फ़िल्म स्टार रजनीकांत द्वारा पेरियार पर की गई टिप्पणी पर दायर एक याचिका को मद्रास हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे पहले यह याचिका मजिस्ट्रेट कोर्ट में क्यों दायर नहीं की गई।
अभिनेता से नेता बने रजनीकांत ने बीते दिनों पेरियार को लेकर एक टिप्पणी की थी। जिस पर आपत्ति जताते हुए द्रविड़ संगठन द्वारा रजनीकांत के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। शुक्रवार (24 जनवरी) को हाईकार्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका क्यों दायर नहीं की गई?
Tamil Nadu: Madras High Court dismisses the case filed by a Dravidian outfit against actor Rajinikanth on his comment against Periyar. The Court says ‘why rush to High Court instead of going to Magistrate Court?’ (file pic) pic.twitter.com/cgSoiEsyP2
— ANI (@ANI) January 24, 2020
द्रविड़ संगठन द्रविदार विधुतलाई कझगम (डीवीके) ने आरोप लगाया था कि अभिनेता सरासर झूठ बोल रहे हैं। साथ ही संगठन ने रजनीकांत से बिना शर्त माफी माँगने की भी माँग की थी। इस पर रजनीकांत ने अपने बयान पर माफी माँगने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि वे इस मामले में माफी बिलकुल नहीं माँगेंगे। उन्होंने कहा था कि उन्होंने पेरियार को लेकर जो कुछ भी कहा वो उस समय मीडिया में भी प्रकाशित हुआ था। जिसके सबूत उनके पास अब भी है। इसलिए वे माफी नहीं माँगेंगे।
Rajinikanth on protests over his remarks on E.V. Ramasamy ‘Periyar’: I did not make up what I said, there are even published stories in media on it,I can show them. I will not apologize pic.twitter.com/fjmA7jToz5
— ANI (@ANI) January 21, 2020
बता दें, बीते शुक्रवार को कोयंबटूर पुलिस आयुक्त को रजनीकांत के खिलाफ मामले में शिकायत मिली। डीवीके के कोयंबटूर प्रमुख नेहरूदास ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (a) (धर्म के आधार पर समाज में शत्रुता फैलाना) और 505 (लोगों को भ्रमित करने और उकसाने वाला बयान देना) के तहत कार्रवाई किए जाने की माँग की और उनसे माफी माँगने को कहा।
ग़ौरतलब है कि 14 जनवरी को तुगलक मैगजीन की 50वीं वर्षगाँठ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान पेरियार ईवी रामासामी को लेकर रजनीकांत ने कहा था कि पेरियार हिंदू देवी-देवताओं के कट्टर आलोचक थे और उन्होंने 1971 में सलेम में अंधविश्वास उन्मूलन सम्मेलन के दौरान भगवान राम और सीता की आपत्तिजनक तस्वीरें भी दिखाई थीं। लेकिन इसके बाद भी किसी ने पेरियार की आलोचना नहीं की। केवल चो (तुगलक मैग्जीन के संस्थापक) ने इस मामले को उजागर किया था।
रजनीकांत ने इस कार्यक्रम में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था कि तुगलक ही अकेली मैगजीन थी, जिसने उस कार्यक्रम को कवर किया और हिंदू देवी-देवताओं के अपमान की बात उजागर की। लेकिन ये बात सत्तारूढ़ डीएमके को पसंद नहीं आई। मैगजीन के उस संस्करण को तमिलनाडु सरकार ने जब्त कर लिया। मगर, चो ने इसे दोबारा छापा।
पेरियार ने दिखाई राम-सीता की आपत्तिजनक तस्वीरें, साबित कर सकता हूँ, माफी नहीं मागूँगा: रजनीकांत