंट डैन को अपनी पीठ पर बिठाकर सुरक्षित बाहर निकाला था। वहीं 'धर्मनिरपेक्ष' लाल सिंह चड्ढा ने मोहम्मद नाम के एक पाकिस्तानी आतंकवादी को बचाया है।

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान (Amir Khan) की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ (Laal Singh Chaddha) आज (11 अगस्त 2022) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को कई क्रिटिक ने सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं, लाल सिंह चड्ढा का किरदार निभा रहे आमिर खान का फिल्म में यह कहना, ‘पूजा-पाठ से मलेरिया फैलता है, दंगे होते हैं।’ ने दर्शकों को खासा निराश किया। इंडिया टुडे ने अपनी फिल्म की समीक्षा में आमिर खान की बेदम एक्टिंग के बारे में लिखा है।

फोटो साभार: इंडिया टुडे

इंडिया टुडे के अनुसार, आमिर खान ने फिल्म में बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया है। उन्होंने टॉम हैंक्स द्वारा निभाए गए फॉरेस्ट गंप के दमदार किरदार को ‘लाल सिंह चड्ढा’ के रूप में निभाकर बोरिंग बना दिया है। हालाँकि, फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से आमिर खान की एक्टिंग की काफी आलोचना हो रही है। फिल्म की रिलीज के बाद समीक्षकों ने भी इसे बेदम एक्टिंग वाली फिल्म बता दिया है।

आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ हॉलीवुड स्टार टॉम हैंक्स की फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ का हिंदी रीमेक है। फॉरेस्ट गम्प ने वियतनाम में अपनी ही यूनिट के प्रमुख लेफ्टिनेंट डैन को अपनी पीठ पर बिठाकर सुरक्षित बाहर निकाला था। वहीं ‘धर्मनिरपेक्ष’ लाल सिंह चड्ढा ने मोहम्मद नाम के एक पाकिस्तानी आतंकवादी को बचाया है। यह कैसे संभव है कि एक प्रशिक्षित भारतीय सेना का जवान सेना में अपने ही भाइयों और दुश्मनों के बीच अंतर नहीं कर सका।

ट्विटर पर भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य शिखर बख्शी लिखते हैं, “लाल सिंह चड्ढा में एक दृश्य है, जिसमें एक पाकिस्तानी सेना का आदमी आमिर खान से कहता है कि वह रोज नमाज पढ़ता है और चड्ढा से पूछता है कि वह पूजा क्यों नहीं करता। इस पर लाल सिंह चड्ढा जवाब देते हैं, “पूजा पाठ से मलेरिया फैलता है, दंगे होते हैं। जाहिर है, फिल्म में आमिर खान एक सिख हैं।”

शिखर आगे लिखते हैं, “फिल्म में ये डायलॉग बोलकर उन्होंने सिख के साथ हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। मुझे समझ नहीं आता कि दुनिया भर के सिखों ने अभी तक आमिर खान के खिलाफ विरोध शुरू क्यों नहीं किया है। क्यों? क्योंकि यह उनके एजेंडे के अनुसार नहीं है?” दरअसल, बॉलीवुड के जरिए भारतीय संस्कृति, हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने काम बहुत पहले से होता रहा है। आमिर खान अपनी फिल्मों में अक्सर ऐसा करते हुए नजर आए हैं।

बता दें कि बीते दिनों फिल्म के बायकॉट को लेकर आमिर खान ने कहा था, “जब लोग बॉलीवुड और लाल सिंह चड्ढा का बहिष्कार करने की बात करते हैं तो मुझे बहुत दुख होता है। खासकर तब जब लोग मेरी फिल्मों को इस वजह से बायकॉट करने की डिमांड करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं उन लोगों की लिस्ट में शामिल हूँ जो भारत को पसंद नहीं करते हैं। लेकिन यह सच नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों ऐसा लगता है। ऐसा नहीं है। कृपया मेरी फिल्म का बहिष्कार न करें। कृपया मेरी फिल्म देखें।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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