बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) अपनी आगामी फिल्म पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chouhan) को लेकर काशी के दौरे पर पहुँचे थे। उन्होंने भारत सरकार से इतिहास की किताबों को फिर से लिखने की अपील की है। एक्टर ने कहा कि इतिहास की किताबों में राजाओं के बारे में नहीं बताया जाता, जबकि वो भी महान थे। देश के बच्चों को महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान के बारे में जानना चाहिए।
ANI को दिए इंटरव्यू में अक्षय कुमार ने किताबों में से गायब शूरवीर राजाओं की गाथा पर कहा, “कोई भी ऐसा नहीं था, जो हमारी इतिहास की किताबों में इसको लिख सके। हमें इसके बारे में जानना चाहिए था। आपके (एंकर से कहा) भी बच्चों ने नहीं पढ़ी होगी।” एक्टर ने भारत के शिक्षा मंत्री से अपील की कि वो इस मामले में ध्यान दें। ताकि ये जानकारी बैलेंस हो सके।
एक्टर ने कहा, “मैं ये नहीं कहता कि हमें मुगलों के बारे में नहीं जानना चाहिए, लेकिन हमारे राजाओं के बारे में भी जानें, क्योंकि वो भी महान थे। हमारे बच्चों को महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान के बारे में भी जानना चाहिए। मैं मेरे बच्चे की ही बात करता हूँ, उसे अंग्रेजों और मुगलों के बारे में पता है। लेकिन उसे सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बारे में नहीं जानता क्योंकि उसने वो नहीं पढ़ा।”
#WATCH | Nobody is there to write about it in our history books. I would like to appeal to the Education Minister to look into this matter and see if we can balance it. We should know about Mughals but know about our kings also, they were great too: Actor Akshay Kumar to ANI pic.twitter.com/05WKtQ4dNw
— ANI (@ANI) June 1, 2022
एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश से बात करते हुए अक्षय कुमार ने अफसोस जताया, “मैं सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बारे में और जानना चाहता था। मैंने उनसे (निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी) बहुत सारी कहानियाँ सुनीं, लेकिन दुर्भाग्य से हमारी इतिहास की किताबों में उनके बारे में केवल 2 या 3 लाइन ही लिखा है। किताबों में बाकी सब कुछ है, आक्रमणकारियों के बारे में बहुत सारे विवरण हैं, लेकिन हमारी संस्कृति और हमारे महाराजाओं का शायद ही कोई उल्लेख है।”
#WATCH | Unfortunately, our history textbooks only have 2-3 lines about Samrat Prithviraj Chauhan, but a lot has been mentioned about the invaders. There is hardly anything mentioned about our culture and our Maharajas: Actor Akshay Kumar to ANI pic.twitter.com/qnKacpylLv
— ANI (@ANI) June 1, 2022
उन्होंने कहा, वो काशी में एक सम्मान प्रकट करने के लिए गए थे, न कि हाथ जोड़कर ये मन्नत माँगने की फिल्म चला दो। इसके साथ ही एक्टर ने ये भी कहा कि फिल्म करने से पहले डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने उन्हें ये बताया था कि कैसे गुजरात का सोमनाथ मंदिर और काशी दोनों ही पृथ्वीराज चौहान से संबंधित हैं।
हिंदू नेशनलिज्म नहीं, कल्चरल नेशनलिज्म: पृथ्वीराज के निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विदेदी
डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने काशी के दौरे को हिन्दू नेशनलिज्म से जोड़ने पर कहा, “हिन्दू नेशनलिज्म कहा जा रहा है, मैं उसे कल्चरल नेशनलिज्म (सांस्कृतिक राष्ट्रवाद) कहूँगा। क्योंकि, इस देश की प्रकृति हिन्दू है और जब मैं हिन्दू कहता हूँ, तो इसका अर्थ संस्कृति से होता है। भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी वाराणसी है। गंगा और हिमालय ये भावना की बात है। गंगा ने कभी कुछ लिखा नहीं। लेकिन, हम सब की ये भावनाएँ हैं कि ये वो धारा बहती आ रही है, जिसने इस इतिहास को देखा है।”
ज्ञानवापी के मुद्दे पर देश में चल रही बहस पर बयान देते हुए द्विवेदी कहते हैं, “भगवान काशी विश्वनाथ के मंदिर को पहली बार जिसने तोड़ा था, वो कुतुबुद्दीन ऐबक था। कुतुबुद्दीन ऐबक मोहम्मद गौरी का सेवक था। सोमनाथ मंदिर का जिक्र भी हमारी फिल्म में है। सोमनाथ को कई बार तोड़ा गया। इस देश के सामने प्रश्न था कि जिसका भी विध्वंश किया गया था, उसे ऐसे ही छोड़ दें। 1947 में देश आजाद होने के बाद सरदार पटेल, केएन मुंशी, मोहन झा आदि ने मिलकर ये तय कि हमारी ऊर्जा का केंद्र सोमनाथ मंदिर है। ये हमारे सांस्कृतिक पुनरोत्थान की बात है। 1500 से अधिक सालों (1192) से हमारे ऊपर कई तरह आक्रमण हुए। लेकिन अब हमारे पास आजाद भारत में मौका है। इसके बाद 1948 में सोमनाथ के मंदिर को फिर से खोला गया।”
#WATCH | Samrat Prithviraj’s dir Chandraprakash Dwivedi, says “…You used the term Hindu nationalism, I call it cultural nationalism too. Nothing wrong in reviving Hindu nationalism/cultural nationalism as this nation’s character is Hindu, when I say Hindu it means culture….” pic.twitter.com/OrMWimIZYp
— ANI (@ANI) June 1, 2022
मंदिरों में चढ़ावे पर अक्षय कुमार का बयान
एंकर के मंदिरों पर चढ़ावे के सवाल पर अक्षय कुमार ने कहा कि वो हाल ही में सोमनाथ मंदिर गए थे। वहाँ उन्हें दूध चढ़ाना था, लेकिन उन्होंने दूध चढ़ाने के बजाय उसे मंदिर के ट्रस्ट को दिया और उसे जरूरतमंदों को देने को कहा।